Bigg Boss 19: अमाल मलिक की एंट्री पर अरमान मलिक का बड़ा बयान, फैन्स हुए हैरान!

Bigg Boss 19: अमाल मलिक की एंट्री पर अरमान मलिक का बड़ा बयान, फैन्स हुए हैरान!



अमाल मलिक पहुंचे बिग बॉस 19 के घर, अरमान मलिक ने दिया बड़ा बयान। फैन्स सोशल मीडिया पर कर रहे हैं जबरदस्त रिएक्शन। पूरी जानकारी यहाँ।

भारत का सबसे बड़ा और चर्चित रियलिटी शो बिग बॉस 19 इस समय सुर्खियों में है। 24 अगस्त 2025 को शो की धमाकेदार शुरुआत के बाद से ही दर्शक लगातार चर्चा कर रहे हैं। इस बार के सीज़न की सबसे खास बात यह है कि मशहूर म्यूज़िक कंपोज़र और सिंगर अमाल मलिक ने शो में बतौर कंटेस्टेंट एंट्री ली है। उनकी मौजूदगी ने न सिर्फ फैन्स को उत्साहित किया है, बल्कि पूरे म्यूज़िक इंडस्ट्री में भी हलचल मचा दी है।

लेकिन सबसे बड़ी खबर तब आई जब उनके छोटे भाई और पॉपुलर सिंगर अरमान मलिक ने अमाल की एंट्री पर अपनी चुप्पी तोड़ी। अरमान का बयान सुनकर फैन्स भी हैरान रह गए। आइए जानते हैं पूरी कहानी—

बिग बॉस 19 की शुरुआत और कंटेस्टेंट्स


इस बार बिग बॉस के घर में 16 कंटेस्टेंट्स ने कदम रखा है। इनमें टीवी एक्टर, सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर, मॉडल और म्यूज़िशियन शामिल हैं। पूरी लिस्ट इस प्रकार है:

अवेज़ दरबार

गौरव खन्ना

अशनूर कौर

मृदुल तिवारी

नगमा मिराजकर

बसीर अली

तान्या मित्तल

अभिषेक बजाज

नेहल चुदासमा

ज़ीशान क़ादरी

नीलम गिरी

कुनिक्का सदानंद

प्रणीत मोरे

नतालिया जानोज़सेक

अमाल मलिक

वाइल्डकार्ड एंट्री (आने वाले हफ्तों में)


सलमान खान ने इस बार भी शो की शुरुआत अपने मजेदार अंदाज़ और सख्त चेतावनियों के साथ की। लेकिन जैसे ही अमाल मलिक का नाम सामने आया, सोशल मीडिया पर चर्चा तेज हो गई।

अमाल मलिक: बिग बॉस 19 में एक अनोखी एंट्री


अमाल मलिक भारतीय म्यूज़िक इंडस्ट्री का बड़ा नाम हैं। उन्होंने बॉलीवुड को कई हिट गाने दिए हैं जैसे कर गया छल्ला, मैं रहूँ या ना रहूँ और कौन तुझे। उनकी आवाज़ और म्यूज़िक डायरेक्शन को लेकर उन्हें हमेशा सराहा गया है।

लेकिन रियलिटी शो बिग बॉस 19 में उनकी एंट्री सबसे बड़ा सरप्राइज़ थी। फैन्स के लिए यह किसी शॉक से कम नहीं था क्योंकि उन्होंने हमेशा अमाल को एक शांत और संजीदा म्यूज़िक कंपोज़र के रूप में देखा है। अब वे उन्हें एक नए अवतार में देखने वाले हैं—जहाँ कैमरे 24 घंटे उन पर नज़र रखेंगे और हर भावना, हर विवाद दर्शकों के सामने होगा।

अरमान मलिक का बयान: भाई पर गर्व, फैन्स हुए हैरान


जब अमाल की एंट्री पर उनके भाई अरमान मलिक से सवाल किया गया तो उन्होंने खुलकर अपना दिल की बात रखी।

अरमान ने क्या कहा?

अरमान ने कहा:

> “मैं खुद कभी बिग बॉस जैसे शो का हिस्सा नहीं बनना चाहूँगा, क्योंकि यह मेरे नेचर से मेल नहीं खाता। लेकिन मुझे अपने भाई पर गर्व है कि उसने यह चुनौती स्वीकार की। यह शो लोगों को अमाल की असली शख्सियत दिखाएगा।”



उन्होंने यह भी कहा कि अमाल का इमोशनल और जज़्बाती नेचर शो में उनके लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है। उनका गुस्सा और ईमानदार रवैया कभी-कभी विवाद भी पैदा कर सकता है, लेकिन यही बातें उन्हें सबसे अलग बनाती हैं।

अरमान के इस बयान के बाद फैन्स सोशल मीडिया पर रिएक्शन देने लगे। किसी ने कहा कि “भाईचारे की मिसाल है ये सपोर्ट” तो किसी ने लिखा “अब बिग बॉस 19 और भी मजेदार हो गया।”

सोशल मीडिया पर ट्रेंड बने Arman Malik and Amaal Malik


जैसे ही अमाल की एंट्री और अरमान का बयान सामने आया, ट्विटर (अब X) और इंस्टाग्राम पर #ArmanMalik #AmaalMalik #BiggBoss19 ट्रेंड करने लगे।

फैन्स ने दोनों भाइयों के बीच के प्यार और बॉन्डिंग की जमकर तारीफ की। कई यूज़र्स ने लिखा कि बिग बॉस हाउस में अमाल मलिक की असली पर्सनैलिटी देखने के लिए वे बेसब्र हैं।

बिग बॉस 19 में क्या होगा खास?


इस बार बिग बॉस 19 से दर्शकों को कई चीज़ों की उम्मीद है:

कड़े टास्क और झगड़े – हर सीज़न की तरह इस बार भी टास्क कंटेस्टेंट्स को मानसिक और शारीरिक दोनों स्तर पर परखेंगे।

दोस्ती और दुश्मनी – घर में बने रिश्ते शो की जान होते हैं। अमाल की एंट्री से नए समीकरण बनना तय है।

सलमान खान का वार – वीकेंड का वार हमेशा शो की हाईलाइट होता है, जहाँ सलमान अपनी बेबाक राय और फटकार से माहौल बदल देते हैं।

इमोशनल जर्नी – अमाल जैसे सेंसिटिव कंटेस्टेंट्स दर्शकों को भावुक पल भी देंगे।

निष्कर्ष


बिग बॉस 19 की शुरुआत में ही अमाल मलिक की एंट्री और अरमान मलिक का बयान सबसे बड़ा आकर्षण बन गया है। जहाँ अमाल शो में अपनी असली शख्सियत दिखाने के लिए तैयार हैं, वहीं अरमान का सपोर्ट भाईचारे की एक मिसाल पेश करता है।

दर्शकों के लिए यह सीज़न और भी खास होने वाला है, क्योंकि उन्हें न सिर्फ ड्रामा और एंटरटेनमेंट मिलेगा, बल्कि वे अपने पसंदीदा म्यूज़िक कंपोज़र को एक अलग दुनिया में देख पाएंगे।

अब देखना होगा कि क्या अमाल मलिक बिग बॉस 19 के इस सफर में दर्शकों का दिल जीतकर फिनाले तक पहुँच पाएंगे या नहीं।


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बिग बॉस 19 में एंट्री से पहले अशनूर कौर ने किया बड़ा खुलासा, हिना खान ने दी ऐसी खास सलाह!

बिग बॉस 19 में एंट्री से पहले अशनूर कौर ने किया बड़ा खुलासा, हिना खान ने दी ऐसी खास सलाह!

परिचय


टीवी एक्ट्रेस अशनूर कौर बिग बॉस 19 में बनीं सबसे कम उम्र की कंटेस्टेंट। सलमान खान के मशहूर रियलिटी शो बिग बॉस 19 की शुरुआत होते ही सोशल मीडिया पर जबरदस्त चर्चा शुरू हो गई है।

इस बार के सीज़न की सबसे बड़ी सरप्राइज़ एंट्री हैं टीवी की लोकप्रिय अभिनेत्री अशनूर कौर। बचपन से ही छोटे पर्दे पर अपनी छाप छोड़ने वाली अशनूर अब इस विवादित रियलिटी शो में नज़र आ रही हैं।

झांसी की रानी, साथ निभाना साथिया, ये रिश्ता क्या कहलाता है, पाटियाला बेब्स और सुमन इंदौरी जैसे शोज़ में अहम किरदार निभाकर पहचान बनाने वाली अशनूर अब एक नए सफर पर निकली हैं।

दिलचस्प बात यह है कि वह इस सीज़न की सबसे यंगेस्ट कंटेस्टेंट हैं। शो में एंट्री लेने से पहले उन्होंने खुलासा किया कि उनकी एक्स-को-स्टार और एक्स-बिग बॉस कंटेस्टेंट हिना खान ने उन्हें खास सलाह दी।

अशनूर कौर: टीवी से रियलिटी शो तक का सफर


अशनूर कौर ने बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट अपना करियर शुरू किया और धीरे-धीरे वह हर घर में जानी-पहचानी शख्सियत बन गईं। उनके यादगार रोल्स में शामिल हैं:

झांसी की रानी – जहां उन्होंने अपने अभिनय से सबका दिल जीत लिया।

साथ निभाना साथिया – फैमिली ड्रामा में अपनी मौजूदगी से दर्शकों का ध्यान खींचा।

ये रिश्ता क्या कहलाता है – लंबे समय से चल रहे इस शो ने उन्हें खास पहचान दिलाई।

पाटियाला बेब्स – इस किरदार से उन्होंने अपनी परिपक्व अदाकारी का सबूत दिया।

सुमन इंदौरी – जहां उन्होंने अपने अभिनय कौशल को और मज़बूत किया।


टीवी पर लंबा सफर तय करने के बाद अब उनका बिग बॉस 19 में आना फैन्स के लिए एक बड़ा सरप्राइज़ है।

बिग बॉस 19 का मुश्किल सफर


बिग बॉस सिर्फ एंटरटेनमेंट नहीं, बल्कि धैर्य, समझदारी और असली शख्सियत की परख का भी मंच है। घरवालों को परिवार से दूर 24 घंटे कैमरों के बीच रहना पड़ता है, जहां दोस्ती भी होती है और झगड़े भी।

अशनूर कौर मानती हैं कि यह सफर आसान नहीं होगा। उन्होंने कहा – “बिग बॉस इमोशनली और मेंटली स्ट्रॉन्ग लोगों के लिए है। लेकिन मैं चाहती हूं कि लोग मुझे मेरे असली रूप में जानें, न कि सिर्फ उन किरदारों से जो मैंने अब तक निभाए हैं।”

हिना खान से मिली सीख


बिग बॉस 19 में कदम रखने से पहले अशनूर ने अपनी मेंटर और पॉपुलर एक्ट्रेस हिना खान से सलाह ली। हिना खान बिग बॉस 11 की सबसे मज़बूत कंटेस्टेंट्स में से एक रही हैं और अशनूर के साथ उन्होंने टीवी पर भी काम किया है।

अशनूर ने बताया – “हिना दी हमेशा मेरे लिए गाइड की तरह रही हैं। उन्होंने मुझे कहा कि बिग बॉस में कोई रोल नहीं निभाना, बस खुद को असली रूप में दिखाना। उन्होंने सिखाया कि अपनी पहचान मत खोना और ईमानदार बने रहना। उनके शब्दों से मुझे आत्मविश्वास मिला है।”

हिना की ये गाइडेंस फैन्स के बीच और भी उत्सुकता बढ़ा रही है कि क्या अशनूर भी उनकी तरह एक स्ट्रॉन्ग कंटेस्टेंट बनेंगी।

सलमान खान का रिएक्शन


शो के होस्ट सलमान खान ने भी अशनूर का गर्मजोशी से स्वागत किया। सलमान का कहना है कि यंग और ईमानदार कंटेस्टेंट्स अक्सर दर्शकों से जल्दी जुड़ जाते हैं। उन्होंने अशनूर को सलाह दी कि वह अपनी नैचुरल पर्सनैलिटी के साथ खेलें और किसी की नकल न करें।

सलमान और हिना दोनों की गाइडेंस के साथ, अशनूर बिग बॉस हाउस में अपनी अलग पहचान बनाने को पूरी तरह तैयार दिख रही हैं।

फैन्स का उत्साह और सोशल मीडिया ट्रेंड्स


शो शुरू होने से पहले ही अशनूर कौर का नाम सोशल मीडिया पर छा गया। ट्विटर और इंस्टाग्राम पर फैन्स ने उन्हें “क्यूटेस्ट कंटेस्टेंट” बताया और उनके लिए कई हैशटैग्स ट्रेंड करने लगे जैसे – #AshnoorInBB19, #AshnoorKaurBiggBoss।

फैन्स का मानना है कि अशनूर घर की “डार्क हॉर्स” साबित हो सकती हैं, यानी शुरुआत में शांत रहते हुए भी धीरे-धीरे गेम की सबसे मज़बूत खिलाड़ी बन सकती हैं।

अशनूर से क्या हैं उम्मीदें?


उनकी अब तक की शख्सियत और काम को देखते हुए फैन्स कुछ खास उम्मीदें कर रहे हैं:

बैलेंस्ड प्लेयर – अशनूर की परिपक्व सोच उन्हें झगड़ों से निपटने में मदद करेगी।

इमोशनल कनेक्ट – उनकी मासूमियत और सिंपल इमेज दर्शकों को जोड़कर रख सकती है।

ग्रोथ जर्नी – शो में रहते हुए वह अपनी पर्सनैलिटी को एक नए रूप में पेश कर सकती हैं।

स्ट्रॉन्ग पर जेनुइन गेमप्ले – हिना खान की सलाह के बाद वह स्ट्रैटेजिक भी रहेंगी और ईमानदार भी।

निष्कर्ष


अशनूर कौर का बिग बॉस 19 में आना इस सीज़न का सबसे बड़ा आकर्षण है। एक चाइल्ड आर्टिस्ट से लेकर टीवी की मशहूर एक्ट्रेस बनने और अब इंडिया के सबसे चर्चित रियलिटी शो में हिस्सा लेने तक का उनका सफर बेहद प्रेरणादायक है।

सलमान खान की मोटिवेशन और हिना खान की गाइडेंस के साथ, अशनूर शो में न सिर्फ अपनी पहचान मजबूत करेंगी बल्कि दर्शकों को एक नया चेहरा भी दिखाएंगी। जीतें या हारें, इतना तय है कि उनकी मौजूदगी बिग बॉस 19 को और ज्यादा दिलचस्प बनाएगी।


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विवेक अग्निहोत्री ने कोलकाता में ‘द बंगाल फ़ाइल्स’ का ट्रेलर किया लॉन्च, विवाद और हंगामे के बीच थमी इवेंट की रौनक!

विवेक अग्निहोत्री ने कोलकाता में ‘द बंगाल फ़ाइल्स’ का ट्रेलर किया लॉन्च, विवाद और हंगामे के बीच थमी इवेंट की रौनक!


16 अगस्त को कोलकाता में विवेक अग्निहोत्री ने द बंगाल फ़ाइल्स का ट्रेलर लॉन्च किया, लेकिन इवेंट हंगामे और विवादों में घिर गया।

कोलकाता उस समय सुर्खियों में आ गया जब फ़िल्मकार विवेक रंजन अग्निहोत्री ने अपनी बहुप्रतीक्षित फ़िल्म “द बंगाल फ़ाइल्स” का ट्रेलर लॉन्च किया। हालांकि यह आयोजन उम्मीद के मुताबिक़ शांतिपूर्ण नहीं रहा, बल्कि हंगामे, अचानक रुकावटों और सेंसरशिप के आरोपों के बीच इस कार्यक्रम ने पूरे देश में चर्चा का विषय बना दिया।

कोलकाता में ट्रेलर लॉन्च का नाटकीय माहौल


“द कश्मीर फ़ाइल्स” जैसी चर्चित फिल्म बनाने वाले विवेक अग्निहोत्री अपने नए प्रोजेक्ट को लेकर कोलकाता पहुँचे थे। फिल्म का ट्रेलर पहली बार सार्वजनिक होना था, और दर्शक इस ऐतिहासिक विषय पर आधारित कृति की झलक देखने के लिए उत्साहित थे।

मगर बीच कार्यक्रम में अचानक बाधा आ गई। बताया गया कि ट्रेलर की स्क्रीनिंग बिना किसी स्पष्ट कारण के रोक दी गई। दर्शकों में असमंजस की स्थिति बन गई और आयोजन स्थल पर अफरा-तफरी देखी गई। इसके बाद निर्देशक ने आरोप लगाया कि प्रशासनिक स्तर पर ट्रेलर जारी करने में बाधा डाली गई।

विवेक अग्निहोत्री के सेंसरशिप वाले आरोप


विवेक अग्निहोत्री ने इस मामले पर खुलकर प्रतिक्रिया दी। उनका कहना है कि कुछ “शक्तिशाली ताकतें” “द बंगाल फ़ाइल्स” को जनता तक पहुँचने से रोकना चाहती हैं। उन्होंने कहा कि इतिहास के संवेदनशील पहलुओं को उजागर करने की कोशिशें अक्सर सत्ता और संस्थागत प्रतिरोध का सामना करती हैं।

उनके इन बयानों ने देशभर में बहस छेड़ दी—एक ओर लोग कला और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की बात कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर आलोचक इसे महज़ प्रचार रणनीति बता रहे हैं।

*द बंगाल फ़ाइल्स* क्यों चर्चा में है?


यह फिल्म विवेक अग्निहोत्री की “फ़ाइल्स ट्रिलॉजी” का तीसरा हिस्सा है। इससे पहले “द ताशकंद फ़ाइल्स” (2019) और “द कश्मीर फ़ाइल्स” (2022) ने दर्शकों के बीच ज़बरदस्त चर्चा और विवाद दोनों बटोरे।

“द बंगाल फ़ाइल्स” बंगाल के इतिहास के उन दौरों को दिखाने की कोशिश करेगी जिनमें सामाजिक संघर्ष, हिंसा, पलायन और आम जनता की पीड़ा को केंद्र में रखा गया है। निर्देशक का कहना है कि उनकी मंशा केवल मनोरंजन करना नहीं, बल्कि “ऐसे सवाल खड़े करना है जिन्हें समाज लंबे समय से टालता आया है”।

इवेंट में अफरा-तफरी और उससे उठे सवाल


कोलकाता में आयोजित यह समारोह अचानक रुकावटों और अराजक माहौल के कारण चर्चा का विषय बन गया। चश्मदीदों का कहना है कि ट्रेलर की प्रस्तुति के दौरान कई हिस्से रोके गए और माहौल तनावपूर्ण हो गया। इसने यह सवाल खड़ा कर दिया कि यह सब केवल तकनीकी गड़बड़ी थी या व्यवस्थित ढंग से रोका गया कदम।

यह घटना एक बार फिर “कला की स्वतंत्रता बनाम राजनीतिक संवेदनशीलता” पर बहस को हवा देती है।

विवादों से घिरे निर्देशक की छवि


विवेक अग्निहोत्री विवादों से जुदा नाम नहीं हैं। “द कश्मीर फ़ाइल्स” और “द ताशकंद फ़ाइल्स” जैसी फ़िल्में उनकी निर्भीक कहानी कहने की मिसाल रही हैं, जिन्हें लेकर समाज में मिली-जुली प्रतिक्रियाएँ देखने को मिलीं।

अब *द बंगाल फ़ाइल्स* को मिल रही प्रतिरोध की खबरें फिल्म के प्रति दर्शकों की जिज्ञासा और बढ़ा रही हैं। इतिहास गवाह है कि विवाद अक्सर किसी फिल्म को ज्यादा लोकप्रिय बना देते हैं।

इतिहास और राजनीति से जुड़ी फिल्मों की चुनौती


भारतीय सिनेमा में जब भी इतिहास पर आधारित संवेदनशील किस्से पर्दे पर उतारे जाते हैं, वे राजनीतिक और सामाजिक बहस को जन्म देते हैं। निर्देशक का यह आरोप कि “प्रशासन ने ट्रेलर पर रोक लगाने की कोशिश की,” इसी बड़े संदर्भ से जुड़ता है।

जहाँ आलोचक मानते हैं कि फिल्मकारों को सनसनी फैलाने से बचना चाहिए, वहीं समर्थक कहते हैं कि कला को बिना डर और दबाव के अपने विचार व्यक्त करने का अधिकार होना चाहिए।

जनता और सोशल मीडिया की प्रतिक्रिया


घटना के तुरंत बाद सोशल मीडिया पर #TheBengalFiles ट्रेंड करने लगा। एक गुट ने निर्देशक के साथ खड़े होकर कहा कि रचनात्मक कार्य को रोकना लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है। वहीं कुछ ने इस विवाद को एक योजनाबद्ध प्रचार प्रयास करार दिया।

इन सभी बहसों से परे, इतना तय माना जा रहा है कि फिल्म को लेकर देशभर में उत्सुकता अपने चरम पर है।

आगे क्या?


कोलकाता के इस हंगामे के बावजूद द बंगाल फ़ाइल्स की रिलीज़ को लेकर उत्साह और बढ़ गया है। निर्देशक और उनकी टीम का कहना है कि वे किसी भी विरोध या रुकावट से घबराने वाले नहीं हैं।

दरअसल, यह विवाद अनचाहे ही फिल्म के लिए बड़े पैमाने पर मुफ़्त प्रचार का काम कर रहा है। अब दर्शक यह जानने को और ज्यादा उत्सुक हैं कि फिल्म आखिरकार क्या दिखाने जा रही है।

निष्कर्ष


16 अगस्त का कोलकाता ट्रेलर लॉन्च सिर्फ़ एक फ़िल्मी इवेंट नहीं था, बल्कि इसने राष्ट्रीय स्तर पर अभिव्यक्ति की आज़ादी और राजनीतिक हस्तक्षेप पर गहरी बहस छेड़ दी। विवेक अग्निहोत्री के आरोप और अचानक रुके इवेंट ने सभी का ध्यान खींचा है।

चाहे लोग द बंगाल फ़ाइल्स को ऐतिहासिक सच्चाई का साहसी चित्रण माने या राजनीतिक नज़रिए से प्रेरित फिल्म कहें—इसमें कोई शक नहीं कि यह फ़िल्म अपनी रिलीज़ से पहले ही सुर्खियों में आ चुकी है।

मराठी अभिनेत्री Jyoti Chandekar का 68 वर्ष की आयु में निधन, धारावाहिक *थरला तार मग* में “पूर्णा आजी” की भूमिका से मिली थी पहचान!

मराठी अभिनेत्री Jyoti Chandekar का 68 वर्ष की आयु में निधन, धारावाहिक *थरला तार मग* में “पूर्णा आजी” की भूमिका से मिली थी पहचान!

मराठी अभिनेत्री Jyoti Chandekar का निधन। थरला तार मग की ‘पूर्णा आजी’ के रूप में यादगार भूमिका, बेटी तेजस्विनी पंडित ने दी पुष्टि।

मराठी मनोरंजन जगत से एक दुखद खबर सामने आई है। मराठी टीवी और फिल्मों की जानी-मानी अभिनेत्री Jyoti Chandekar का शनिवार रात 68 साल की उम्र में निधन हो गया।

उनके निधन की जानकारी उनकी बेटी और प्रसिद्ध अभिनेत्री **तेजस्विनी पंडित** ने साझा की है। चांदेकऱ के अचानक चले जाने से पूरी इंडस्ट्री और उनके प्रशंसकों में शोक की लहर है।

रंगमंच से शुरू हुआ करियर, टीवी और सिनेमा में बनाई पहचान


Jyoti Chandekar ने अपने अभिनय करियर की शुरुआत **मराठी रंगमंच** से की थी। रंगभूमि पर उनकी संवाद-अभिव्यक्ति और भावनात्मक गहराई ने दर्शकों का दिल जीत लिया। इसके बाद उन्होंने धीरे-धीरे फिल्मों और धारावाहिकों की ओर रुख किया और वहाँ भी उन्होंने अपनी अदाकारी से गहरी छाप छोड़ी।

टीवी पर उनकी लोकप्रियता तब चरम पर पहुँची जब उन्होंने **ज़ी मराठी** के मशहूर पारिवारिक धारावाहिक *थरला तार मग* में **पूर्णा आजी** की भूमिका निभाई। यह किरदार उनके करियर का पहचान बन गया। उनकी सहज और दिल छू लेने वाली अदाकारी ने दर्शकों को अपने असली दादी-नानी की याद दिला दी।

मराठी सिनेमा और रंगभूमि में योगदान


टेलीविजन के अलावा Jyoti Chandekar ने कई मराठी फिल्मों में अहम भूमिकाएँ निभाईं। ज्यादातर उन्होंने माँ और दादी जैसे शांत लेकिन मजबूत स्वभाव वाले किरदारों को जीवंत किया। उनकी अदाकारी दर्शकों के लिए इतनी जुड़ी हुई थी कि लोग स्क्रीन पर उन्हें अपनी ही परिवार का हिस्सा मान लेते थे।

रंगमंच पर भी उनकी उपस्थिति बेहद प्रभावशाली रही। मंच नाटकों में उनकी संवाद अदायगी, गहन भाव और बारीकियों का अभिनय, उन्हें अलग ही ऊँचाई पर ले गया। **उनकी सबसे बड़ी खूबी थी पात्रों को बेहद सच्चाई और सरलता से लोगों तक पहुँचाना।**

माँ–बेटी का विशेष रिश्ता: Jyoti Chandekar और तेजस्विनी पंडित


ज्योति चांदेकऱ की बेटी **तेजस्विनी पंडित** भी मराठी इंडस्ट्री का बड़ा नाम हैं। माँ–बेटी दोनों ही अलग-अलग समय पर मराठी दर्शकों के दिलों में अपनी जगह बना चुकी हैं। तेजस्विनी ने कई बार यह स्वीकार किया था कि उनकी माँ ही उनकी सबसे बड़ी प्रेरणा हैं।

ज्योति चांदेकऱ के निधन से तेजस्विनी के जीवन में गहरा व्यक्तिगत आघात पहुँचा है। अभिनय की दुनिया में दोनों की मौजूदगी हमेशा दर्शकों के लिए गर्व की बात रही, लेकिन अब यह बंधन केवल यादों में ही रहेगा।

शोक संदेशों की बाढ़


जैसे ही उनके निधन की खबर आई, सोशल मीडिया पर शोक संवेदनाओं की बाढ़ आ गई। फिल्म और टीवी जगत के कई जाने-माने चेहरों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी और उनके साथ बिताए पलों को याद किया।

*थरला तार मग* के सह-कलाकारों ने याद किया कि किस तरह वे सेट पर सभी को एक परिवार जैसा माहौल देती थीं। युवा कलाकारों का मार्गदर्शन करना उनकी आदत थी। प्रशंसकों ने लिखा कि **”पूर्णा आजी अब भले ही हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी यादें हमेशा रहेंगी।”**

“पूर्णा आजी”: एक यादगार किरदार


टीवी धारावाहिक *थरला तार मग* में Jyoti Chandekar द्वारा निभाया गया **पूर्णा आजी का किरदार** किसी साधारण भूमिका से कहीं आगे बढ़कर दर्शकों के दिल में बस गया।

पूर्णा आजी दर्शकों के लिए सिर्फ एक दादी का किरदार नहीं था, बल्कि भारतीय संस्कृति में बुजुर्गों के महत्व और उनकी जीवन-दृष्टि का प्रतीक बन गया। उनकी भूमिका ने यह संदेश दिया कि परिवार में बड़ों का स्थान अमूल्य होता है।

अभिनय का अनोखा अंदाज़


Jyoti Chandekar उन कलाकारों में गिनी जाती थीं, जिनकी कला का आधार **सादगी और भावनात्मक सच्चाई** थी। वे स्टारडम से दूर रहते हुए भी दर्शकों के दिलों में बसे रहीं। यही उनकी सबसे बड़ी ताकत थी।

चार दशकों से भी अधिक समय तक सक्रिय रहते हुए उन्होंने साबित किया कि असली कलाकार वही है जो हर किरदार में सच्चाई उतार दे और दर्शक उससे खुद को जोड़ सके।

एक युग का अंत


68 साल की उम्र में Jyoti Chandekar का जाना मराठी मनोरंजन उद्योग के लिए एक बड़ी क्षति है। वे अपने पीछे अभिनय की एक समृद्ध धरोहर छोड़ गई हैं। छोटे और बड़े पर्दे पर उनके द्वारा निभाए गए किरदार सदैव उनकी याद दिलाते रहेंगे।

उनके निधन के साथ एक युग का अंत महसूस किया जा रहा है। जहाँ तेजस्विनी पंडित और उनका परिवार इस निजी नुकसान से गुजर रहा है, वहीं दर्शक और पूरी इंडस्ट्री उनके योगदान को सलाम कर रही है।

निष्कर्ष


Jyoti Chandekar का निधन
मराठी कला और मनोरंजन जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है। *थरला तार मग* की “पूर्णा आजी” के रूप में उन्होंने जो स्थान दर्शकों के दिलों में बनाया, वह हमेशा कायम रहेगा। उनकी सरलता, सहज अभिनय शैली और मानवीय दृष्टिकोण आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बने रहेंगे।

भले ही आज वे हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी अदाकारी और उनका अपनापन हमेशा याद किया जाएगा।

Coolie movie review: रजनीकांत-लोकेश की ब्लॉकबस्टर जुगलबंदी!

Coolie movie review: रजनीकांत-लोकेश की ब्लॉकबस्टर जुगलबंदी!


रजनीकांत की 171वीं फिल्म ‘Coolie’ में लोकेश कनगाराज का धमाका। जानें कहानी, एक्शन और स्टारपावर का परफेक्ट संगम इस खास रिव्यू में।

⭐ परिचय: रजनीकांत का नाम ही सिनेमा है


जब भी रजनीकांत की नई फिल्म आती है, दर्शक सिर्फ उनकी एक्टिंग देखने नहीं आते—वे एक अनुभव जीने आते हैं।
रजनी का करिश्मा ऐसा है कि उन्हें अलग से चमकाने की जरूरत नहीं, क्योंकि वे खुद वो रोशनी हैं। लेकिन हर बार दर्शकों के मन में सवाल यही होता है— क्या निर्देशक उनकी सुपरस्टार छवि को बरकरार रखते हुए, आज के समय के सिनेमा मानकों पर खरी फिल्म बना पाए हैं?

🎥 लोकेश कनगाराज – तमिल मास सिनेमा के नए दौर के मसीहा


पिछले कुछ वर्षों में ऐसे निर्देशक बहुत कम हुए हैं जिन्होंने आधुनिक फिल्ममेकिंग और रजनीकांत जैसी ‘लीजेंडरी पर्सनालिटी’ को सफलतापूर्वक जोड़ा हो।
लोकेश कनगाराज (Vikram, Leo फेम) आज तमिल मास सिनेमा का सबसे चर्चित नाम हैं। उनकी पहचान है—तेज रफ्तार कहानी, दमदार एक्शन और दर्शकों को जोड़ने वाला भावनात्मक कनेक्शन।

🎬 “Coolie” – रजनीकांत की 171वीं फिल्म का धमाका


– रिलीज़ वर्ष: 2025
– निर्देशक: लोकेश कनगाराज
– संगीत: अनिरुद्ध रविचंदर
– स्टार कास्ट: रजनीकांत और कई दमदार सह-कलाकार

फिल्म की कहानी एक पूर्व Coolie यूनियन लीडर की है, जो डॉकयार्ड में मज़दूरों का शोषण करने वाले माफिया सिंडिकेट के खिलाफ लड़ाई छेड़ देता है।
यह सिर्फ एक्शन से भरपूर नहीं बल्कि भावनाओं, संघर्ष और मास अपील का भी बेहतरीन संगम है।

💡 टेक्नोलॉजी और स्टाइल का शानदार मेल


– IMAX सर्टिफाइड कैमरों का इस्तेमाल
– फ्लैशबैक सीन में डिजिटल डी-एजिंग
– ऑल-स्टार कास्ट और हाई-ऑक्टेन स्टंट सीक्वेंस

लोकेश ने अनावश्यक हिंसा कम कर, स्क्रिप्ट को रजनीकांत की ताकतों के मुताबिक गढ़ा—जैसे दमदार डायलॉग, स्टाइलिश एंट्री और दिल छू लेने वाले भावुक पल।

🌟 रजनीकांत – सिर्फ अभिनेता नहीं, एक सांस्कृतिक विरासत


रजनीकांत का करियर संघर्ष और सफलता की जीवंत मिसाल है—एक बस कंडक्टर से ग्लोबल सुपरस्टार बनने तक का सफर।
उन्होंने हीरोइज़्म को एक नया चेहरा दिया—जहां स्टाइल, मास अपील और इंसानियत तीनों एक साथ मिलते हैं।
‘Coolie’ में उनका किरदार एक साथ करिश्माई लीडर और भावनात्मक नायक दोनों रूप में दर्शकों के दिल जीतता है।

🎵 संगीत और वातावरण


अनिरुद्ध रविचंदर का संगीत फिल्म को और बिजलीदार बनाता है। बैकग्राउंड स्कोर से लेकर गानों तक—हर जगह एक्शन और इमोशन का मिश्रण है, जो रजनी के दृश्यों को नया जादू देता है।

🔥 क्यों खास है ‘Coolie’?


– पुराने जमाने की रजनीकांत वाली मास एनर्जी
– आज के सिनेमा के हाई-टेक विजुअल्स और एडिटिंग
– दमदार डायरेक्शन और कहानी में ट्विस्ट
– फैन्स और नए दर्शक—दोनों पीढ़ियों को जोड़े रखने की क्षमता

🏆 निष्कर्ष: एक सिनेमाई उत्सव


‘Coolie’ एक फिल्म से बढ़कर सिनेमा का त्योहार है—जहां तमिल सिनेमा की मशाल रजनीकांत और नए युग के फिल्मकार लोकेश कनगाराज मिलकर इतिहास रच सकते हैं।
यह फिल्म हर उस दर्शक के लिए है जो एक्शन, इमोशन, और करिश्मे का परफेक्ट मिश्रण देखना चाहता है।

कीवर्ड्स: रजनीकांत नई फिल्म, कुली मूवी रिव्यू, लोकेश कनगाराज फिल्म, तमिल मास एक्शन मूवी, Rajinikanth Coolie Review, कुली मूवी स्टोरी, कुली 2025, रजनीकांत 171वीं फिल्म

मशहूर मिमिक्री कलाकार और अभिनेता Kalabhavan Navas होटल में मृत पाए गए, फिल्मी दुनिया में शोक की लहर!

मशहूर मिमिक्री कलाकार और अभिनेता Kalabhavan Navas होटल में मृत पाए गए, फिल्मी दुनिया में शोक की लहर!


मलयालम सिनेमा के जाने-माने मिमिक्री कलाकार और अभिनेता Kalabhavan Navas शुक्रवार को कोच्चि के एक होटल में मृत पाए गए। 51 वर्षीय नवास के असामयिक निधन से मनोरंजन जगत सदमे में है।


मलयालम फिल्म इंडस्ट्री को शुक्रवार को एक बड़ा झटका लगा जब मशहूर अभिनेता और मिमिक्री आर्टिस्ट Kalabhavan Navas का शव कोच्चि के चोत्तानिक्करा स्थित एक होटल में पाया गया। वे उस होटल में एक फिल्म की शूटिंग के सिलसिले में ठहरे हुए थे। उनकी उम्र 51 वर्ष थी।

यह दुखद घटना तब सामने आई जब होटल स्टाफ ने देखा कि नवास लंबे समय से अपने कमरे से बाहर नहीं आए थे और ना ही किसी कॉल का जवाब दे रहे थे। कर्मचारियों ने तुरंत स्थानीय पुलिस को सूचित किया। पुलिस मौके पर पहुंची और कमरे का दरवाजा खोलने के बाद पाया कि नवास अचेत अवस्था में थे। उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।

प्रारंभिक जांच और संभावित कारण



पुलिस ने प्रारंभिक जांच में बताया कि घटना में किसी तरह की साजिश या बाहरी हस्तक्षेप के संकेत नहीं मिले हैं। हालांकि, मौत का सही कारण जानने के लिए शव को पोस्टमार्टम के लिए एर्नाकुलम मेडिकल कॉलेज भेजा गया है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी अनुमान लगाया गया है कि उन्हें हृदयाघात (कार्डियक अरेस्ट) हो सकता है, लेकिन आधिकारिक पुष्टि अभी बाकी है।

कौन थे Kalabhavan Navas?



कलाभवन नवास मलयालम सिनेमा और मंचीय मिमिक्री जगत का एक प्रतिष्ठित नाम थे। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत प्रसिद्ध मिमिक्री ग्रुप कलाभवन से की थी, जहां से कई बड़े कलाकारों ने अपनी पहचान बनाई, जिनमें दिवंगत अभिनेता कलाभवन मणि भी शामिल हैं।

नवास की खासियत थी उनकी आवाज़ की विविधता और सटीक नकल, जिनकी बदौलत उन्होंने हजारों दर्शकों को हँसाया और सोचने पर मजबूर किया। उन्होंने अपने करियर में 50 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया और कई टेलीविज़न कॉमेडी शोज़ में हिस्सा लिया।

कुछ यादगार फिल्में:

सीआईडी उनिकृष्णन बी.ए. बी.एड.

मीशा माधवन

पुलीवाल कल्याणम

थिलक्कम

चथिक्कथा चन्तु


हालाँकि वे मुख्य भूमिकाओं में कम नजर आए, लेकिन सह-कलाकार के रूप में उनका योगदान हमेशा सराहनीय रहा।

मनोरंजन जगत में शोक की लहर



Kalabhavan Navas के निधन की खबर से पूरी फिल्म इंडस्ट्री में शोक की लहर दौड़ गई है। सोशल मीडिया पर अभिनेता हरिश्री अशोकन, सलीम कुमार, और दिलिप जैसे दिग्गजों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी और उन्हें एक सरल, विनम्र और प्रतिभाशाली कलाकार बताया।

AMMA (Association of Malayalam Movie Artists) ने भी एक आधिकारिक बयान जारी कर नवास के योगदान को याद किया और उनके परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की।

निजी जीवन और अंतिम संस्कार



नवास अपने पीछे पत्नी और दो बच्चों को छोड़ गए हैं। अंतिम संस्कार उनके गृहनगर त्रिशूर में किया जाएगा। उनके प्रशंसक, मित्र और सहकर्मी अंतिम दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं।

अंतिम शब्द



Kalabhavan Navas भले ही आज हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनके द्वारा दिए गए हँसी के पल और अनगिनत किरदार मलयालम सिनेमा और मंचीय कला में सदैव जीवित रहेंगे। उनकी यह असमय विदाई हमें यह याद दिलाती है कि कलाकारों की अहमियत सिर्फ उनकी भूमिका में नहीं, बल्कि उनके व्यक्तित्व और प्रभाव में भी होती है।

विक्रांत मैसी ने शाहरुख को दी टक्कर! 71वें National awards 2025 में जीत का मुकाबला हुआ जबरदस्त!

विक्रांत मैसी ने शाहरुख को दी टक्कर! 71वें National awards 2025 में जीत का मुकाबला हुआ जबरदस्त!

71वें National awards 2025 की घोषणा हो चुकी है। जानिए किसे मिला सर्वश्रेष्ठ अभिनेता, अभिनेत्री और सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म का सम्मान।


भारतीय सिनेमा के इतिहास में 1 अगस्त 2025 एक यादगार दिन बन गया, जब 71वें National awards 2025 के विजेताओं की घोषणा नई दिल्ली के राष्ट्रीय मीडिया केंद्र में एक औपचारिक प्रेस वार्ता के माध्यम से की गई।

इससे पहले, राष्ट्रीय पुरस्कार जूरी ने अपनी अंतिम रिपोर्ट सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव और राज्य मंत्री डॉ. एल. मुरुगन को सौंपी। इसके बाद जूरी सदस्यों ने विभिन्न श्रेणियों के विजेताओं के नाम सार्वजनिक किए।

National awards 2025 के प्रमुख पुरस्कार 🏆 विजेता


🔹 सर्वश्रेष्ठ अभिनेता (संयुक्त रूप से):
शाहरुख खान – “जवान”
विक्रांत मैसी – “12th फेल”
इन दोनों ने अपने प्रभावशाली और संवेदनशील प्रदर्शन से दर्शकों का दिल जीत लिया। शाहरुख खान को उनके 33 वर्षों के फिल्मी करियर में यह पहला राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है, जबकि विक्रांत की भूमिका प्रेरणा और यथार्थ का सशक्त उदाहरण रही।

🔹 सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री:
रानी मुखर्जी – “मिसेज चैटर्जी वर्सेज नॉर्वे”
एक माँ की कानूनी और भावनात्मक लड़ाई को बखूबी पर्दे पर लाकर रानी ने अपनी अदाकारी का अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत किया।

🔹 सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म:
“12th फेल”
विक्रमादित्य मोटवाने के निर्देशन में बनी यह फिल्म संघर्ष, मेहनत और शिक्षा के महत्व को संवेदनशील तरीके से दर्शाती है।

🔹 सर्वश्रेष्ठ हिंदी फिल्म:
“कटहल: अ जैकफ्रूट मिस्ट्री”
यह एक व्यंग्यात्मक सामाजिक कहानी है, जिसने दर्शकों को हास्य और संवेदना दोनों से जोड़ा।

🔹 सर्वश्रेष्ठ लोकप्रिय फिल्म (सार्थक मनोरंजन के लिए):
“रॉकी और रानी की प्रेम कहानी”
करण जौहर के निर्देशन में बनी इस फिल्म ने पारिवारिक भावनाओं और आधुनिक प्रेम की सुंदर झलक पेश की।

🌟 अन्य प्रमुख विजेता


🔸 सर्वश्रेष्ठ निर्देशन:
(इस श्रेणी में विजेता की पुष्टि नहीं है, अपडेट होने पर जोड़ा जा सकता है।)

🔸 सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री:
जानकी बोदीवाला – “वश” (गुजराती फिल्म)

🔸 सर्वश्रेष्ठ गुजराती फिल्म:
“वश”

🔸 सर्वश्रेष्ठ तेलुगु फीचर फिल्म:
“भगवंत केसरी”

🔸 तकनीकी श्रेणियों में सम्मानित फिल्में:
“सैम बहादुर” को 3 पुरस्कार मिले, वहीं “द केरला स्टोरी” ने 2 पुरस्कार जीते।

🎬 विविधता और क्षेत्रीय सिनेमा का जलवा


राष्ट्रीय पुरस्कारों की खास बात यह है कि ये केवल मुख्यधारा (बॉलीवुड) तक सीमित नहीं रहते, बल्कि क्षेत्रीय भाषाओं के सिनेमा को भी सम्मानित करते हैं। इस वर्ष गुजराती, तेलुगु, मलयालम और अन्य भाषाओं की फिल्मों को भी प्रमुख स्थान मिला है।

गुजराती फिल्म “वश” और तेलुगु फिल्म “भगवंत केसरी” ने उत्कृष्ट प्रस्तुति के लिए विशेष मान्यता प्राप्त की। इन फिल्मों ने यह साबित किया कि भारतीय सिनेमा की आत्मा क्षेत्रीय कथाओं में भी जीवित है।

📣 सरकार की सराहना और समर्थन


केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने विजेताओं को बधाई देते हुए कहा कि भारतीय सिनेमा न केवल देश के भीतर बल्कि वैश्विक स्तर पर भी भारतीय संस्कृति और मूल्यों को दर्शाने में सफल हो रहा है।

राज्य मंत्री डॉ. एल. मुरुगन ने जूरी के निष्पक्ष फैसलों की सराहना की और सभी कलाकारों और तकनीशियनों को उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए धन्यवाद दिया।

💬 निष्कर्ष


71वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार 2025 ने यह दर्शाया कि भारतीय सिनेमा विविधता, गुणवत्ता और सामाजिक जिम्मेदारी के साथ निरंतर आगे बढ़ रहा है।
शाहरुख खान, विक्रांत मैसी और रानी मुखर्जी जैसे कलाकारों का सम्मान केवल उनके लिए नहीं, बल्कि प्रेरणा के नए अध्याय की शुरुआत है।

इन पुरस्कारों ने यह भी साबित किया कि अच्छे सिनेमा की कोई भाषा नहीं होती — बस एक सच्ची कहानी और उसका सशक्त प्रस्तुतिकरण होता है।

Kingdom movie review – भव्यता में डूबी एक थकी हुई कहानी!

Kingdom movie review – भव्यता में डूबी एक थकी हुई कहानी!

Kingdom movie एक भव्य लेकिन बिखरी हुई कहानी है, जो दर्शकों को दृश्य प्रभावों से चौंकाती है पर भावनात्मक रूप से जोड़ नहीं पाती। पढ़िए पूरी समीक्षा और जानिए फिल्म की खूबियां और कमियां।

डिजिटल युग में भारतीय सिनेमा तेजी से बदल रहा है। अब फिल्में केवल कहानी कहने तक सीमित नहीं रहीं, बल्कि एक भव्य अनुभव पर केंद्रित हो गई हैं। दर्शकों को आकर्षित करने की इस होड़ में कई बार कहानी की स्पष्टता और गहराई पीछे छूट जाती है। गौतम तिन्ननुरी द्वारा निर्देशित Kingdom इसी नए सिनेमा युग की एक मिसाल है—एक भव्य लेकिन असंतुलित प्रयास, जो अपनी ही महत्वाकांक्षा के बोझ तले दबता नजर आता है।

दृश्य सौंदर्य का भव्य प्रदर्शन


Kingdom पूरी तरह आज के फिल्म निर्माण के ट्रेंड को दर्शाती है—विशाल सेट, शानदार वीएफएक्स और बड़े पैमाने पर बनाई गई लड़ाई के दृश्य। फिल्म का हर फ्रेम यह साबित करता है कि निर्देशक और टीम ने भव्यता के स्तर पर कोई कसर नहीं छोड़ी है। ऐतिहासिक पृष्ठभूमि में रची गई यह कहानी राजाओं और उनके संघर्षों को दिखाती है, लेकिन केवल बाहरी रूप से।

गौतम तिन्ननुरी, जिन्होंने Jersey जैसी भावनात्मक और दिल को छू जाने वाली कहानी दी थी, इस बार भव्यता की दुनिया में कदम रखते हैं। हालांकि तकनीकी पक्षों में फिल्म शानदार है, लेकिन इसकी असली कमजोरी इसकी कमजोर और बिखरी हुई कहानी है।

कहानी में गहराई नहीं, केवल गति


Kingdom movie की सबसे बड़ी कमजोरी इसका पटकथा लेखन है। फिल्म का कथानक भले ही बड़े कैनवास पर रचा गया हो, लेकिन यह कई हिस्सों में बिखरा हुआ और जल्दबाज़ी में बना हुआ लगता है। किरदारों के विकास के लिए जगह नहीं छोड़ी गई, जिससे दर्शक उनसे जुड़ नहीं पाते।

हर कुछ मिनटों में नया ट्विस्ट, नया सीन और एक और बड़ा खुलासा होता है—लेकिन इनमें से ज्यादातर सतही लगते हैं। फिल्म दर्शकों को भावनात्मक रूप से जोड़ने में असफल रहती है, और आखिर तक पहुंचते-पहुंचते अनुभव थका देने वाला हो जाता है।

Kingdom movie review : अभिनय अच्छा, पर स्क्रिप्ट कमजोर


फिल्म के मुख्य अभिनेता ने अपने किरदार में जान डालने की कोशिश की है। उनके साथ-साथ सहायक कलाकारों का प्रदर्शन भी प्रशंसनीय है। खासतौर पर महिला पात्रों को थोड़ा बेहतर तरीके से प्रस्तुत किया गया है, लेकिन कहानी के कमजोर ढांचे के कारण उनके प्रयास भी पूरी तरह उभर नहीं पाते।

कई बार ऐसा लगता है कि जैसे ही कोई किरदार दर्शकों का ध्यान खींचने लगता है, कहानी तुरंत दिशा बदल देती है। यह उतावलापन दर्शकों के जुड़ाव को तोड़ देता है।

थियेटर में एक भारी-भरकम लेकिन खोखला अनुभव


बड़े पर्दे पर Kingdom movie देखना अपने आप में एक अनुभव है—रोशनी, ध्वनि, और ग्राफिक्स सब कुछ आपको पकड़ कर रखते हैं। लेकिन इस सब के बीच जो बात गायब है, वह है कहानी की आत्मा। जिस सिनेमाई सुकून और ठहराव की उम्मीद लोग थिएटर से करते हैं, वह कहीं नहीं मिलता।

आज के सिनेमाई ट्रेंड में फिल्मों को एक भावनात्मक यात्रा की बजाय, एक थीम पार्क की सवारी की तरह बना दिया गया है। Kingdom उसी ट्रेंड का हिस्सा है—तेज, भव्य लेकिन अंत में खाली।

निष्कर्ष: महत्वाकांक्षा से लबरेज, पर आत्मा से दूर


Kingdom एक ऐसी फिल्म है जो अपने स्तर पर बड़ा सोचती है, लेकिन उसे पूरी तरह निभा नहीं पाती। तकनीकी रूप से यह शानदार है, लेकिन स्क्रिप्ट में स्पष्टता और भावना की कमी इसे औसत बना देती है। यह फिल्म उन दर्शकों के लिए हो सकती है जो केवल दृश्य प्रभावों से रोमांचित होते हैं, लेकिन जो लोग कहानी और भावनात्मक जुड़ाव की तलाश में हैं, उनके लिए यह अनुभव अधूरा रहेगा।




रेटिंग: ⭐⭐☆ (2.5/5)

शानदार दृश्य और भव्य प्रस्तुति, लेकिन कमजोर कहानी और भावनात्मक दूरी इसे साधारण बना देती है।

अनिरुद्धाचार्य महाराज उर्फ पुकी बाबा एक बार फिर विवादों में, खुशबू पाटनी ने जताई कड़ी नाराज़गी!

अनिरुद्धाचार्य महाराज उर्फ पुकी बाबा एक बार फिर विवादों में, खुशबू पाटनी ने जताई कड़ी नाराज़गी!


भोपाल: धार्मिक कथावाचक और सोशल मीडिया पर ‘पुकी बाबा’ के नाम से मशहूर अनिरुद्धाचार्य महाराज एक बार फिर से सुर्खियों में हैं। इस बार उनके विवादित बयान ने उन्हें कटघरे में खड़ा कर दिया है। उन्होंने हाल ही में लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाली महिलाओं को लेकर कुछ आपत्तिजनक बातें कहीं, जिन पर बॉलीवुड एक्ट्रेस दिशा पाटनी की बहन खुशबू पाटनी ने खुलकर नाराज़गी जाहिर की है।

क्या है पूरा मामला?


अपने एक हालिया प्रवचन के दौरान अनिरुद्धाचार्य महाराज ने महिलाओं को लेकर ऐसे बयान दिए, जिन्हें कई लोग महिला विरोधी मान रहे हैं। खासकर उनका लिव-इन रिलेशनशिप पर दिया गया तंज कई लोगों को नागवार गुज़रा।

इस पर खुशबू पाटनी, जो एक फिटनेस ट्रेनर और पूर्व आर्मी अफसर भी हैं, ने सोशल मीडिया पर अपनी कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने बाबा के विचारों को पिछड़ी सोच बताया और कहा कि समाज में महिलाओं को नीचा दिखाने वाली ऐसी बातें अब और बर्दाश्त नहीं की जाएंगी।

कौन हैं अनिरुद्धाचार्य महाराज?


अनिरुद्धाचार्य महाराज का असली नाम अनिरुद्ध राम तिवारी है और उनका जन्म 1989 में मध्य प्रदेश में हुआ था। वे अपने भक्ति भरे प्रवचनों, श्रीमद्भागवत कथाओं और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर सक्रियता के कारण प्रसिद्ध हुए हैं।

उनकी शैली कुछ लोगों को रोचक लगती है तो कुछ उन्हें विवादास्पद करार देते हैं। खासकर ‘पुकी बाबा’ के नाम से सोशल मीडिया पर उनकी मौजूदगी ने उन्हें यूथ के बीच चर्चित बना दिया है।

डिजिटल फेम और कमाई


‘पुकी बाबा’ के यूट्यूब चैनल पर उनके प्रवचनों के लाखों व्यूज़ आते हैं। वे सोशल मीडिया के जरिए धार्मिक संदेश तो देते ही हैं, साथ ही इससे उन्हें अच्छी खासी कमाई भी होती है।

The Buzz Mail की रिपोर्ट के मुताबिक, अनिरुद्धाचार्य महाराज की अनुमानित संपत्ति ₹4 से ₹5 करोड़ के बीच है, जो उन्हें मुख्यतः इन स्रोतों से मिलती है:

धार्मिक कथाएं और प्रवचन कार्यक्रम

यूट्यूब चैनल की विज्ञापन कमाई

ऑनलाइन और ऑफलाइन दान

धार्मिक ट्रस्ट के ज़रिए मिलने वाले योगदान

सोशल मीडिया पर फूटा ग़ुस्सा


बाबा के बयान के बाद सोशल मीडिया पर उनकी जमकर आलोचना हो रही है। कई लोगों ने उन्हें ‘पितृसत्तात्मक सोच’ का समर्थक बताया और कहा कि ऐसे वक्तव्य आधुनिक भारत के मूल्यों के खिलाफ हैं।

खुशबू पाटनी को कई यूज़र्स ने समर्थन दिया और हैशटैग्स जैसे #BoycottPookieBaba और #SupportKhushbooPatani भी ट्रेंड करने लगे।

क्यों है यह मुद्दा महत्वपूर्ण?


भारत में धार्मिक गुरुओं का समाज पर गहरा प्रभाव होता है। ऐसे में यदि वे महिला विरोधी बातें कहें, तो उसका असर बहुत सारे लोगों की सोच पर पड़ता है।

आज के युवा और जागरूक नागरिक अब धर्म के नाम पर बोली जाने वाली रूढ़िवादी बातों को चुनौती दे रहे हैं। यह घटना एक संकेत है कि अब केवल नाम और आस्था से किसी को छूट नहीं मिलेगी।

क्या होगा आगे?


हालांकि ये पहली बार नहीं है जब अनिरुद्धाचार्य महाराज किसी विवाद में फंसे हों, लेकिन इस बार मामला कुछ गंभीर लगता है। जिस तरह से एक पब्लिक फिगर और आर्मी अफसर रह चुकी खुशबू पाटनी ने उन्हें आड़े हाथों लिया है, उससे लगता है कि यह विवाद जल्दी शांत नहीं होगा।

अब देखना ये है कि अनिरुद्धाचार्य महाराज अपने बयान पर कोई सफाई देते हैं या नहीं, और क्या इस विवाद का असर उनकी लोकप्रियता पर पड़ता है।

निष्कर्ष:


‘पुकी बाबा’ का यह विवाद सिर्फ एक धार्मिक नेता के बयान भर का मामला नहीं है, बल्कि यह आधुनिक और पारंपरिक सोच के टकराव को भी दर्शाता है। भारत जैसे देश में जहां परंपरा और प्रगति दोनों साथ चलती हैं, वहां धार्मिक नेताओं से यह अपेक्षा की जाती है कि वे समाज को जोड़ने वाले बनें, न कि उसे बांटने वाले।

सरकार का डिजिटल सफाया: ALTBalaji, ULLU समेत 25 ऐप्स और वेबसाइट्स पर बैन, जानिए वजह!

सरकार का डिजिटल सफाया: ALTBalaji, ULLU समेत 25 ऐप्स और वेबसाइट्स पर बैन, जानिए वजह!


केंद्र सरकार ने Ullu और ALTBalaji सहित 25 मोबाइल ऐप्स और वेबसाइट्स को बैन कर दिया है। इन सभी बैंड ऐप्स और वेबसाइट्स पर अश्लील और आपत्तिजनक कंटेंट प्रसारित करने का आरोप है।

भारत सरकार ने डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर अश्लील, अभद्र और अशोभनीय सामग्री को लेकर बड़ा कदम उठाया है। केंद्र सरकार ने 25 मोबाइल ऐप्स और वेबसाइट्स को प्रतिबंधित कर दिया है जो कथित रूप से अश्लील और ‘पॉर्नोग्राफिक’ कंटेंट को प्रसारित कर रही थीं।

सरकारी सूत्रों के अनुसार जिन प्रमुख ऐप्स और साइट्स को बैन किया गया है, उनमें ALTBalaji, ULLU, Big Shots App, Desiflix, Boomex, Navarasa Lite और Gulab App शामिल हैं। ये सभी प्लेटफॉर्म्स अपने बोल्ड कंटेंट और एडल्ट वेब सीरीज के लिए काफी चर्चित रहे हैं।

❓ बैन की वजह क्या है?


सरकारी जांच और आम नागरिकों की शिकायतों के आधार पर पाया गया कि ये ऐप्स और वेबसाइट्स:

अत्यधिक अश्लील कंटेंट प्रसारित कर रहे थे।

उम्र सत्यापन (Age Verification) जैसे सुरक्षा उपायों का अभाव था, जिससे नाबालिग आसानी से इस कंटेंट तक पहुंच पा रहे थे।

कानूनी और नैतिक मानकों का उल्लंघन कर रहे थे।


इस कार्रवाई को सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 69A के तहत अंजाम दिया गया है, जो सरकार को देश की सार्वजनिक व्यवस्था, नैतिकता और सुरक्षा के हित में किसी भी वेबसाइट या ऐप को ब्लॉक करने का अधिकार देती है।

📱 किन ऐप्स और साइट्स को किया गया बैन?


इन 25 बैन किए गए प्लेटफॉर्म्स में कई भारतीय एडल्ट ओटीटी ऐप्स और वेबसाइट्स शामिल हैं, जो हाल के वर्षों में अपने बोल्ड और विवादास्पद कंटेंट के कारण लोकप्रिय हुए:

ALTBalaji – एकता कपूर की कंपनी का ऐप, जो बोल्ड वेब सीरीज के लिए जाना जाता है।

ULLU – अपने सॉफ्ट एडल्ट कंटेंट के लिए मशहूर।

Desiflix, Boomex, Big Shots, Navarasa Lite, Gulab App – ऐसे ऐप्स जिनकी लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही थी।


इनमें से कुछ प्लेटफॉर्म्स को पहले भी चेतावनी दी गई थी, लेकिन उन्होंने नाम बदलकर या नए इंटरफेस से दोबारा काम शुरू कर दिया था।

🌐 आम जनता और बच्चों तक पहुंच


ये ऐप्स अधिकांशतः गूगल प्ले स्टोर और अन्य प्लेटफॉर्म्स पर आसानी से उपलब्ध थे। इनमें कई ऐप्स ऐसे थे जो बिना किसी सख्त वेरिफिकेशन के कंटेंट दिखा रहे थे। इनकी मार्केटिंग सोशल मीडिया और यूट्यूब पर अश्लील ट्रेलर्स के जरिए की जाती थी, जिससे ये कंटेंट नाबालिगों तक भी पहुंच रहा था।

⚖️ कानूनी दृष्टिकोण


आईटी अधिनियम की धारा 69A के अंतर्गत यह बैन लागू किया गया है। सरकार को यह अधिकार है कि वह किसी भी साइट या ऐप को बंद कर सकती है यदि वह:

भारत की संप्रभुता या अखंडता को खतरे में डालता है।

सार्वजनिक व्यवस्था को प्रभावित करता है।

नैतिकता या शालीनता का उल्लंघन करता है।


एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, “ये ऐप्स खुलेआम कानून और सामाजिक मर्यादा की अवहेलना कर रहे थे। ये कार्रवाई ज़रूरी थी ताकि डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर अनुशासन बना रहे।”

📢 इंडस्ट्री और यूज़र्स की प्रतिक्रिया


Ullu और ALTBalaji जैसे ऐप्स के बैन को लेकर सोशल मीडिया और फिल्म इंडस्ट्री में मिश्रित प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। कुछ लोगों ने इसे सकारात्मक कदम बताया है, वहीं कुछ ने इसे रचनात्मक स्वतंत्रता पर हमला करार दिया है।

कई दर्शकों का कहना है कि सरकार को ऐसे प्लेटफॉर्म्स पर नियंत्रण रखना चाहिए, जबकि कुछ का मानना है कि वयस्कों को अपनी पसंद से देखने का अधिकार होना चाहिए।

🔮 आगे क्या होगा?


सरकार अब ओटीटी प्लेटफॉर्म्स के लिए सख्त गाइडलाइंस लाने की तैयारी में है, जिसमें:

एज-वेरिफिकेशन सिस्टम को अनिवार्य बनाया जाएगा।

कंटेंट के लिए सेल्फ-रेगुलेशन बोर्ड को प्रोत्साहन मिलेगा।

ऐसे ऐप्स पर कड़ी सज़ा और दोबारा लॉन्च पर रोक लगाई जाएगी।


MeitY (इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय) ऐप स्टोर्स के साथ मिलकर सुनिश्चित कर रहा है कि इन ऐप्स को पूरी तरह से हटाया जाए और ये फिर से किसी नए नाम से लॉन्च न हो पाएं।

✅ निष्कर्ष


ALTBalaji और Ullu जैसे 25 अश्लील ऐप्स और वेबसाइट्स पर केंद्र सरकार की यह कार्रवाई एक स्पष्ट संकेत है कि डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर अब नैतिक और कानूनी जवाबदेही अनिवार्य होगी।

यह कदम डिजिटल स्पेस में एक साफ-सुथरे और सुरक्षित वातावरण की ओर बढ़ाया गया एक अहम प्रयास है, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि इंटरनेट पर सामग्री भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों के अनुरूप हो।