TCS Layoffs: Skill Gaps, AI Hype और प्रबंधन में बदलाव की अनकही कहानी!

TCS Layoffs: Skill Gaps, AI Hype और प्रबंधन में बदलाव की अनकही कहानी!


भारत की सबसे बड़ी IT सर्विस कंपनी, ने वित्तवर्ष 2025-26 में TCS Layoffs की घोषणा करके पूरे टेक उद्योग को चौंका दिया। इस फैसले के बाद अटकलें लगाई जा रही थीं कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के बढ़ते इस्तेमाल के कारण यह कदम उठाया गया। लेकिन अब कंपनी के CEO के. कृतिवासन ने इस मुद्दे पर चुप्पी तोड़ते हुए वास्तविक कारणों का खुलासा किया है।

TCS layoffs के पीछे क्या है असली वजह?


TCS layoffs: कंपनी ने बताया कि वह अपने वैश्विक वर्कफोर्स का लगभग 2% हिस्सा घटा रहा है, जो मुख्य रूप से मिड और सीनियर मैनेजमेंट स्तर के कर्मचारियों को प्रभावित करेगा। शुरुआती कयासों में इसे AI और ऑटोमेशन से जोड़कर देखा गया, लेकिन CEO कृतिवासन ने इसको गलत बताया।

> “यह फैसला AI से जुड़ी 20% उत्पादकता बढ़ोतरी के कारण नहीं लिया गया है। असल वजह स्किल mismatch और कर्मचारी की सही जगह तैनाती न हो पाना है,” — के. कृतिवासन, मनीकंट्रोल से बातचीत में।

स्किल्स की कमी एवं पुनर्नियोजन की दिक्कत



कृतिवासन के अनुसार, छंटनी का फैसला इसलिए लिया गया क्योंकि कुछ कर्मचारियों के पास कंपनी की नई तकनीक-आधारित जरूरतों के अनुसार कौशल नहीं था। खासकर सीनियर स्तर पर कुछ लोग नई टेक्नोलॉजी में खुद को अपग्रेड नहीं कर पाए, भले ही उन्हें इसके लिए प्रशिक्षित किया गया हो।

TCS ने अब तक 5.5 लाख से अधिक कर्मचारियों को AI की बेसिक ट्रेनिंग दी है और 1 लाख से अधिक को एडवांस AI में ट्रेंड किया है। बावजूद इसके, कुछ भूमिकाएं कंपनी की रणनीति में सामंजस्य नहीं बिठा पा रही थीं।

क्या AI पूरी तरह से जिम्मेदार नहीं?



हालांकि CEO ने AI को सीधे छंटनी का कारण नहीं बताया, लेकिन यह जरूर माना जा रहा है कि बदलती तकनीक, स्वचालन और मशीन लर्निंग की वजह से IT सेक्टर की कार्य प्रणाली में व्यापक बदलाव आ रहा है। क्लाइंट्स अब तेजी, मूल्य और इनोवेशन की मांग कर रहे हैं—जिससे पुराने तरीके की भूमिकाएं कम होती जा रही हैं।

विशेषज्ञों की मानें तो AI अप्रत्यक्ष रूप से कर्मचारियों की जरूरतों को प्रभावित कर रहा है, और इससे संगठनों को अपने कार्यबल का पुन: मूल्यांकन करना पड़ता है।

चरणबद्ध और सहानुभूतिपूर्ण तरीका



TCS का कहना है कि छंटनी एक झटके में नहीं की जाएगी। यह प्रक्रिया धीरे-धीरे पूरे वर्ष चलेगी ताकि प्रभावित कर्मचारियों को पुनर्नियोजन या अन्य समर्थन दिया जा सके। कंपनी ने वादा किया है कि जिनकी नौकरी जाएगी, उन्हें नोटिस पीरियड सैलरी, सेवरेंस पैकेज, हेल्थ इंश्योरेंस, काउंसलिंग और जॉब प्लेसमेंट जैसी सुविधाएं दी जाएंगी।

IT क्षेत्र का भविष्य क्या है?



TCS अब “फ्यूचर-रेडी” बनने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रही है, जिसमें कुशलता, आधुनिक टेक्नोलॉजी और ग्राहक की बदलती मांगें अहम भूमिका निभा रही हैं। CEO ने साफ किया कि AI से सीधे नौकरी नहीं गई, लेकिन टेक्नोलॉजी बदलाव और स्किल्स की जरूरतों का असर ज़रूर पड़ रहा है।

मुख्य बातें संक्षेप में:


**AI नहीं है सीधे जिम्मेदार:** CEO के मुताबिक, छंटनी AI से नहीं बल्कि स्किल गेप और पुनर्नियोजन में असफलता के कारण हुई है।
**अपस्किलिंग पर जोर:** TCS ने लाखों कर्मचारियों को AI ट्रेनिंग दी है, फिर भी कुछ लोग नई भूमिकाओं के लिए उपयुक्त नहीं हो पाए।
**बदलता इंडस्ट्री ट्रेंड:** TCS की रणनीति पूरी IT इंडस्ट्री में तकनीकी बदलाव को दर्शाती है।
**कर्मचारी हितों का ध्यान:** छंटनी को सहानुभूतिपूर्ण तरीके से लागू किया जाएगा, पूरी सहायता के साथ।

निष्कर्ष


TCS layoffs: कंपनी ने जो निर्णय लिया है वह दर्शाता है कि आज के दौर में IT कंपनियों को सिर्फ तकनीक के साथ नहीं बल्कि संसाधनों के सही उपयोग और भविष्य की जरूरतों के अनुसार खुद को ढालना पड़ रहा है।

CEO K. कृतिवासन के अनुसार, AI अभी नौकरियां ले जाने वाला नहीं बना, लेकिन यह साफ है कि भविष्य के लिए तैयार होना अब सभी कर्मचारियों की जिम्मेदारी है।

TCS में 12,000 कर्मचारियों की छुट्टी! जानिए कौन-कौन होंगे बाहर?

TCS में 12,000 कर्मचारियों की छुट्टी! जानिए कौन-कौन होंगे बाहर?


भारत की सबसे बड़ी आईटी सेवा प्रदाता कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) ने रविवार को घोषणा की कि TCS में 12,000 कर्मचारियों की छुट्टी होगी। वह वित्त वर्ष 2026 (अप्रैल 2025 से मार्च 2026) के दौरान अपने कुल कार्यबल में से 2% की कटौती करने की योजना बना रही है। यह छंटनी मुख्य रूप से मध्य और वरिष्ठ प्रबंधन स्तर पर केंद्रित होगी।

कर्मचारियों की कटौती का कारण क्या है?


कंपनी के अनुसार, यह निर्णय संगठनात्मक दक्षता बढ़ाने, स्वचालन (automation) को अपनाने और प्रबंधन स्तर को सरल करने की रणनीति के तहत लिया गया है। बदलती तकनीकी दुनिया में, टीसीएस अपने संचालन को अधिक चुस्त और प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए पुराने ढांचे में बदलाव कर रही है।

टीसीएस के एक प्रवक्ता ने बताया:


> “हम लगातार अपने संगठनात्मक ढांचे और प्रतिभा की आवश्यकताओं का मूल्यांकन करते रहते हैं। यह योजना ग्राहकों की बदलती जरूरतों, तकनीकी प्रगति और लागत प्रबंधन को ध्यान में रखते हुए बनाई गई है।”

किन कर्मचारियों पर होगा सबसे अधिक असर?


इस बार की छंटनी में खास बात यह है कि यह प्रवेश स्तर (entry-level) के बजाय मध्य और वरिष्ठ प्रबंधन पर केंद्रित होगी। प्रभावित कर्मचारियों में प्रोजेक्ट मैनेजर, टीम लीड और अनुभवी प्रबंधन पदों पर कार्यरत लोग शामिल होंगे, जिनकी कंपनी में कई वर्षों की सेवा रही है।

टीसीएस अब पारंपरिक पदानुक्रम (hierarchy) से हटकर एक फ्लैट और कौशल-आधारित संरचना की ओर बढ़ रही है, जिससे निर्णय लेने की प्रक्रिया तेज और सरल हो सके।

TCS में 12,000 कर्मचारियों की छुट्टी: कितने लोगों पर पड़ेगा प्रभाव?


टीसीएस वर्तमान में दुनिया भर में 6 लाख से अधिक कर्मचारियों को रोजगार देती है। 2% की कटौती का अर्थ है कि लगभग 12,000 कर्मचारियों को प्रभावित किया जा सकता है। हालांकि यह प्रक्रिया एक साथ नहीं होगी, बल्कि चरणबद्ध तरीके से पूरे वित्त वर्ष में लागू की जाएगी।

स्वैच्छिक रिटायरमेंट और पुनर्नियोजन का विकल्प


टीसीएस इस प्रक्रिया को संवेदनशील तरीके से लागू करना चाहती है। कंपनी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजनाएं (VRS) और पुनर्नियोजन (redeployment) के विकल्प प्रदान कर सकती है ताकि जबरन छंटनी की संख्या को कम किया जा सके। साथ ही, कंपनी द्वारा नवीनतम तकनीकों में प्रशिक्षण और पुन: कौशल विकास (reskilling) के अवसर भी दिए जा सकते हैं।

विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम कंपनी की कर्मचारी अनुकूल छवि बनाए रखने में मदद करेगा।

बाजार और उद्योग जगत की प्रतिक्रिया


इस घोषणा के बाद आईटी क्षेत्र में मिश्रित प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। कुछ विश्लेषकों के अनुसार यह एक साहसिक और आवश्यक कदम है, जबकि अन्य इसे कर्मचारी मनोबल पर नकारात्मक असर डालने वाला मानते हैं।

आईटी क्षेत्र के विश्लेषक रवि मेहता ने कहा:


> “टीसीएस एक रणनीतिक जोखिम उठा रही है। वरिष्ठ प्रबंधन में कटौती केवल लागत की बात नहीं है, यह संस्कृति में बदलाव का संकेत है।”


गौरतलब है कि वर्तमान में पूरी आईटी इंडस्ट्री क्लाइंट खर्च में कमी, वैश्विक अनिश्चितताओं और डिजिटल प्राथमिकताओं में बदलाव जैसी चुनौतियों का सामना कर रही है।

युवाओं को मिलेगा अवसर


छंटनी की योजना के बावजूद, टीसीएस ने यह स्पष्ट किया है कि वह फ्रेशर्स और तकनीकी युवाओं की भर्ती जारी रखेगी, खासकर AI, मशीन लर्निंग, क्लाउड कंप्यूटिंग और साइबर सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में। कंपनी का उद्देश्य अपने कार्यबल को भविष्य की जरूरतों के अनुसार तैयार करना है।

निष्कर्ष


टीसीएस का यह कदम केवल एक लागत-कटौती रणनीति नहीं है, बल्कि एक आधुनिक और उत्तरदायी संगठन के निर्माण की दिशा में एक अहम प्रयास है। यह परिवर्तन संगठन को अधिक तेज़, कुशल और नवाचार-प्रेरित बनाने के लिए आवश्यक है।

हालांकि, यह देखना बाकी है कि कंपनी इस परिवर्तन को कितनी सफलता और संवेदनशीलता के साथ लागू कर पाती है। टीसीएस के इस निर्णय का असर न केवल उसके भीतर, बल्कि पूरे आईटी क्षेत्र पर दिखाई देने की संभावना है।