दक्षिण कन्नड़ का रहस्य: धर्मस्थल में नरकंकाल की थैली के साथ लौटा पूर्व सफाईकर्मी, खोले 20 साल पुराने दर्दनाक राज़!

दक्षिण कन्नड़ का रहस्य: धर्मस्थल में नरकंकाल की थैली के साथ लौटा पूर्व सफाईकर्मी, खोले 20 साल पुराने दर्दनाक राज़!


कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले के धर्मस्थल में एक पूर्व सफाईकर्मी ने रेप और मर्डर पीड़ितों के शवों को जलाने व दफनाने का चौंकाने वाला खुलासा किया। 1995 से 2014 के बीच दबे थे ये खौफनाक राज़।

धर्मस्थल की शांति के पीछे छिपा भयानक अतीत


कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ ज़िले के धर्मस्थल में बीते दिनों जो खुलासा हुआ, उसने पूरे इलाके को हिला कर रख दिया है। एक बुजुर्ग पूर्व सफाईकर्मी ने अपने पास मौजूद नरकंकाल की थैली के साथ सामने आकर एक ऐसा सच बताया, जिसे सुनकर किसी की भी रूह कांप उठे।

वह व्यक्ति नेत्रावती नदी के किनारों की सफाई करता था। उसके अनुसार, उसे वर्षों पहले कई महिलाओं और स्कूली लड़कियों की लाशों को ठिकाने लगाने के लिए मजबूर किया गया था—ये महिलाएं यौन उत्पीड़न और हत्या की शिकार थीं। अब वर्षों की आत्मग्लानि के बाद, वह व्यक्ति न्याय और सच्चाई की तलाश में लौटा है।

अपराधों का साक्षी बना सफाईकर्मी


उस व्यक्ति का दावा है कि 1995 से लेकर 2014 तक, उसे बार-बार ऐसे शवों को जलाने और दफनाने के लिए कहा गया, जिनकी हत्या और यौन उत्पीड़न किया गया था। उसका कहना है कि वह इस काम को जबरदस्ती और धमकियों के डर से करता रहा। उसने बताया कि इन घटनाओं के पीछे कुछ प्रभावशाली लोग और अधिकारी थे, जिनके डर से वह अब तक चुप रहा।

11 साल की चुप्पी और डर की ज़िंदगी


2014 के बाद से वह आदमी फरार रहा। उत्तर भारत, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में अपना नाम और पहचान बदलकर रहा। हर दिन उसे डर था कि अगर उसने जुबान खोली तो उसकी जान भी ले ली जाएगी। लेकिन बीते कुछ सालों में, अपनी आत्मा पर पड़े अपराधों के बोझ ने उसे अंदर से तोड़ दिया।

अब वह खुद को हल्का करना चाहता है—और न्याय की उम्मीद में, सामने आकर सच बताने का निर्णय लिया है।

नेत्रावती नदी की चुप्पी टूटी


वह बताता है कि इन शवों को या तो नेत्रावती नदी के किनारे जलाया जाता था या फिर गुपचुप तरीके से दफनाया जाता था। यह नदी, जो हमेशा श्रद्धा और पवित्रता की प्रतीक मानी जाती है, अब इन डरावने खुलासों के चलते एक रहस्य बन गई है।

जांच की उठी मांग, खुदाई की संभावना


इस सनसनीखेज बयान के बाद, मानवाधिकार संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने मांग की है कि मामले की स्वतंत्र जांच हो और नेत्रावती नदी के किनारों की खुदाई की जाए। वे चाहते हैं कि 1995 से 2014 के बीच गुमशुदा महिलाओं और लड़कियों की रिपोर्ट्स दोबारा खंगाली जाएं।

स्थानीय प्रशासन की कार्रवाई शुरू


पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। उस व्यक्ति से विस्तृत पूछताछ की जा रही है। यदि जांच में उसके बयान सही पाए जाते हैं, तो यह मामला कर्नाटक के इतिहास में सबसे बड़े आपराधिक खुलासों में शामिल हो सकता है।

सवाल व्यवस्था पर


यह मामला केवल अपराध का नहीं, बल्कि पूरे प्रशासनिक ढांचे पर सवाल उठाता है। क्या इतने वर्षों तक इतने गंभीर अपराध होते रहे और किसी ने आवाज नहीं उठाई? क्या वाकई समाज और व्यवस्था ने इन पीड़ितों को अकेला छोड़ दिया?

निष्कर्ष:

अब चुप रहना मुमकिन नहीं! पूर्व सफाईकर्मी ने अपनी गलती स्वीकार की है और अब वह पश्चाताप के साथ सच्चाई को सामने लाने में जुटा है। अब बारी हमारी है—कि हम इस मामले को केवल सनसनीखेज खबर बनाकर न छोड़ें, बल्कि सच की तह तक जाकर उन मासूमों को न्याय दिलाएं जिनकी आवाज कभी नहीं सुनी गई।

उत्तर प्रदेश के बागपत में 17 वर्षीय लड़की की कथित हत्या: इज़्ज़त के नाम पर एक और दर्दनाक घटना!

उत्तर प्रदेश के बागपत में 17 वर्षीय लड़की की कथित हत्या: इज़्ज़त के नाम पर एक और दर्दनाक घटना!

उत्तर प्रदेश के बागपत ज़िले से एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है जिसमें एक 17 वर्षीय लड़की की कथित हत्या कर दी। लड़की के परिजनों ने कथित तौर पर प्रेम संबंध के चलते गला घोंटकर हत्या कर दी और शव को चुपचाप गांव के कब्रिस्तान में दफ़ना दिया। यह घटना एक बार फिर तथाकथित ‘इज़्ज़त की हत्या’ (ऑनर किलिंग) की भयावह सच्चाई को उजागर करती है।

क्या हुआ था उस रात?


पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार, मृतक लड़की और उसी गांव का 17 वर्षीय दलित युवक आपसी प्रेम संबंध में थे। दोनों अलग-अलग धर्मों से ताल्लुक रखते थे और समाज की बंदिशों के खिलाफ जाकर 12 जुलाई को हिमाचल प्रदेश भाग गए थे, जहां लड़का काम करता था। हालांकि, दोनों परिवारों ने उन्हें वहाँ से ढूंढ़ निकाला और वापस गांव लेकर आ गए।

वापसी के बाद 22 जुलाई की रात लड़की की कथित तौर पर उसके ही परिवार के सदस्यों ने गला घोंटकर हत्या कर दी। हत्या के बाद परिवार ने इसे टीबी (तपेदिक) से मौत बताकर कब्रिस्तान में गुप्त तरीके से शव दफना दिया।

पुलिस ने कैसे खोली सच्चाई?


इस घटना की मुख्य जानकारी तब सामने आई जब पुलिस को मामला संदिग्ध लगा और उन्होंने मजिस्ट्रेट से अनुमति लेकर शव निकलवाया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गला दबाए जाने की पुष्टि हुई, जिससे हत्या की आशंका प्रबल हो गई।

जांच के दौरान लड़की के चाचा मतलूब को जब हिरासत में लिया गया, तो उसने हत्या से जुड़ी अहम जानकारी दी। इसके बाद पुलिस ने लड़की के पिता, भाई और चार चाचाओं को गिरफ्तार किया। एक नाबालिग रिश्तेदार को भी इसमें शामिल पाया गया जिसे बाल सुधार गृह भेजा गया।

पुलिस ने उस कपड़े को भी बरामद कर लिया जिससे गला घोंटा गया था। वहीं, लड़का जो कि घटनास्थल से घायल हालत में भागकर दोबारा हिमाचल चला गया था, अब मामले में मुख्य गवाह के तौर पर वापस लाया जा रहा है।

ऑनर किलिंग: समाजिक सोच पर सीधा प्रश्न


यह घटना भारत में बार-बार सामने आने वाली उन कहानियों में से एक है जो पारिवारिक ‘इज़्ज़त’ के नाम पर युवाओं की जान ले लेती हैं। धर्म, जाति और सामाजिक पाबंदियों के चलते कई बार युवा प्रेमियों को अपने ही परिजनों की क्रूरता का शिकार होना पड़ता है। लड़की को उसकी मरज़ी से रिश्ते बनाने की स्वतंत्रता नहीं दी गई, और परिणामस्वरूप उसे अपनी जान गंवानी पड़ी।

देश में ऑनर किलिंग को रोकने के लिए कानून तो मौजूद हैं, लेकिन जब अपराधी खुद पीड़िता के अपने परिजन हों, तब जांच और सज़ा की प्रक्रिया बेहद मुश्किल हो जाती है। सामाजिक दबाव और डर के कारण कई मामले सामने ही नहीं आते।

न्याय और बदलाव की आवश्यकता


स्थानीय प्रशासन ने इस मामले में गहन जांच और दोषियों पर सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है। लेकिन सिर्फ एक मामले में कार्रवाई पर्याप्त नहीं है। ज़रूरत है व्यापक सामाजिक सुधार की, जिसमें बेटियों को अपनी पसंद से जीवन जीने का अधिकार मिले, और ‘परिवार की इज़्ज़त’ के नाम पर उनकी आज़ादी और जान न छीनी जाए।

ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए शिक्षा, सामाजिक जागरूकता और कड़ी कानूनी कार्रवाई अनिवार्य है।

**अगर आप या कोई जानकार किसी भी तरह के प्रेम-संबंध पर धमकी, हिंसा या दबाव का सामना कर रहा है, तो कृपया तुरंत स्थानीय पुलिस अथवा सहायता संगठनों से संपर्क करें। आपकी चुप्पी किसी और की जान ले सकती है।**

*(यह लेख अवधारणात्मक है और मीडिया रिपोर्ट्स व पुलिस द्वारा प्रदत्त जानकारी पर आधारित है।)*

अवैध संबंध बना मौत की वजह, पत्नी और प्रेमी पर पति की हत्या का आरोप!

अवैध संबंध बना मौत की वजह, पत्नी और प्रेमी पर पति की हत्या का आरोप!


बिहार के समस्तीपुर जिले से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां अवैध संबंध बना मौत की वजह। एक व्यक्ति की कथित तौर पर उसकी पत्नी और उसके प्रेमी ने मिलकर हत्या कर दी। बताया जा रहा है कि मृतक अमन ने दोनों को आपत्तिजनक स्थिति में रंगे हाथ पकड़ लिया था। यह मामला सामने आते ही इलाके में सनसनी फैल गई है और पुलिस ने पूरे मामले की गंभीरता से जांच शुरू कर दी है।

घटना की पूरी कहानी: शक, संबंध और हत्या


प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, अमन को पिछले कुछ समय से अपनी पत्नी के व्यवहार पर संदेह था। शक तब यकीन में बदल गया जब उसने अपनी पत्नी को एक ट्यूशन पढ़ाने वाले शिक्षक के साथ आपत्तिजनक हालत में देख लिया। यह शिक्षक उसकी पत्नी के मायके के पास ही रहता था।

बताया जा रहा है कि अमन द्वारा रंगे हाथ पकड़ने के बाद दोनों ने मिलकर उसकी हत्या कर दी। कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, यह हत्या अचानक गुस्से में की गई हो सकती है, वहीं पुलिस का यह भी मानना है कि यह एक सोची-समझी साजिश भी हो सकती है।

आरोपों के घेरे में पत्नी और कथित प्रेमी


पुलिस सूत्रों के मुताबिक, मृतक की पत्नी और उसका कथित प्रेमी मुख्य आरोपी के रूप में सामने आ रहे हैं। हालांकि पत्नी ने इन सभी आरोपों से इनकार किया है। उसका कहना है कि उसका किसी से कोई अवैध संबंध नहीं था और वह अपने पति की मौत के लिए जिम्मेदार नहीं है।

वहीं दूसरी ओर, आरोपी ट्यूशन टीचर फिलहाल फरार है। पुलिस ने उसकी तलाश शुरू कर दी है और उसका मोबाइल लोकेशन, कॉल रिकॉर्ड्स और अन्य इलेक्ट्रॉनिक सबूतों को खंगाला जा रहा है।

> “मामले की गंभीरता को देखते हुए हम हर पहलू की जांच कर रहे हैं। प्रारंभिक जांच में अवैध संबंध और हत्या की पुष्टि होती दिख रही है, लेकिन हम अन्य संभावनाओं को भी नजरअंदाज नहीं कर रहे,” — एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया।

इलाके में आक्रोश: लोगों ने की सख्त सजा की मांग


इस जघन्य वारदात के बाद समस्तीपुर में आक्रोश का माहौल है। बड़ी संख्या में लोग थाने के बाहर इकट्ठा होकर आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

एक स्थानीय निवासी ने कहा, “पति-पत्नी के रिश्ते में विश्वास सबसे बड़ा होता है। इस तरह की घटना बेहद शर्मनाक और भयावह है। दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए।”

सोशल मीडिया पर भी यह मामला चर्चा में है। कई लोग इस घटना को ‘रिश्तों की हत्या’ बता रहे हैं तो कुछ लोग निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं।

कानूनी नजरिए से मामला बेहद गंभीर


कानूनी जानकारों के मुताबिक, अगर आरोप सिद्ध होते हैं, तो आरोपी पत्नी और उसके प्रेमी पर आईपीसी की धारा 302 (हत्या), 120बी (षड्यंत्र) और 201 (सबूत नष्ट करना) के तहत मामला दर्ज हो सकता है। यह मामले उन्हें उम्रकैद या फांसी तक की सजा दिला सकते हैं।

जांच की दिशा: आगे क्या होगा?


फिलहाल पुलिस ने पत्नी को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है और फरार प्रेमी की तलाश की जा रही है। पुलिस अमन की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रही है, जिससे हत्या का तरीका और कारण स्पष्ट हो सकेगा।

मामले की जांच में जुटी टीम सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल डेटा और चश्मदीद गवाहों के बयानों के आधार पर आगे बढ़ रही है। पुलिस अधिकारियों ने जनता को भरोसा दिलाया है कि मामले में जल्द ही सच्चाई सामने लाई जाएगी और न्याय दिलाया जाएगा।

निष्कर्ष


समस्तीपुर की यह घटना यह दिखाती है कि अविश्वास, धोखा और अवैध संबंध किस हद तक किसी की जान ले सकते हैं। यह एक दर्दनाक उदाहरण है कि कैसे रिश्तों की मर्यादा टूटने पर नतीजे भयावह हो सकते हैं। आने वाले दिनों में जांच की दिशा से तय होगा कि यह मामला भावनाओं में किया गया अपराध था या एक योजनाबद्ध हत्या।

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Washington Sundar की खामोश सेंचुरी: संयम और संतुलन की मिसाल!

Washington Sundar की खामोश सेंचुरी: संयम और संतुलन की मिसाल!


आज के क्रिकेट युग में, जहां हर शतक के बाद मैदान पर जोश, भावनाओं का सैलाब और जोरदार जश्न आम बात हो गई है, वहीं Washington Sundar का पहला टेस्ट शतक एक सधी हुई, शांत और आत्मविवेक से भरी प्रस्तुति बनकर सामने आया। न कोई नाटकीय प्रतिक्रिया, न आंखों में आंसू और न ही कोई गर्जना—बस एक साधारण रन के लिए आगे बढ़ना, मिड-ऑन की ओर तेज़ दौड़, हेलमेट उतारना और बल्ला उठाकर दर्शकों को धन्यवाद देना। चेहरे पर न मुस्कान, न राहत—बस एक पत्थर जैसी शांति।

यह शतक किसी भी खिलाड़ी के लिए खास होता, लेकिन सुंदर जैसे खिलाड़ी के लिए, जो टेस्ट क्रिकेट में सीमित मौके पाते हैं, यह एक बड़ी उपलब्धि थी। फिर भी, उन्होंने इस पल को किसी दिखावे के बजाय शालीनता से जिया—जैसे उनकी बल्लेबाजी थी, वैसी ही उनकी प्रतिक्रिया: संतुलित और स्थिर।

Washington Sundar: शांत स्वभाव वाला योद्धा


Washington Sundar को आमतौर पर एक उपयोगी ऑलराउंडर के रूप में देखा जाता है—जो ज़रूरत पड़ने पर गेंद से विकेट ले सकता है और बल्ले से जिम्मेदारी निभा सकता है। लेकिन अक्सर उनकी बल्लेबाजी की प्रतिभा सुर्खियों से दूर रह जाती है। इस बार जब मौका मिला, उन्होंने न सिर्फ खुद को साबित किया, बल्कि टीम के लिए एक मजबूत दीवार बन गए।

दबाव भरे हालात में उन्होंने न सिर्फ टिककर बल्लेबाज़ी की, बल्कि रन गति बनाए रखी और अपनी टीम को स्थिरता दी। यह शतक सिर्फ आंकड़ों की बात नहीं थी—यह धैर्य, समझदारी और आत्मविश्वास का परिचय था।

संयम का प्रतीक


Washington Sundar की प्रतिक्रिया उनके शतक के पल में उतनी ही शांत थी जितनी उनकी बल्लेबाजी। कोई अतिरिक्त भावनात्मक प्रदर्शन नहीं, बस एक सौम्य मुस्कान भी नहीं। उन्होंने अपने बल्ले से दर्शकों का अभिवादन किया और फिर से ध्यान केंद्रित कर लिया।

उनकी यह शैली उनके स्वभाव का आईना है—मौन, संयमी, और ध्यान केंद्रित। क्रिकेट में ऐसे खिलाड़ी बहुत कम होते हैं, जो ऐसे मौकों पर भी पूरी तरह संतुलन बनाए रखते हैं।

जब खामोशी ही बन जाए कहानी


आज के सोशल मीडिया-प्रधान क्रिकेट युग में जहां हर उपलब्धि को स्टोरी या रील में बदला जाता है, वहां Washington Sundar की चुप्पी अपने आप में एक कहानी कह गई। उन्होंने दिखा दिया कि हर जश्न ज़रूरी नहीं कि ज़ोर से हो—कभी-कभी शांति ही सबसे बड़ी ताकत होती है।

उनकी यह सादगी और विनम्रता युवा क्रिकेटरों के लिए एक प्रेरणा है। उन्होंने यह संदेश दिया कि सच्चा खिलाड़ी वही होता है जो हर स्थिति में खुद पर नियंत्रण बनाए रखता है।

एक मील का पत्थर


यह शतक सिर्फ एक रिकॉर्ड नहीं, बल्कि Washington Sundar की मेहनत, लगन और धैर्य का परिणाम था। निचले क्रम में खेलने वाले, और लगातार टीम में अपनी जगह के लिए संघर्ष कर रहे खिलाड़ी के लिए यह शतक कई सवालों का जवाब था। यह शतक चयनकर्ताओं और टीम प्रबंधन के लिए एक संकेत है—सुंदर सिर्फ एक पार्ट-टाइम बैटर या गेंदबाज नहीं, बल्कि एक पूर्ण खिलाड़ी हैं।

निष्कर्ष


Washington Sundar का यह शतक क्रिकेट के उन दुर्लभ क्षणों में से एक था जो शोर के बिना भी दिलों में गूंज छोड़ जाता है। उनकी शांति, उनका संयम, और उनकी बल्लेबाज़ी—तीनों ने एक साथ मिलकर यह साबित किया कि क्रिकेट सिर्फ ताकत और जुनून का नहीं, बल्कि आत्मनियंत्रण और विवेक का भी खेल है।

जहां आज का खेल दिखावे और आक्रामकता की ओर बढ़ रहा है, वहीं सुंदर ने शांति का चयन किया। और इस चुप्पी ने वो कहा जो शब्द नहीं कह सकते।


#कलयुगमें_सतयुग_कीशुरुआत_भाग1: अंधकार में उजाले की एक नयी किरण!

परिचय: क्या कलियुग में सतयुग का उदय संभव है?

#कलयुगमें_सतयुग_कीशुरुआत_भाग1: अंधकार में उजाले की एक नयी किरण!


सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर वायरल हो रहे अभियान, #कलयुगमें_सतयुग_कीशुरुआत_भाग1 के अंतर्गत बहुत कुछ अच्छी और सामाजिक विचाराधारा पर प्रकाश डाला गया है। इनमें बहुत सी बातें हैं जो अध्यात्म प्राचीन परंपरा से मेल खाती हैं। भारतीय संस्कृति में चार युगों की परिकल्पना की गई है – सतयुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग और वर्तमान काल, जिसे ‘कलयुग’ कहा जाता है।

आमतौर पर कलयुग को अधर्म, अराजकता और आत्मिक पतन का समय माना जाता है। लेकिन इसी युग में अगर कुछ लोग सत्य, प्रेम और सेवा के मार्ग पर चलें, तो क्या वे सतयुग की नींव नहीं रख सकते? इसी सोच को स्वर मिला है सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे अभियान, #कलयुगमें_सतयुग_कीशुरुआत_भाग1 से।

यह कोई साधारण हैशटैग नहीं है, बल्कि यह एक नई दिशा की ओर उठाया गया जनजागरण का पहला कदम है – आत्मिक जागरूकता, नैतिक मूल्यों और मानवीय संवेदनाओं की पुनर्स्थापना की ओर।

इस अभियान का उद्देश्य क्या है?


#कलयुगमें_सतयुग_कीशुरुआत_भाग1 का उद्देश्य हर व्यक्ति के भीतर के उजाले को जगाना है, जिससे वह अपने जीवन में छोटे-छोटे सत्कर्मों से समाज को भी आलोकित कर सके। इसका प्रमुख मकसद है:

आत्मचिंतन और आत्मसुधार के प्रति लोगों को जागरूक करना

सत्य, संयम और सेवा की भावना को जन-जन तक पहुँचाना

आध्यात्मिकता और नैतिकता को जीवन का मूल आधार बनाना

युवा वर्ग को प्रेरणा देना कि आधुनिकता के साथ-साथ संस्कृति भी जरूरी है।

#कलयुगमें_सतयुग_कीशुरुआत_भाग1 से कलियुग में सतयुग की खोज कैसे संभव है?


जहाँ एक ओर आज का समाज लालच, ईर्ष्या, हिंसा और द्वेष से ग्रस्त है, वहीं दूसरी ओर ऐसे भी लोग हैं जो सेवा, करुणा, और संयम को अपनाकर इस युग में भी उजाले की मिसाल बन रहे हैं।

जब व्यक्ति अपने जीवन में ईमानदारी, सहिष्णुता, सद्भाव और सत्य का पालन करता है, तो वह स्वयं के लिए ही नहीं बल्कि समाज के लिए भी सतयुग की नींव रखता है।

कैसे शुरू करें यह यात्रा?


1. स्वयं से संवाद करें:
प्रतिदिन कुछ पल आत्मनिरीक्षण में बिताएं। यह सोचें कि आपके कर्म दूसरों को कैसे प्रभावित कर रहे हैं।


2. सद्व्यवहार और संयम अपनाएं:
भोजन, वाणी, भावनाओं और तकनीक (जैसे सोशल मीडिया) पर संयम रखें।


3. अच्छे लोगों की संगति करें:
सकारात्मक सोच वाले, सच्चे और सेवा भावी लोगों के संपर्क में रहें।


4. सेवा को जीवन का हिस्सा बनाएं:
जरूरतमंदों की मदद करें, पर्यावरण की रक्षा करें और बुज़ुर्गों का सम्मान करें।


5. ध्यान और साधना से जुड़ें:
दिन में कुछ समय योग, ध्यान और स्वाध्याय को दें। इससे मन और आत्मा दोनों शुद्ध होते हैं।

भाग 1: जागरण की पहली सीढ़ी


यह पहल सिर्फ सोच का बदलाव नहीं है, बल्कि यह आत्मा की गहराई से निकली एक पुकार है। जब हजारों लोग व्यक्तिगत रूप से अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव लाते हैं, तो समाज में एक सामूहिक चेतना का उदय होता है।

#कलयुगमें_सतयुग_कीशुरुआत_भाग1 एक नया अध्याय है – जहाँ धर्म और आधुनिकता, परंपरा और प्रगति, भावना और विवेक साथ-साथ चलते हैं।

बदलाव की आवश्यकता क्यों है?


आज के समय में भले ही हमारे पास तकनीक हो, सुविधाएँ हों, लेकिन मानसिक शांति और संतुलन नहीं है। रिश्ते टूट रहे हैं, तनाव बढ़ रहा है, और मनुष्य स्वयं से दूर होता जा रहा है। ऐसे में यह आवश्यक हो गया है कि हम भीतर की ओर लौटें और सतयुग की चेतना को पुनः जीवंत करें।

अगला कदम: भाग 2 की ओर


#कलयुगमें_सतयुग_कीशुरुआत_भाग1 शुरुआत भर है। इसका अगला चरण समाज में व्यापक जागरूकता, नैतिक शिक्षा और सत्संग संस्कृति को पुनः स्थापित करने की दिशा में होगा। जहाँ हर व्यक्ति दूसरों की भलाई में अपनी खुशी देखे।

निष्कर्ष: युग नहीं, सोच बदलने की जरूरत है


सतयुग कोई बाहरी युग नहीं, बल्कि आंतरिक चेतना की स्थिति है। जब हम अपने भीतर के अंधकार को पहचानकर उसमें रोशनी भरने का प्रयास करते हैं, तब ही असल में सतयुग की शुरुआत होती है – और यह संभव है, आज, अभी, यहीं।

आइए, हम सब मिलकर इस अभियान का हिस्सा बनें और अपने जीवन में सत्य, सेवा और साधना का दीप जलाएं।

सरकार का डिजिटल सफाया: ALTBalaji, ULLU समेत 25 ऐप्स और वेबसाइट्स पर बैन, जानिए वजह!

सरकार का डिजिटल सफाया: ALTBalaji, ULLU समेत 25 ऐप्स और वेबसाइट्स पर बैन, जानिए वजह!


केंद्र सरकार ने Ullu और ALTBalaji सहित 25 मोबाइल ऐप्स और वेबसाइट्स को बैन कर दिया है। इन सभी बैंड ऐप्स और वेबसाइट्स पर अश्लील और आपत्तिजनक कंटेंट प्रसारित करने का आरोप है।

भारत सरकार ने डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर अश्लील, अभद्र और अशोभनीय सामग्री को लेकर बड़ा कदम उठाया है। केंद्र सरकार ने 25 मोबाइल ऐप्स और वेबसाइट्स को प्रतिबंधित कर दिया है जो कथित रूप से अश्लील और ‘पॉर्नोग्राफिक’ कंटेंट को प्रसारित कर रही थीं।

सरकारी सूत्रों के अनुसार जिन प्रमुख ऐप्स और साइट्स को बैन किया गया है, उनमें ALTBalaji, ULLU, Big Shots App, Desiflix, Boomex, Navarasa Lite और Gulab App शामिल हैं। ये सभी प्लेटफॉर्म्स अपने बोल्ड कंटेंट और एडल्ट वेब सीरीज के लिए काफी चर्चित रहे हैं।

❓ बैन की वजह क्या है?


सरकारी जांच और आम नागरिकों की शिकायतों के आधार पर पाया गया कि ये ऐप्स और वेबसाइट्स:

अत्यधिक अश्लील कंटेंट प्रसारित कर रहे थे।

उम्र सत्यापन (Age Verification) जैसे सुरक्षा उपायों का अभाव था, जिससे नाबालिग आसानी से इस कंटेंट तक पहुंच पा रहे थे।

कानूनी और नैतिक मानकों का उल्लंघन कर रहे थे।


इस कार्रवाई को सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 69A के तहत अंजाम दिया गया है, जो सरकार को देश की सार्वजनिक व्यवस्था, नैतिकता और सुरक्षा के हित में किसी भी वेबसाइट या ऐप को ब्लॉक करने का अधिकार देती है।

📱 किन ऐप्स और साइट्स को किया गया बैन?


इन 25 बैन किए गए प्लेटफॉर्म्स में कई भारतीय एडल्ट ओटीटी ऐप्स और वेबसाइट्स शामिल हैं, जो हाल के वर्षों में अपने बोल्ड और विवादास्पद कंटेंट के कारण लोकप्रिय हुए:

ALTBalaji – एकता कपूर की कंपनी का ऐप, जो बोल्ड वेब सीरीज के लिए जाना जाता है।

ULLU – अपने सॉफ्ट एडल्ट कंटेंट के लिए मशहूर।

Desiflix, Boomex, Big Shots, Navarasa Lite, Gulab App – ऐसे ऐप्स जिनकी लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही थी।


इनमें से कुछ प्लेटफॉर्म्स को पहले भी चेतावनी दी गई थी, लेकिन उन्होंने नाम बदलकर या नए इंटरफेस से दोबारा काम शुरू कर दिया था।

🌐 आम जनता और बच्चों तक पहुंच


ये ऐप्स अधिकांशतः गूगल प्ले स्टोर और अन्य प्लेटफॉर्म्स पर आसानी से उपलब्ध थे। इनमें कई ऐप्स ऐसे थे जो बिना किसी सख्त वेरिफिकेशन के कंटेंट दिखा रहे थे। इनकी मार्केटिंग सोशल मीडिया और यूट्यूब पर अश्लील ट्रेलर्स के जरिए की जाती थी, जिससे ये कंटेंट नाबालिगों तक भी पहुंच रहा था।

⚖️ कानूनी दृष्टिकोण


आईटी अधिनियम की धारा 69A के अंतर्गत यह बैन लागू किया गया है। सरकार को यह अधिकार है कि वह किसी भी साइट या ऐप को बंद कर सकती है यदि वह:

भारत की संप्रभुता या अखंडता को खतरे में डालता है।

सार्वजनिक व्यवस्था को प्रभावित करता है।

नैतिकता या शालीनता का उल्लंघन करता है।


एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, “ये ऐप्स खुलेआम कानून और सामाजिक मर्यादा की अवहेलना कर रहे थे। ये कार्रवाई ज़रूरी थी ताकि डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर अनुशासन बना रहे।”

📢 इंडस्ट्री और यूज़र्स की प्रतिक्रिया


Ullu और ALTBalaji जैसे ऐप्स के बैन को लेकर सोशल मीडिया और फिल्म इंडस्ट्री में मिश्रित प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। कुछ लोगों ने इसे सकारात्मक कदम बताया है, वहीं कुछ ने इसे रचनात्मक स्वतंत्रता पर हमला करार दिया है।

कई दर्शकों का कहना है कि सरकार को ऐसे प्लेटफॉर्म्स पर नियंत्रण रखना चाहिए, जबकि कुछ का मानना है कि वयस्कों को अपनी पसंद से देखने का अधिकार होना चाहिए।

🔮 आगे क्या होगा?


सरकार अब ओटीटी प्लेटफॉर्म्स के लिए सख्त गाइडलाइंस लाने की तैयारी में है, जिसमें:

एज-वेरिफिकेशन सिस्टम को अनिवार्य बनाया जाएगा।

कंटेंट के लिए सेल्फ-रेगुलेशन बोर्ड को प्रोत्साहन मिलेगा।

ऐसे ऐप्स पर कड़ी सज़ा और दोबारा लॉन्च पर रोक लगाई जाएगी।


MeitY (इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय) ऐप स्टोर्स के साथ मिलकर सुनिश्चित कर रहा है कि इन ऐप्स को पूरी तरह से हटाया जाए और ये फिर से किसी नए नाम से लॉन्च न हो पाएं।

✅ निष्कर्ष


ALTBalaji और Ullu जैसे 25 अश्लील ऐप्स और वेबसाइट्स पर केंद्र सरकार की यह कार्रवाई एक स्पष्ट संकेत है कि डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर अब नैतिक और कानूनी जवाबदेही अनिवार्य होगी।

यह कदम डिजिटल स्पेस में एक साफ-सुथरे और सुरक्षित वातावरण की ओर बढ़ाया गया एक अहम प्रयास है, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि इंटरनेट पर सामग्री भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों के अनुरूप हो।

IEX share price में 30% की बड़ी गिरावट: मार्केट कपलिंग लागू होने की घोषणा के बाद हड़कंप!

IEX share price में 30% की बड़ी गिरावट: मार्केट कपलिंग लागू होने की घोषणा के बाद हड़कंप!


24 जुलाई, गुरुवार को IEX share price में अचानक 30% की भारी गिरावट दर्ज की गई, जो अब तक की सबसे बड़ी एकदिनी गिरावट मानी जा रही है। यह गिरावट तब देखने को मिली जब केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग (CERC) ने मार्केट कपलिंग (Market Coupling) नियमों को जनवरी 2026 से लागू करने की मंजूरी दे दी।

इस फैसले ने पूरे ऊर्जा बाजार को झकझोर कर रख दिया है, जिससे निवेशकों में भारी निराशा देखने को मिली। ब्रोकरेज फर्म बर्नस्टीन (Bernstein) सहित कई प्रमुख संस्थानों ने IEX पर रेटिंग घटा दी है और इसका टारगेट प्राइस भी कम कर दिया है।

क्या है मार्केट कपलिंग?


मार्केट कपलिंग एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें देश के सभी पावर एक्सचेंजों को एकीकृत प्लेटफॉर्म पर लाया जाएगा ताकि एक ही बाजार मूल्य पर बिजली का कारोबार किया जा सके। यह प्रणाली पारदर्शिता और कुशलता को बढ़ावा देती है, लेकिन इसके लागू होने से IEX जैसी कंपनियों का वर्चस्व कमजोर पड़ सकता है।

विशेषज्ञों का मानना है कि इस प्रणाली के लागू होने से IEX की मार्जिन कमाई, कारोबारी वॉल्यूम, और लाभ पर गंभीर असर पड़ सकता है।

ब्रोकरेज हाउसेज की प्रतिक्रिया


CERC के फैसले के बाद कई ब्रोकरेज फर्म्स ने IEX share price पर सावधानी बरतने की सलाह दी है:

Bernstein ने कंपनी की रेटिंग घटा दी और टारगेट प्राइस में बड़ी कटौती की।

अन्य ब्रोकरेज ने भी रेगुलेटरी जोखिम और भविष्य की आय में गिरावट को लेकर चिंता जताई।


इसी वजह से बाजार में भारी बिकवाली हुई और शेयर तेजी से टूट गया।

पिछले 5 वर्षों में हुई कुछ बड़ी शेयर गिरावटें


गिरावट के मामले में IEX share price ही अकेली कंपनी नहीं है जिसने इतनी तेज गिरावट देखी है। बीते 5 वर्षों में कुछ अन्य प्रमुख कंपनियों के शेयरों में भी इसी तरह की गिरावट देखी गई है:

कंपनी तारीख गिरावट (%) मुख्य कारण


यस बैंक 6 मार्च 2020 56% RBI की मोरेटोरियम घोषणा
वोडाफोन आइडिया 15 नवंबर 2019 23% AGR बकाया पर सुप्रीम कोर्ट फैसला
अदाणी टोटल गैस 2 जून 2023 28% हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद असर
ज़ी एंटरटेनमेंट 13 सितंबर 2021 26% बोर्ड विवाद
पेटीएम 18 नवंबर 2021 27% कमजोर लिस्टिंग प्रदर्शन


इन उदाहरणों से साफ है कि शेयर बाजार में गिरावट अस्थायी भी हो सकती है, लेकिन कुछ कंपनियां लंबे समय तक इससे उबर नहीं पातीं।

IEX share price के लिए आगे क्या?


IEX के लिए आने वाला समय आसान नहीं होगा:

कंपनी को अपने व्यवसाय मॉडल में बदलाव और राजस्व के नए स्रोत तलाशने होंगे।

निवेशकों की निगाहें अब कंपनी के आगामी वित्तीय नतीजों और प्रबंधन की रणनीतियों पर टिकी होंगी।


यदि कंपनी बदलावों को अच्छे से अपनाती है, तो दीर्घकालिक निवेशकों के लिए एक नई संभावना बन सकती है।

निष्कर्ष


IEX share price में आई 30% की गिरावट यह दिखाती है कि नियामक फैसले कैसे किसी मजबूत कंपनी को भी अचानक झटका दे सकते हैं। मार्केट कपलिंग जैसे बड़े बदलावों के दौर में कंपनियों को तेजी से अनुकूलन करना होगा, तभी वे निवेशकों का भरोसा बरकरार रख पाएंगी।


गोरखपुर महिला पुलिस प्रशिक्षण केंद्र की दुर्दशा: न बिजली, न पानी, न शौचालय की सुविधा!

गोरखपुर महिला पुलिस प्रशिक्षण केंद्र की दुर्दशा: न बिजली, न पानी, न शौचालय की सुविधा!


गोरखपुर के महिला पुलिस रिक्रूट्स प्रशिक्षण केंद्र से बुनियादी सुविधाओं की भारी कमी की चिंताजनक खबरें सामने आ रही हैं। जहां एक ओर सरकार महिला सशक्तिकरण की दिशा में बड़े-बड़े वादे करती है, वहीं ज़मीनी सच्चाई इससे कोसों दूर दिखाई दे रही है।

प्रशिक्षण केंद्र की स्थिति इतनी खराब है कि महिला रिक्रूट्स को न तो नियमित बिजली मिल रही है, न साफ पानी, और न ही स्वच्छ शौचालय जैसी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध हैं।

जहां एक ओर प्रशासन और विभाग की व्यवस्थाओं पर सवाल उठाए जा रहे हैं वहीं दूसरी ओर पुलिस विभाग ने इस समस्या को निराधार ठहराया है। उनका कहना है कि तकनीकी रुकावट के चलते ये समस्या उत्पन्न हुई जिसको त्वरित संज्ञान में लिया गया और उसका समाधान किया गया।

झुलसाती गर्मी में बिना बिजली के हाल बेहाल


उत्तर भारत की तेज गर्मी में जहां आम लोग बिना पंखे या कूलर के रहना भी मुश्किल समझते हैं, वहीं इस ट्रेनिंग सेंटर में बिजली की भारी किल्लत है। लंबे समय तक बिजली गायब रहने से रिक्रूट्स को पसीने और गर्मी में दिन काटने पड़ रहे हैं।

पानी की भारी समस्या, पीने तक को नहीं साफ जल


प्रशिक्षण केंद्र में जल आपूर्ति की व्यवस्था पूरी तरह चरमरा चुकी है। कई बार टैंकर मंगवाने की नौबत आती है, लेकिन तब भी हर रिक्रूट को पर्याप्त पानी नहीं मिल पाता। कई रिक्रूट्स को अस्वच्छ पानी पीने के कारण स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

शौचालयों की हालत बद से बदतर


शौचालय की व्यवस्था इस कदर बदहाल है कि उनका इस्तेमाल करना भी किसी मजबूरी से कम नहीं। न नियमित सफाई होती है, न ही पर्याप्त संख्या में शौचालय मौजूद हैं। ऐसे में महिला रिक्रूट्स की गरिमा और स्वास्थ्य दोनों दांव पर लगे हैं।

जब मुख्य शहर की हालत ऐसी है, तो बाकी स्थानों का अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं


गोरखपुर जैसा बड़ा और प्रमुख शहर अगर महिला प्रशिक्षण केंद्रों की ऐसी स्थिति झेल रहा है, तो प्रदेश के दूरस्थ इलाकों में स्थिति कितनी गंभीर हो सकती है, इसका केवल अनुमान ही लगाया जा सकता है।

तुरंत कार्रवाई की ज़रूरत


पुलिस विभाग और प्रशासन को इस ओर अविलंब ध्यान देने की आवश्यकता है। महिला रिक्रूट्स देश की सुरक्षा और कानून-व्यवस्था की रीढ़ बनेंगी, ऐसे में उन्हें सम्मानजनक और सुरक्षित प्रशिक्षण माहौल देना सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए।

अगर अब भी स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो यह ना सिर्फ महिला सशक्तिकरण की सोच को ठेस पहुंचाएगा, बल्कि भविष्य की पुलिस व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े करेगा।

निष्कर्ष:


गोरखपुर के महिला पुलिस प्रशिक्षण केंद्र की बदइंतज़ामी एक गंभीर मुद्दा बन चुकी है। यह केवल एक ट्रेनिंग सेंटर की बात नहीं, बल्कि महिलाओं के प्रति हमारी सोच और जिम्मेदारी को भी दर्शाता है। यदि हम सच में महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण को बढ़ावा देना चाहते हैं, तो शुरुआत उनके प्रशिक्षण की गरिमा से करनी होगी।

खबर सोर्स:– X platform

Disclaimer: इस ब्लॉग में दी गई सभी जानकारियाँ केवल सामान्य जानकारी और धार्मिक/सांस्कृतिक मान्यताओं पर आधारित हैं। पाठकों से अनुरोध है कि किसी भी आध्यात्मिक या धार्मिक उपाय को अपनाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ या ज्ञानी व्यक्ति से परामर्श अवश्य लें। इस लेख में दी गई जानकारी की पूर्णता, सटीकता या विश्वसनीयता की हम कोई गारंटी नहीं देते। इस ब्लॉग में उल्लिखित किसी भी जानकारी के उपयोग से उत्पन्न परिणामों की जिम्मेदारी लेखक या प्रकाशक की नहीं होगी।

Harmanpreet Kaur ने रचा इतिहास: इंग्लैंड में 1000 वनडे रन बनाने वाली दूसरी भारतीय महिला क्रिकेटर बनीं!

Harmanpreet Kaur ने रचा इतिहास: इंग्लैंड में 1000 वनडे रन बनाने वाली दूसरी भारतीय महिला क्रिकेटर बनीं!

भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान Harmanpreet Kaur ने मंगलवार को इतिहास रच दिया। वह मिताली राज के बाद इंग्लैंड में 1000 वनडे रन बनाने वाली दूसरी भारतीय महिला क्रिकेटर बन गई हैं।

यह ऐतिहासिक उपलब्धि उन्हें इंग्लैंड के खिलाफ चल रही तीसरे वनडे मुकाबले में हासिल हुई, जो कि रिवरसाइड ग्राउंड, चेस्टर-ले-स्ट्रीट में खेला जा रहा है। 36 वर्षीय हरमनप्रीत ने नंबर 4 पर बल्लेबाजी के लिए उतरते हुए 20 रन के आंकड़े को पार करते ही यह माइलस्टोन अपने नाम कर लिया।

निरंतरता और अनुभव की मिसाल


Harmanpreet Kaur, जो पंजाब के मोगा से हैं, साल 2009 से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भारत का प्रतिनिधित्व कर रही हैं। उन्होंने अपने आक्रामक खेल और शांत नेतृत्व से भारत को कई बार जीत दिलाई है। अब इंग्लैंड में 1000 वनडे रन बनाकर उन्होंने एक और कीर्तिमान स्थापित किया है।

इस उपलब्धि के साथ ही हरमनप्रीत ने भारतीय क्रिकेट की महान बल्लेबाज मिताली राज के क्लब में जगह बना ली है। मिताली ने इंग्लैंड की परिस्थितियों में शानदार बल्लेबाजी कर यह उपलब्धि पहले ही हासिल की थी, और अब हरमनप्रीत भी उस लिस्ट में शामिल हो गई हैं।

विदेशी ज़मीन पर कमाल


इंग्लैंड की पिचों पर रन बनाना आसान नहीं होता, खासकर तेज़ और स्विंग होती गेंदबाज़ी के खिलाफ। लेकिन Harmanpreet Kaur ने अपने अनुभव और तकनीक से इन चुनौतियों का सामना करते हुए यह मुकाम हासिल किया है।

उनका यह रिकॉर्ड सिर्फ एक व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं बल्कि भारतीय महिला क्रिकेट के लिए एक प्रेरणादायक पल भी है, जिससे युवा खिलाड़ियों का आत्मविश्वास और बढ़ेगा।

यादगार पारियों से भरी रही राह


Harmanpreet Kaur की इंग्लैंड में 1000 रन की यह यात्रा कई यादगार पारियों से भरी रही है। खासतौर पर 2017 महिला वर्ल्ड कप में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेली गई 171 रन की नाबाद पारी क्रिकेट इतिहास में एक मील का पत्थर बन गई थी। यह पारी भी इंग्लैंड की ज़मीन पर ही खेली गई थी, जो उनके बेहतरीन प्रदर्शन को दर्शाती है।

कप्तानी में मिसाल


कप्तान के तौर पर Harmanpreet Kaur हमेशा टीम को प्रेरित करती आई हैं। उनका यह नया कीर्तिमान टीम के लिए मनोबल बढ़ाने वाला साबित होगा। साथ ही, यह भारत की नई पीढ़ी की महिला क्रिकेटर्स के लिए एक प्रेरणा बनेगा।

वर्तमान में इंग्लैंड के खिलाफ चल रही सीरीज में उनकी भूमिका बेहद अहम है, और उनका यह प्रदर्शन टीम के लिए निर्णायक साबित हो सकता है।

निष्कर्ष


Harmanpreet Kaur द्वारा इंग्लैंड में 1000 वनडे रन पूरा करना सिर्फ एक व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं, बल्कि भारतीय क्रिकेट के लिए गर्व का क्षण है। उन्होंने यह साबित कर दिया है कि मेहनत, लगन और जुनून के दम पर कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।

भारतीय महिला क्रिकेट टीम के इस ऐतिहासिक पल पर देशभर से उन्हें बधाइयाँ मिल रही हैं। आने वाले मुकाबलों में भी उनसे इसी तरह के प्रदर्शन की उम्मीद की जा रही है।

Anthem biosciences share की शानदार लिस्टिंग, इश्यू प्राइस से 26.85% प्रीमियम पर हुए शामिल!

Anthem biosciences share के शेयरों की शानदार लिस्टिंग, इश्यू प्राइस से 26.85% प्रीमियम पर हुए शामिल!


Anthem biosciences share की सोमवार, 21 जुलाई, 2025 को दलाल स्ट्रीट पर हुई जोरदार एंट्री। बायोटेक्नोलॉजी क्षेत्र की इस कंपनी के शेयर बीएसई पर ₹723.10 पर लिस्ट हुए, जोकि आईपीओ इश्यू प्राइस ₹570 के मुकाबले 26.85% का शानदार प्रीमियम दर्शाता है। इस मजबूत लिस्टिंग ने निवेशकों के भरोसे को मजबूत किया है और भारतीय फार्मा-बायोटेक कंपनियों में जारी उत्साह को उजागर किया है।

आईपीओ की प्रमुख बातें


**इश्यू डिटेल्स:** एंथम का आईपीओ पूरी तरह से ऑफर फॉर सेल (OFS) था, जिसकी कुल वैल्यू ₹3,395 करोड़ रही। प्राइस बैंड ₹540–₹570 प्रति शेयर तय किया गया और लॉट साइज 26 शेयर रखा गया।
**सब्सक्रिप्शन:**
– कुल: 67 गुना से ज्यादा
– क्‍वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIBs) : 192.80 गुना
– नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (NIIs) : 44.70 गुना
– रिटेल इन्वेस्टर्स : 5.98 गुना
– आईपीओ 14 जुलाई से 16 जुलाई 2025 तक खुला रहा।

लिस्टिंग डे पर प्रदर्शन

– **बीएसई पर लिस्टिंग प्राइस:** ₹723.10
– **एनएसई पर लिस्टिंग प्राइस:** ₹723.05
– **लिस्टिंग प्रीमियम:** इश्यू प्राइस से 26.85% अधिक
– **शुरुआती कारोबार:** लिस्टिंग के शुरुआती एक घंटे में शेयर ₹730.70 तक पहुंच गया, जिससे निवेशकों को 28% तक का तात्कालिक लाभ मिला।
– **लिस्टिंग के समय कंपनी का मार्केट कैप:** लगभग ₹40,610 करोड़

Anthem biosciences share के आईपीओ की सफलता के कारण


निवेशकों का भरोसा

– **ग्रे मार्केट प्रीमियम:** लिस्टिंग से पहले एंथम बायोसाइंसेज के शेयर ग्रे मार्केट में भी अच्छा प्रीमियम दिखा रहे थे, जिससे निवेशकों की लिस्टिंग गेन को लेकर उम्मीदें काफी बढ़ गई थीं। जबकि अंतिम लिस्टिंग ग्रे मार्केट प्रीमियम से थोड़ी कम रही, फिर भी निवेशकों को शानदार रिटर्न मिला।
– **एंकर निवेशक:** कंपनी ने आईपीओ से पहले ही एंकर निवेशकों से ₹1,016 करोड़ जुटाए, जिससे संस्थागत मांग का भी पता चलता है।

कंपनी परिचय


– **मुख्य व्यवसाय:** एंथम बायोसाइंसेज एक बड़ी कॉन्ट्रैक्ट रिसर्च, डेवलपमेंट और मैन्युफैक्चरिंग ऑर्गनाइजेशन (CRDMO) है, जो दुनिया की प्रमुख फार्मा और बायोटेक कंपनियों को सेवाएं देती है। इसमें फर्मेंटेशन आधारित API, प्रोबायोटिक्स और एंजाइम्स जैसे स्पेशल्टी इंग्रीडिएंट्स शामिल हैं।
– **वैश्विक विस्तार:** कंपनी 44 से अधिक देशों के 550 से ज्यादा क्लाइंट्स को सेवाएं देती है।
– **वित्तीय स्थिति:** मार्च 2025 को खत्म वर्ष में कंपनी का शुद्ध लाभ ₹451.26 करोड़ और टर्नओवर ₹1,844.55 करोड़ रहा।

विशेषज्ञों की राय


विशेषज्ञों की मानें तो आईपीओ की शानदार लिस्टिंग के बावजूद, कंपनी का भविष्य भी निवेशकों के लिए आकर्षक बना रह सकता है। भारतीय सीआरडीएमओ सेक्टर में अपनी मजबूत स्थिति, विविध क्लाइंट बेस और लगातार मुनाफा कंपनी के भविष्य को उज्जवल बनाते हैं। विशेषज्ञ शॉर्ट टर्म में ₹900 और लॉन्ग टर्म में ₹1,000 तक के टारगेट की उम्मीद जता रहे हैं।

निष्कर्ष


Anthem biosciences share की बेहतरीन लिस्टिंग ने इसे 2025 के प्रमुख आईपीओ में शामिल कर दिया है। भारी ओवरसब्सक्रिप्शन, मजबूत लिस्टिंग गेन और प्रमुख सेक्टर लीडरशिप के चलते निवेशकों के लिए यह शेयर भारत के तेजी से बढ़ रहे बायोटेक और फार्मा सेक्टर में निवेश का अच्छा मौका माना जा सकता है।