Varanasi floods alert: गंगा के सभी घाट डूबे, बारिश से मंदिरों में घुसा पानी!

Varanasi floods alert: गंगा के सभी घाट डूबे, बारिश से मंदिरों में घुसा पानी!


पिछले कई दिनों से हो रही लगातार भारी बारिश के कारण प्रशासन ने Varanasi floods alert कर दिया है। गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है, जिससे सभी प्रमुख घाट जलमग्न हो गए हैं और किनारे बने कई प्राचीन मंदिरों में पानी भर गया है।

गंगा का जलस्तर खतरे के ऊपर


प्रशासन के अनुसार, गंगा का पानी लगातार बढ़ रहा है और डेंजर लेवल को पार कर चुका है। इससे दशाश्वमेध घाट, अस्सी घाट, मणिकर्णिका घाट, पंचगंगा घाट समेत कई घाट पूरी तरह पानी में डूब गए हैं। श्रद्धालुओं, पर्यटकों और स्थानीय लोगों की आवाजाही पर रोक लगाई गई है।

केंद्रीय जल आयोग (CWC) की रिपोर्ट के अनुसार, उत्तराखंड और आसपास के क्षेत्रों में हो रही भारी बारिश के कारण गंगा में जलप्रवाह बढ़ा है, जिससे वाराणसी जैसे निचले इलाके प्रभावित हो रहे हैं।

नदी किनारे बने मंदिरों में जलभराव


गंगा किनारे बने कई ऐतिहासिक मंदिरों में पानी घुस चुका है। केदारेश्वर मंदिर, शीतला माता मंदिर, और घाटों पर बने छोटे-छोटे मंदिरों में पूजा-अर्चना करने में कठिनाई हो रही है। पुजारी और सेवक नावों या ऊँचाई वाले स्थानों से पूजा करने का प्रयास कर रहे हैं।

प्रशासन ने घाटों के आसपास बैरिकेडिंग कर दी है और लोगों से अपील की है कि वे इन क्षेत्रों में न जाएं।

Varanasi floods alert जारी, राहत टीमें तैयार


जिला प्रशासन और आपदा प्रबंधन बल (NDRF) ने बाढ़ की आशंका को देखते हुए चेतावनी जारी कर दी है। घाटों और प्रभावित इलाकों में रेस्क्यू बोट और आपातकालीन उपकरण तैनात किए गए हैं।

जिलाधिकारी एस. राजालिंगम ने बताया, “स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है। मुनादी कर लोगों को सतर्क किया जा रहा है और राहत व बचाव की पूरी तैयारी है।”

धार्मिक गतिविधियां और पर्यटन प्रभावित


गंगा आरती जैसी प्रसिद्ध धार्मिक क्रियाएं भी इस बाढ़ से प्रभावित हुई हैं। आरती का आयोजन या तो स्थगित कर दिया गया है या फिर ऊँचाई पर स्थानांतरित किया गया है।

नाव सवारी और क्रूज सेवा अस्थायी रूप से रोक दी गई है। घाटों के पास दुकान चलाने वाले छोटे व्यापारी और फेरीवाले भी आर्थिक नुकसान झेल रहे हैं।

मौसम विभाग की चेतावनी: अगले दो दिन और बारिश


भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने अगले 48 घंटों तक और बारिश की भविष्यवाणी की है। जमीन पहले से ही भीगी होने और गंगा में जलस्तर पहले से ऊँचा होने के कारण बाढ़ की स्थिति और गंभीर हो सकती है।

लोगों को सलाह दी गई है कि वे:

नदी किनारे न जाएं

प्रशासन द्वारा जारी अलर्ट का पालन करें

अनावश्यक यात्रा से बचें

राहत व बचाव टीमों के निर्देशों का पालन करें।

निष्कर्ष:


वाराणसी की मौजूदा बाढ़ स्थिति ने एक बार फिर दिखाया है कि शहर को बेहतर बाढ़ प्रबंधन व्यवस्था की ज़रूरत है। धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण घाटों और मंदिरों का डूबना सिर्फ भौतिक नुकसान नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक पीड़ा भी है। प्रशासन इस संकट से निपटने के लिए पूरी ताकत से जुटा है।

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