मशहूर मिमिक्री कलाकार और अभिनेता Kalabhavan Navas होटल में मृत पाए गए, फिल्मी दुनिया में शोक की लहर!

मशहूर मिमिक्री कलाकार और अभिनेता Kalabhavan Navas होटल में मृत पाए गए, फिल्मी दुनिया में शोक की लहर!


मलयालम सिनेमा के जाने-माने मिमिक्री कलाकार और अभिनेता Kalabhavan Navas शुक्रवार को कोच्चि के एक होटल में मृत पाए गए। 51 वर्षीय नवास के असामयिक निधन से मनोरंजन जगत सदमे में है।


मलयालम फिल्म इंडस्ट्री को शुक्रवार को एक बड़ा झटका लगा जब मशहूर अभिनेता और मिमिक्री आर्टिस्ट Kalabhavan Navas का शव कोच्चि के चोत्तानिक्करा स्थित एक होटल में पाया गया। वे उस होटल में एक फिल्म की शूटिंग के सिलसिले में ठहरे हुए थे। उनकी उम्र 51 वर्ष थी।

यह दुखद घटना तब सामने आई जब होटल स्टाफ ने देखा कि नवास लंबे समय से अपने कमरे से बाहर नहीं आए थे और ना ही किसी कॉल का जवाब दे रहे थे। कर्मचारियों ने तुरंत स्थानीय पुलिस को सूचित किया। पुलिस मौके पर पहुंची और कमरे का दरवाजा खोलने के बाद पाया कि नवास अचेत अवस्था में थे। उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।

प्रारंभिक जांच और संभावित कारण



पुलिस ने प्रारंभिक जांच में बताया कि घटना में किसी तरह की साजिश या बाहरी हस्तक्षेप के संकेत नहीं मिले हैं। हालांकि, मौत का सही कारण जानने के लिए शव को पोस्टमार्टम के लिए एर्नाकुलम मेडिकल कॉलेज भेजा गया है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी अनुमान लगाया गया है कि उन्हें हृदयाघात (कार्डियक अरेस्ट) हो सकता है, लेकिन आधिकारिक पुष्टि अभी बाकी है।

कौन थे Kalabhavan Navas?



कलाभवन नवास मलयालम सिनेमा और मंचीय मिमिक्री जगत का एक प्रतिष्ठित नाम थे। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत प्रसिद्ध मिमिक्री ग्रुप कलाभवन से की थी, जहां से कई बड़े कलाकारों ने अपनी पहचान बनाई, जिनमें दिवंगत अभिनेता कलाभवन मणि भी शामिल हैं।

नवास की खासियत थी उनकी आवाज़ की विविधता और सटीक नकल, जिनकी बदौलत उन्होंने हजारों दर्शकों को हँसाया और सोचने पर मजबूर किया। उन्होंने अपने करियर में 50 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया और कई टेलीविज़न कॉमेडी शोज़ में हिस्सा लिया।

कुछ यादगार फिल्में:

सीआईडी उनिकृष्णन बी.ए. बी.एड.

मीशा माधवन

पुलीवाल कल्याणम

थिलक्कम

चथिक्कथा चन्तु


हालाँकि वे मुख्य भूमिकाओं में कम नजर आए, लेकिन सह-कलाकार के रूप में उनका योगदान हमेशा सराहनीय रहा।

मनोरंजन जगत में शोक की लहर



Kalabhavan Navas के निधन की खबर से पूरी फिल्म इंडस्ट्री में शोक की लहर दौड़ गई है। सोशल मीडिया पर अभिनेता हरिश्री अशोकन, सलीम कुमार, और दिलिप जैसे दिग्गजों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी और उन्हें एक सरल, विनम्र और प्रतिभाशाली कलाकार बताया।

AMMA (Association of Malayalam Movie Artists) ने भी एक आधिकारिक बयान जारी कर नवास के योगदान को याद किया और उनके परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की।

निजी जीवन और अंतिम संस्कार



नवास अपने पीछे पत्नी और दो बच्चों को छोड़ गए हैं। अंतिम संस्कार उनके गृहनगर त्रिशूर में किया जाएगा। उनके प्रशंसक, मित्र और सहकर्मी अंतिम दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं।

अंतिम शब्द



Kalabhavan Navas भले ही आज हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनके द्वारा दिए गए हँसी के पल और अनगिनत किरदार मलयालम सिनेमा और मंचीय कला में सदैव जीवित रहेंगे। उनकी यह असमय विदाई हमें यह याद दिलाती है कि कलाकारों की अहमियत सिर्फ उनकी भूमिका में नहीं, बल्कि उनके व्यक्तित्व और प्रभाव में भी होती है।

पूर्व केरल मुख्यमंत्री VS Achuthanandan का 101 वर्ष की आयु में निधन: एक विचारशील कम्युनिस्ट नेता की विरासत!

पूर्व केरल मुख्यमंत्री VS Achuthanandan का 101 वर्ष की आयु में निधन: एक विचारशील कम्युनिस्ट नेता की विरासत!


केरल के अनुभवी कम्युनिस्ट नेता और पूर्व मुख्यमंत्री VS Achuthanandan का 101 वर्ष की आयु में निधन हो गया। यह खबर कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी) ने सोमवार को जारी की, जो एक राजनीतिक युग के अंत की सूचना देती है।

राजनीतिक जीवन की लंबी यात्रा


VS Achuthanandan का जन्म 20 अक्टूबर 1923 में केरल के अलाप्पुझा जिले में हुआ था। गरीब परिवेश में जन्म लेने वाले अच्युतानंदन ने देश के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान सक्रिय भागीदारी निभाई और 1964 में सीपीआई से विभाजन के पश्चात् सीपीएम के संस्थापकों में शामिल हुए। उन्होंने केरल की राजनीतिक धारा और सामाजिक बदलाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

मुख्यमंत्री के रूप में सेवाएं


VS Achuthanandan ने 2006 से 2011 तक केरल के 11वें मुख्यमंत्री के रूप में सेवा की। अपने साफ-सुथरे व्यक्तित्व और भ्रष्टाचार विरोधी नीतियों के लिए प्रसिद्ध, उन्होंने मुनार में अवैध ज़मीन हड़पाव पर कार्रवाई के साथ-साथ सार्वजनिक स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्रों में अहम सुधार किए। उनके नेतृत्व में किसानों, श्रमिकों और पर्यावरण संरक्षण के मुद्दों को विशेष महत्व दिया गया।

कम्युनिस्ट विचारधारा के प्रति अडिग प्रतिबद्धता


अपने पूरे जीवनकाल में VS Achuthanandan ने मार्क्सवादी विचारधारा का पालन किया। स्वतंत्रता संग्राम के गवाह और प्रतिभागी के रूप में, उन्होंने न केवल राजनीति के क्षेत्र में बल्कि सामाजिक आंदोलन में भी अपनी छाप छोड़ी। पार्टी के भीतर कई चुनौतियों और मतभेदों के बावजूद, वह सदैव नैतिक आवाज बने रहे।

उनके जोशीले भाषण और स्पष्ट वक्तव्य ने केरल की राजनीति में एक विशेष स्थान बनाया, जिससे जनता और सहयोगी दोनों में उनकी काफी लोकप्रियता बनी रही।

विरासत जो हमेशा याद रखी जाएगी


उनके निधन के बाद विभिन्न राजनीतिक दलों और नेताओं ने शोक व्यक्त किया। केरल के मुख्यमंत्री पिनारायी विजयन, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीपीएम के महासचिव सिताराम येचुरी समेत कई प्रमुख हस्तियों ने उनके योगदान की सराहना की। केरल सरकार ने शोक की आधिकारिक घड़ी की घोषणा की है और सार्वजनिक श्रद्धांजलि समारोह की योजना बनाई गई है, जिसमें देशभर के वरिष्ठ नेता और समर्थक शामिल होने की उम्मीद जताई गई है।

एक युग का अंत


VS Achuthanandan का निधन केवल एक अनुभवी नेता के खो जाने का संकेत नहीं, बल्कि ऐसे समय का प्रतीक है जब जनता के हितों के लिए संघर्ष करने वाले नेताओं की कहानी समाप्त हो रही है। उनके कार्यकाल और जीवन से प्रेरणा लेकर आने वाले कई पीढ़ियाँ सामाजिक न्याय, जन-संवेदना और निष्पक्ष प्रशासन की राह पर अग्रसर होंगी।


केरल के शख्स ने घर पर बनाई अपनी ड्रीम लैम्बॉर्गिनी, अल्टो के पहियों और कबाड़ के पुर्जों से तैयार की कार!


केरल के एक युवक ने अपने जुनून और जज्बे से वह कर दिखाया जिसे सुनकर लोग हैरान हैं। इस शख्स ने महंगी स्पोर्ट्स कार लैम्बॉर्गिनी का सपना साकार करते हुए उसे खुद घर पर बना लिया — वो भी मारुति अल्टो के पहियों और कबाड़ के पार्ट्स से।

सपने को दिया हकीकत का आकार

इडुक्की जिले के रहने वाले 29 वर्षीय बिबिन थॉमस हमेशा से लैम्बॉर्गिनी कार का सपना देखते थे। लेकिन करोड़ों की इस कार को खरीद पाना उनके लिए संभव नहीं था। ऐसे में उन्होंने ठान लिया कि अब वो अपनी ड्रीम कार खुद ही बनाएंगे।

किसी भी तरह की इंजीनियरिंग की पढ़ाई न करने के बावजूद बिबिन ने यूट्यूब वीडियो, कुछ तकनीकी किताबों और अपने आत्मविश्वास के दम पर इस प्रोजेक्ट की शुरुआत की।

अल्टो के पहिए, स्क्रैप से बनी बॉडी

बिबिन की इस कार की नींव एक पुरानी मारुति अल्टो की चेसिस और इंजन से रखी गई। कार का बाहरी ढांचा पुराने लोहे के टुकड़ों, बाइक के पार्ट्स और अन्य स्थानीय सामान से तैयार किया गया। उन्होंने खुद ही कार की बॉडी को काटा, जोड़ा, और आकार दिया ताकि वह असली लैम्बॉर्गिनी जैसी दिख सके।

इस कार को बनाने में उन्हें एक साल से ज्यादा का समय लगा और इस दौरान उन्होंने कई रातें बिना सोए बिताईं। सबसे बड़ी चुनौती थी — लैम्बॉर्गिनी के सिग्नेचर “स्किसर डोर्स” और स्टाइलिश डिज़ाइन को हूबहू बनाना।

सोशल मीडिया पर मचा धमाल

कार के तैयार होने के बाद बिबिन ने उसकी तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किए, जो तेज़ी से वायरल हो गए। इंस्टाग्राम रील्स और यूट्यूब पर लाखों लोगों ने उनके टैलेंट को सराहा और उनकी जुगाड़ तकनीक की तारीफ की।

जुनून की मिसाल

हालांकि यह कार असली लैम्बॉर्गिनी जैसी तेज़ नहीं है, लेकिन इसका लुक लोगों का ध्यान खींचने में ज़रूर कामयाब है। यह कार अब उनके सपनों की पहचान बन चुकी है और उन्होंने यह साबित कर दिया कि पैसे से ज़्यादा ज़रूरी होता है जज़्बा।

अब देशभर से ऑटोमोबाइल कंपनियां और डिजाइन संस्थान बिबिन के काम में रुचि दिखा रहे हैं।

निष्कर्ष

बिबिन थॉमस की यह देसी लैम्बॉर्गिनी सिर्फ एक कार नहीं, बल्कि एक ऐसे इंसान की कहानी है जिसने सीमित संसाधनों में भी असीमित सपना पूरा किया। कबाड़ के पुर्जों और जुनून से बनी ये कार आज लाखों लोगों के लिए प्रेरणा बन चुकी है।

मुख्य कीवर्ड्स: #केरललैम्बॉर्गिनी #बिबिनथॉमस #जुगाड़इनोवेशन #हैंडमेडकार #मारुतीअल्टोमॉडिफिकेशन #वायरलकार #ड्रीमकारइंडिया #DIYCarIndia #ऑटोप्रेरणा #भारतीयप्रतिभा