
भारतीय फिल्म जगत की एक प्रतिष्ठित और बहुभाषी अभिनेत्री B Saroja Devi का सोमवार को निधन हो गया। वे 87 वर्ष की थीं और उम्रजनित स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित थीं। उन्होंने कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में अपने आवास पर अंतिम सांस ली।
भारतीय सिनेमा में एक चमकता सितारा
B Saroja Devi का नाम भारतीय सिनेमा के स्वर्ण युग की उन चुनिंदा अभिनेत्रियों में आता है, जिन्होंने तमिल, तेलुगु, कन्नड़ और हिंदी फिल्मों में दर्शकों के दिलों में खास जगह बनाई। उन्होंने 1950 और 60 के दशक में अपनी शानदार अदाकारी और सौंदर्य से सिनेमा को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया।
उनका फिल्मी सफर 1955 में शुरू हुआ था और जल्द ही वे दक्षिण भारत की सबसे अधिक लोकप्रिय अभिनेत्रियों में शुमार हो गईं। फिल्म कल्याण परिजु (1959) से उन्हें बड़ी पहचान मिली, और फिर एंगा वीट्टु पिल्लई, अनबे वा, ससुराल, पैग़ाम, और प्यार किया तो डरना क्या जैसी सफल फिल्मों ने उनकी छवि सुपरस्टार के रूप में स्थापित कर दी।
190 से अधिक फिल्मों में निभाया अभिनय
अपने करियर के दौरान उन्होंने करीब 190 से ज्यादा फिल्मों में मुख्य भूमिकाएं निभाईं। वे एम.जी. रामचंद्रन (MGR), एन.टी. रामाराव (NTR), डॉ. राजकुमार और दिलीप कुमार जैसे दिग्गज अभिनेताओं की प्रमुख सह-कलाकार रहीं। उनकी बहुआयामी अभिनय क्षमता ने उन्हें हर भाषा और क्षेत्र के दर्शकों का चहेता बना दिया।
सम्मान और उपलब्धियां
B Saroja Devi को भारतीय सिनेमा में उनके योगदान के लिए कई महत्वपूर्ण राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय पुरस्कारों से नवाजा गया। उन्हें भारत सरकार की ओर से पद्म श्री (1969) और पद्म भूषण (1992) जैसे प्रतिष्ठित नागरिक सम्मान प्राप्त हुए। इसके अतिरिक्त, उन्हें तमिलनाडु और कर्नाटक सरकारों द्वारा कला क्षेत्र में भी कई सम्मान दिए गए।
व्यक्तिगत जीवन और सामाजिक योगदान
B Saroja Devi का जन्म 7 जनवरी 1938 को बेंगलुरु में हुआ था। उन्होंने इंजीनियर हरि भद्राचार से विवाह किया था, जिनका निधन 1986 में हुआ। वह फिल्मों से इतर समाजसेवा और महिला सशक्तिकरण से भी जुड़ी रहीं। वे लंबे समय तक फिल्म सेंसर बोर्ड की सदस्य भी रही हैं।
श्रद्धांजलियों का दौर
उनके निधन की खबर के बाद फिल्म इंडस्ट्री और प्रशंसकों में शोक की लहर दौड़ गई। कई फिल्मी हस्तियों, नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्हें दक्षिण भारत की ‘सिल्वर स्क्रीन क्वीन’ और ‘सिनेमा की रानी’ के रूप में जाना जाता था।
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निष्कर्ष:
B Saroja Devi ने जो योगदान भारतीय सिनेमा को दिया, वह अमूल्य है। वे केवल एक अभिनेत्री नहीं, बल्कि एक युग थीं। उनके जाने से भारतीय फिल्म जगत को अपूरणीय क्षति हुई है, लेकिन उनकी कला और स्मृतियां सदैव जीवित रहेंगी।