
केरल के वरिष्ठ नेता और सामाजिक कार्यकर्ता Sadanandan Master ने राज्यसभा के लिए नामित होने के बाद इसे एक “गौरवपूर्ण क्षण” बताया है। उन्होंने कहा कि वह यह जिम्मेदारी पाकर बेहद सम्मानित महसूस कर रहे हैं और अब उनका लक्ष्य है — विकसित केरल के निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाना।
“जनता की सेवा के लिए समर्पित रहूंगा”
राज्यसभा के लिए नामांकन की घोषणा के बाद सदानंदन मास्टर ने कहा, “यह सिर्फ मेरा नहीं, बल्कि हर उस सामान्य कार्यकर्ता का गौरव है जो देश और समाज के लिए काम करता है। मैं केरल के विकास और जनता की सेवा के लिए पूरी निष्ठा से कार्य करूंगा।”
संघर्षों से भरा जीवन, फिर भी अडिग संकल्प
Sadanandan Master का जीवन संघर्षों और सेवा का प्रतीक रहा है। वर्षों पहले एक राजनीतिक हमले में गंभीर रूप से घायल होने के बावजूद उन्होंने जनसेवा से कभी मुंह नहीं मोड़ा। विपरीत परिस्थितियों में भी उन्होंने समाज सेवा जारी रखी और आज वे पूरे राज्य में सम्मान के पात्र हैं।
बीजेपी नेतृत्व से मिला समर्थन
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के शीर्ष नेताओं ने उनके नामांकन का स्वागत किया है। पार्टी के केरल इकाई ने इसे नॉर्थ केरल के उन कार्यकर्ताओं के लिए सम्मान बताया है जो वर्षों से संगठन के लिए काम कर रहे हैं। उनके नामांकन को जमीनी कार्यकर्ताओं के प्रति पार्टी की प्रतिबद्धता के रूप में देखा जा रहा है।
विकास पर रहेगा फोकस
Sadanandan Master ने स्पष्ट किया कि उनकी प्राथमिकता होगी — केरल के ग्रामीण इलाकों में बुनियादी सुविधाएं, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाना। उन्होंने कहा कि “विकास ऐसा हो जो समाज के हर वर्ग तक पहुंचे, चाहे वह कितना भी पिछड़ा क्यों न हो।”
राजनीतिक दृष्टिकोण
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह नामांकन न केवल बीजेपी की रणनीति का हिस्सा है, बल्कि एक प्रेरणा भी है — उन सभी कार्यकर्ताओं के लिए जो बिना किसी लालच के संगठन के लिए काम कर रहे हैं। इससे राज्य में पार्टी को नई ऊर्जा मिलने की उम्मीद है।
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निष्कर्ष:
Sadanandan Master का राज्यसभा में नामांकन न केवल उनके जीवन की उपलब्धि है, बल्कि केरल की राजनीति में भी एक प्रेरणादायक अध्याय जोड़ता है। ‘विकसित केरल’ के उनके दृष्टिकोण से उम्मीद की जा रही है कि वे संसद में आम लोगों की आवाज़ बनकर उभरेंगे और राज्य के संतुलित विकास में योगदान देंगे।