
दिल्ली के मोहित सचदेवा की कहानी से जानिए कि क्यों हेल्दी लाइफस्टाइल के साथ-साथ नियमित हार्ट चेकअप भी हृदय को सुरक्षित रखने के लिए जरूरी है।
आज के समय में जब हेल्थ और फिटनेस को लेकर जागरूकता बढ़ रही है, लोग मानने लगे हैं कि संतुलित आहार, शराब और धूम्रपान से दूरी, और नियमित व्यायाम ही दिल को स्वस्थ रखने के लिए पर्याप्त हैं। लेकिन दिल्ली के लाजपत नगर निवासी 40 वर्षीय मोहित सचदेवा की कहानी इस सोच को झूठा साबित करती है। उनका अनुभव बताता है कि एक हेल्दी लाइफस्टाइल के साथ-साथ नियमित हार्ट चेकअप भी उतना ही जरूरी है।
आदर्श जीवनशैली के बावजूद खतरे में जान
मोहित सचदेवा एक मल्टीनेशनल कंपनी में मार्केटिंग हेड के पद पर कार्यरत हैं। उनका दिन सुबह की दौड़ से शुरू होता था, वे हेल्दी डाइट फॉलो करते थे, नशे से कोसों दूर थे और योग को भी जीवन का हिस्सा बना चुके थे। उनके दोस्त और सहकर्मी उन्हें एक फिटनेस आइकन मानते थे।
मोहित बताते हैं, “मुझे कभी नहीं लगा कि मुझे दिल से जुड़ी कोई परेशानी हो सकती है। मैं हमेशा चुस्त-दुरुस्त महसूस करता था और किसी भी तरह का स्ट्रेस नहीं था।”
एक आम दिन और चौंकाने वाला मोड़
एक दिन ऑफिस जाने से पहले मोहित को हल्का सीने में दर्द और असहजता महसूस हुई। शुरुआत में उन्होंने इसे गैस या थकान समझा, लेकिन जब तकलीफ कम नहीं हुई, तो उनकी पत्नी ने उन्हें अस्पताल ले जाने का आग्रह किया।
जांच में सामने आया कि उनके दो प्रमुख धमनियों में गंभीर ब्लॉकेज है। डॉक्टरों ने तुरंत हस्तक्षेप किया और बताया कि यदि देर हो जाती, तो उन्हें दिल का दौरा पड़ सकता था।
छिपे हुए खतरे: केवल लाइफस्टाइल से नहीं बचती बीमारी
मोहित की तरह बहुत से लोग यह मानते हैं कि यदि वे हेल्दी लाइफस्टाइल फॉलो कर रहे हैं, तो उन्हें दिल से जुड़ी बीमारी का कोई खतरा नहीं। लेकिन रिसर्च बताती है कि दक्षिण एशियाई लोगों में हृदय रोग का जोखिम अनुवांशिक रूप से अधिक होता है, चाहे वे बाहर से कितने ही स्वस्थ क्यों न दिखें।
कुछ ऐसे फैक्टर जो बिना लक्षणों के भी हृदय रोग को जन्म दे सकते हैं:
परिवार में हृदय रोग का इतिहास
क्रॉनिक स्ट्रेस और मानसिक तनाव
शरीर में सूजन (Silent Inflammation)
अनियंत्रित कोलेस्ट्रॉल या ब्लड प्रेशर
ज्यादा समय बैठकर काम करना
समय-समय पर करवाएं हृदय की जांच
विशेषज्ञों की मानें तो 30 साल की उम्र के बाद हर व्यक्ति को हर साल हार्ट चेकअप कराना चाहिए, खासकर अगर परिवार में पहले से दिल की बीमारी का इतिहास हो। कुछ जरूरी जांचें इस प्रकार हैं:
ईसीजी (ECG)
लिपिड प्रोफाइल
ब्लड प्रेशर मापन
टीएमटी या स्ट्रेस टेस्ट
ईकोकार्डियोग्राफी
कोरोनरी कैल्शियम स्कोरिंग (यदि डॉक्टर सुझाएं)
मोहित की स्थिति समय रहते पकड़ में आ गई, लेकिन अगर यह जाँच पहले हो जाती, तो बड़ा खतरा टाला जा सकता था।
एक सीख: अंदर की सच्चाई को नजरअंदाज न करें
सर्जरी और इलाज के बाद अब मोहित स्वस्थ हैं और लोगों को हार्ट हेल्थ के प्रति जागरूक कर रहे हैं। वे कहते हैं, “मैं सोचता था कि एक्सरसाइज और हेल्दी डाइट ही काफी है। अब समझ आया कि समय-समय पर जांच कराना भी उतना ही जरूरी है।”
निष्कर्ष: सिर्फ स्वस्थ दिखना काफी नहीं
भारत में हर साल लाखों लोग हृदय रोग के कारण अपनी जान गंवाते हैं। दुखद यह है कि इनमें से कई केस समय पर जांच से रोके जा सकते हैं। अच्छी जीवनशैली आवश्यक है, लेकिन नियमित स्वास्थ्य जांच ही आपको पूरी सुरक्षा प्रदान कर सकती है।
इसलिए अगली बार जब आप यह सोचकर जांच टाल दें कि आप बिल्कुल ठीक हैं, तो मोहित सचदेवा की कहानी को याद रखें। हो सकता है कि आपके अंदर भी कुछ ऐसा छिपा हो, जिसकी जानकारी आपको नहीं है — और यही अज्ञानता सबसे बड़ा खतरा है।








