
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2 जुलाई 2025 को घाना की ऐतिहासिक दो दिवसीय यात्रा की शुरुआत की, जो किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा तीन दशकों में घाना की पहली राजकीय यात्रा है। यह दौरा मोदी के पांच देशों के वैश्विक दौरे का पहला चरण है, जिसमें वह अफ्रीका और लैटिन अमेरिका में भारत की रणनीतिक मौजूदगी को मजबूत करने के प्रयास में जुटे हैं।
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भव्य स्वागत और सांस्कृतिक मेल
अकरा के कोटेका अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पीएम मोदी का पारंपरिक घाना शैली में स्वागत किया गया। उन्हें 21 तोपों की सलामी दी गई, साथ ही संगीत और नृत्य के रंगारंग कार्यक्रमों से उनका अभिनंदन किया गया। भारतीय प्रवासी समुदाय और स्थानीय बच्चों ने “हरे रामा हरे कृष्णा”, “वंदे मातरम्” और “भारत माता की जय” जैसे नारे लगाकर माहौल को भावनात्मक बना दिया।
घाना के राष्ट्रपति जॉन द्रामानी महामा ने स्वयं पीएम मोदी की अगवानी की, जो दोनों देशों के घनिष्ठ संबंधों का संकेत है।
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द्विपक्षीय वार्ता और सहयोग के नए अध्याय
अकरा स्थित जुबिली हाउस में पीएम मोदी और राष्ट्रपति महामा के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की बैठक हुई। दोनों नेताओं ने भारत-घाना संबंधों को “व्यापक रणनीतिक साझेदारी” के स्तर पर ले जाने की प्रतिबद्धता जताई।
मुख्य बिंदु:
आर्थिक सहयोग: भारत और घाना के बीच वर्तमान में लगभग 3 अरब डॉलर का व्यापार होता है, जिसे अगले पांच वर्षों में दोगुना करने का लक्ष्य तय किया गया है।
डिजिटल पेमेंट: भारत अपने UPI डिजिटल भुगतान सिस्टम की तकनीक घाना के साथ साझा करेगा।
विभिन्न क्षेत्रों में साझेदारी: कृषि, स्वास्थ्य, ऊर्जा, रक्षा, खनिज संसाधन और समुद्री सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर सहमति बनी।
एमओयू पर हस्ताक्षर: दोनों देशों ने संस्कृति, मानकीकरण और व्यापार सहयोग सहित चार समझौतों पर हस्ताक्षर किए।
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सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित
पीएम मोदी को घाना के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार “ऑफिसर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार ऑफ घाना” से नवाजा गया। उन्होंने यह सम्मान भारत की युवा पीढ़ी और सांस्कृतिक विरासत को समर्पित किया।
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संसद को संबोधन और प्रवासी भारतीयों से मुलाकात
प्रधानमंत्री ने घाना की संसद को संबोधित करते हुए लोकतंत्र और वैश्विक साझेदारी की भावना को मजबूत करने की बात कही। इसके साथ ही उन्होंने घाना में बसे भारतीय समुदाय के सदस्यों से भी मुलाकात की, जिनमें कई परिवार दशकों से वहां रह रहे हैं।
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वैश्विक दक्षिण की भूमिका में भारत
इस यात्रा ने भारत की “वैश्विक दक्षिण” में नेतृत्वकारी भूमिका को और मजबूत किया है। भारत अब BRICS, अफ्रीकी संघ और ECOWAS जैसे संगठनों के माध्यम से घाना जैसे देशों के साथ साझेदारी को नई ऊंचाइयों पर ले जा रहा है।
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पीएम मोदी की टिप्पणी
प्रधानमंत्री ने कहा, “घाना वैश्विक दक्षिण में भारत का एक महत्वपूर्ण साझेदार है। यह समय युद्ध का नहीं है, बल्कि संवाद और कूटनीति के जरिए समस्याएं सुलझाने का है।”
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निष्कर्ष
पीएम मोदी की घाना यात्रा भारत और अफ्रीका के बीच साझेदारी को एक नए युग में ले गई है। आर्थिक, सांस्कृतिक और रणनीतिक क्षेत्रों में सहयोग की नई राहें खुली हैं। यह दौरा इस बात का प्रमाण है कि भारत अब वैश्विक मंच पर एक जिम्मेदार और दूरदर्शी नेतृत्व निभा रहा है, जो समानता, साझेदारी और विकास पर आधारित है।