
भोपाल: धार्मिक कथावाचक और सोशल मीडिया पर ‘पुकी बाबा’ के नाम से मशहूर अनिरुद्धाचार्य महाराज एक बार फिर से सुर्खियों में हैं। इस बार उनके विवादित बयान ने उन्हें कटघरे में खड़ा कर दिया है। उन्होंने हाल ही में लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाली महिलाओं को लेकर कुछ आपत्तिजनक बातें कहीं, जिन पर बॉलीवुड एक्ट्रेस दिशा पाटनी की बहन खुशबू पाटनी ने खुलकर नाराज़गी जाहिर की है।
क्या है पूरा मामला?
अपने एक हालिया प्रवचन के दौरान अनिरुद्धाचार्य महाराज ने महिलाओं को लेकर ऐसे बयान दिए, जिन्हें कई लोग महिला विरोधी मान रहे हैं। खासकर उनका लिव-इन रिलेशनशिप पर दिया गया तंज कई लोगों को नागवार गुज़रा।
इस पर खुशबू पाटनी, जो एक फिटनेस ट्रेनर और पूर्व आर्मी अफसर भी हैं, ने सोशल मीडिया पर अपनी कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने बाबा के विचारों को पिछड़ी सोच बताया और कहा कि समाज में महिलाओं को नीचा दिखाने वाली ऐसी बातें अब और बर्दाश्त नहीं की जाएंगी।
कौन हैं अनिरुद्धाचार्य महाराज?
अनिरुद्धाचार्य महाराज का असली नाम अनिरुद्ध राम तिवारी है और उनका जन्म 1989 में मध्य प्रदेश में हुआ था। वे अपने भक्ति भरे प्रवचनों, श्रीमद्भागवत कथाओं और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर सक्रियता के कारण प्रसिद्ध हुए हैं।
उनकी शैली कुछ लोगों को रोचक लगती है तो कुछ उन्हें विवादास्पद करार देते हैं। खासकर ‘पुकी बाबा’ के नाम से सोशल मीडिया पर उनकी मौजूदगी ने उन्हें यूथ के बीच चर्चित बना दिया है।
डिजिटल फेम और कमाई
‘पुकी बाबा’ के यूट्यूब चैनल पर उनके प्रवचनों के लाखों व्यूज़ आते हैं। वे सोशल मीडिया के जरिए धार्मिक संदेश तो देते ही हैं, साथ ही इससे उन्हें अच्छी खासी कमाई भी होती है।
The Buzz Mail की रिपोर्ट के मुताबिक, अनिरुद्धाचार्य महाराज की अनुमानित संपत्ति ₹4 से ₹5 करोड़ के बीच है, जो उन्हें मुख्यतः इन स्रोतों से मिलती है:
धार्मिक कथाएं और प्रवचन कार्यक्रम
यूट्यूब चैनल की विज्ञापन कमाई
ऑनलाइन और ऑफलाइन दान
धार्मिक ट्रस्ट के ज़रिए मिलने वाले योगदान
सोशल मीडिया पर फूटा ग़ुस्सा
बाबा के बयान के बाद सोशल मीडिया पर उनकी जमकर आलोचना हो रही है। कई लोगों ने उन्हें ‘पितृसत्तात्मक सोच’ का समर्थक बताया और कहा कि ऐसे वक्तव्य आधुनिक भारत के मूल्यों के खिलाफ हैं।
खुशबू पाटनी को कई यूज़र्स ने समर्थन दिया और हैशटैग्स जैसे #BoycottPookieBaba और #SupportKhushbooPatani भी ट्रेंड करने लगे।
क्यों है यह मुद्दा महत्वपूर्ण?
भारत में धार्मिक गुरुओं का समाज पर गहरा प्रभाव होता है। ऐसे में यदि वे महिला विरोधी बातें कहें, तो उसका असर बहुत सारे लोगों की सोच पर पड़ता है।
आज के युवा और जागरूक नागरिक अब धर्म के नाम पर बोली जाने वाली रूढ़िवादी बातों को चुनौती दे रहे हैं। यह घटना एक संकेत है कि अब केवल नाम और आस्था से किसी को छूट नहीं मिलेगी।
क्या होगा आगे?
हालांकि ये पहली बार नहीं है जब अनिरुद्धाचार्य महाराज किसी विवाद में फंसे हों, लेकिन इस बार मामला कुछ गंभीर लगता है। जिस तरह से एक पब्लिक फिगर और आर्मी अफसर रह चुकी खुशबू पाटनी ने उन्हें आड़े हाथों लिया है, उससे लगता है कि यह विवाद जल्दी शांत नहीं होगा।
अब देखना ये है कि अनिरुद्धाचार्य महाराज अपने बयान पर कोई सफाई देते हैं या नहीं, और क्या इस विवाद का असर उनकी लोकप्रियता पर पड़ता है।
निष्कर्ष:
‘पुकी बाबा’ का यह विवाद सिर्फ एक धार्मिक नेता के बयान भर का मामला नहीं है, बल्कि यह आधुनिक और पारंपरिक सोच के टकराव को भी दर्शाता है। भारत जैसे देश में जहां परंपरा और प्रगति दोनों साथ चलती हैं, वहां धार्मिक नेताओं से यह अपेक्षा की जाती है कि वे समाज को जोड़ने वाले बनें, न कि उसे बांटने वाले।