
भारत-इंग्लैंड टेस्ट सीरीज के आखिरी मुकाबले में Karun Nair को टीम में शामिल किया जा सकता है। वे शार्दुल ठाकुर की जगह लेंगे। यह बदलाव सीरीज का रुख बदल सकता है।
जैसे-जैसे भारत और इंग्लैंड के बीच रोमांचक टेस्ट सीरीज अपने निर्णायक चरण में पहुंच रही है, वैसे-वैसे टीम इंडिया भी अपनी रणनीति को लेकर गंभीर होती नजर आ रही है। खबरें आ रही हैं कि अंतिम और निर्णायक टेस्ट में भारत Karun Nair को अतिरिक्त बल्लेबाज के रूप में टीम में शामिल कर सकता है। वे शार्दुल ठाकुर की जगह लेंगे, जो चौथे टेस्ट का हिस्सा थे।
क्यों हो रहा है यह बदलाव?
हाल के मैचों में भारतीय बल्लेबाजी क्रम कुछ खास कमाल नहीं दिखा सका है। टॉप ऑर्डर जल्दी ढह जाता है, जबकि मिडल ऑर्डर लगातार दबाव में नजर आया है। शार्दुल ठाकुर एक ऑलराउंडर के रूप में टीम में जरूर थे, लेकिन चौथे टेस्ट में उनका प्रदर्शन खास नहीं रहा। न गेंद से असरदार रहे और न ही बल्ले से कोई बड़ा योगदान दे सके।
ऐसे में Karun Nair को मौका देने का विचार टीम मैनेजमेंट का एक सोच-समझकर उठाया गया कदम हो सकता है। वे एक भरोसेमंद बल्लेबाज हैं और टेस्ट फॉर्मेट में लंबी पारी खेलने की क्षमता रखते हैं।
Karun Nair का टेस्ट रिकॉर्ड
Karun Nair ने साल 2016 में इंग्लैंड के खिलाफ नाबाद 303 रन बनाकर इतिहास रच दिया था। वे तिहरा शतक लगाने वाले भारत के चुनिंदा बल्लेबाजों में से एक हैं। हालांकि इसके बाद उन्हें ज्यादा मौके नहीं मिले, लेकिन घरेलू क्रिकेट में उनका प्रदर्शन लगातार संतुलित रहा है।
वर्तमान परिस्थिति में, जब रन बनाना चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है, ऐसे में करुण नायर जैसे खिलाड़ी का धैर्य और तकनीक टीम के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है।
गेंदबाजी संयोजन पर असर
शार्दुल ठाकुर को बाहर करना यानी एक गेंदबाज कम करना। लेकिन भारत के पास पहले से ही एक मजबूत बॉलिंग लाइनअप है जिसमें जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद सिराज और संभवतः मोहम्मद शमी जैसे तेज गेंदबाज शामिल हो सकते हैं। इसके अलावा रविंद्र जडेजा और रविचंद्रन अश्विन जैसे स्पिनर भी मौजूद हैं।
जडेजा की बल्लेबाजी क्षमता को देखते हुए, टीम एक अतिरिक्त बल्लेबाज को शामिल करके बल्लेबाजी क्रम को मजबूती दे सकती है, जबकि गेंदबाजी पक्ष पर बहुत अधिक असर नहीं पड़ेगा।
सीरीज पर पड़ेगा असर
Karun Nair को शामिल करने का फैसला यह दर्शाता है कि टीम अब रक्षात्मक नहीं, बल्कि आक्रामक सोच के साथ आगे बढ़ रही है। वह इस बार गेंदबाजों के भरोसे नहीं रहना चाहती, बल्कि ठोस स्कोर बनाकर इंग्लैंड पर दबाव डालना चाहती है।
यह कदम घरेलू क्रिकेटर्स के लिए भी एक प्रेरणा बन सकता है—जो खिलाड़ी घरेलू स्तर पर अच्छा प्रदर्शन करते हैं, उन्हें बड़े मौके मिल सकते हैं।
इंग्लैंड की रणनीति पर असर
इंग्लैंड की आक्रामक “बाज़बॉल” शैली के सामने यदि भारत एक मजबूत बल्लेबाजी लाइनअप के साथ उतरता है, तो इंग्लैंड को भी अपनी रणनीति में बदलाव करने पर मजबूर होना पड़ सकता है। यदि भारत पहली पारी में बड़ा स्कोर खड़ा कर देता है, तो इंग्लैंड पर मानसिक दबाव बन सकता है, जिससे उनकी जोखिम भरी रणनीति प्रभावित हो सकती है।
निष्कर्ष
Karun Nair को अंतिम टेस्ट में शामिल करना टीम इंडिया के लिए एक बड़ा और निर्णायक फैसला हो सकता है। यह या तो मास्टरस्ट्रोक साबित होगा या फिर एक जोखिमपूर्ण कदम। लेकिन इतना तय है कि भारत इस बार बदलाव के लिए तैयार है और आखिरी टेस्ट को हर हाल में जीतना चाहता है।
अब निगाहें इस पर टिकी हैं कि क्या करुण नायर इस सुनहरे मौके को भुना पाएंगे और एक बार फिर टेस्ट क्रिकेट में अपनी जगह पक्की कर पाएंगे?