
Meta discription
कर्नाटक मुख्यमंत्री कार्यालय ने अभिनेत्री बी सरोजा देवी के निधन पर शोक जताने के लिए एक पोस्ट की, लेकिन Meta के ऑटो-ट्रांसलेशन ने अनजाने में CM Siddaramaiah की मृत्यु की झूठी खबर फैला दी।
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कर्नाटक के CM Siddaramaiah के संबंध में सोशल मीडिया पर एक हैरान करने वाली अफवाह तब फैल गई जब मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) ने बी सरोजा देवी के निधन पर फेसबुक पर एक शोक संदेश साझा किया। यह पोस्ट कन्नड़ भाषा में थी, लेकिन Meta (फेसबुक की पैरेंट कंपनी) के अंग्रेज़ी ऑटो-ट्रांसलेशन ने मूल भाव को पूरी तरह से बिगाड़ दिया।
क्या थी गलती?
मुख्यमंत्री कार्यालय ने जानी-मानी अभिनेत्री बी सरोजा देवी के निधन पर शोक जताते हुए एक पोस्ट की। इस पोस्ट में CM Siddaramaiah द्वारा दिवंगत अभिनेत्री को श्रद्धांजलि देने की जानकारी दी गई थी। लेकिन फेसबुक का ऑटो-ट्रांसलेशन कुछ इस तरह से हुआ:
“CM Siddaramaiah का कल निधन हो गया, एक बहुभाषी स्टार, वरिष्ठ अभिनेत्री बी. सरोजा देवी के पार्थिव शरीर के दर्शन किए और अंतिम सम्मान अर्पित किया।”
इस अनुवाद ने ऐसा संकेत दे दिया मानो मुख्यमंत्री का निधन हो गया हो, जिससे सोशल मीडिया पर भ्रम और चिंता फैल गई।
सोशल मीडिया पर मची खलबली
जैसे ही यह पोस्ट सामने आई, सोशल मीडिया पर लोगों ने सीएम के लिए शोक संदेश लिखने शुरू कर दिए। कई यूजर्स इस गलत जानकारी से हैरान रह गए, वहीं कुछ ने तुरंत इस अनुवाद में गलती की ओर इशारा किया।
जल्द ही पत्रकारों और फैक्ट-चेकर्स ने स्थिति स्पष्ट की और बताया कि मुख्यमंत्री बिल्कुल स्वस्थ हैं और उन्होंने बी सरोजा देवी को श्रद्धांजलि दी थी। मूल कन्नड़ पोस्ट में कहीं भी मुख्यमंत्री के निधन की बात नहीं थी।
Meta के ट्रांसलेशन सिस्टम पर सवाल
यह घटना एक बार फिर मेटा और अन्य एआई आधारित अनुवाद टूल्स की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े करती है। क्षेत्रीय भाषाओं को समझने में अक्सर ये टूल्स असफल हो जाते हैं, जिससे इस तरह की गंभीर गलतियां हो सकती हैं।
यूजर्स ने Meta की आलोचना की कि इतनी बड़ी चूक को बिना समीक्षा के प्लेटफॉर्म पर प्रकाशित कैसे किया गया, खासकर जब बात सरकारी पेज की हो।
सीएमओ ने दी सफाई
मुख्यमंत्री कार्यालय ने गलती को जल्द ही समझा और पोस्ट को हटा दिया। इसके बाद एक नया पोस्ट किया गया जिसमें स्पष्ट किया गया कि सीएम सिद्दारमैया पूरी तरह स्वस्थ हैं और उन्होंने दिवंगत अभिनेत्री को श्रद्धांजलि दी थी।
निष्कर्ष
यह घटना यह दिखाती है कि संवेदनशील और आधिकारिक जानकारी साझा करते समय सिर्फ ऑटो-ट्रांसलेशन पर निर्भर रहना खतरनाक हो सकता है। सरकार और अन्य संस्थानों को ऐसे मामलों में पेशेवर अनुवादकों या मैन्युअल समीक्षा पर ध्यान देना चाहिए।
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