Shibu Soren का निधन: झारखंड के ‘दिशोम गुरु’ नहीं रहे, पूरे राज्य में शोक की लहर!

Shibu Soren का निधन: झारखंड के ‘दिशोम गुरु’ नहीं रहे, पूरे राज्य में शोक की लहर!

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झामुमो के संरक्षक Shibu Soren का 81 वर्ष की आयु में निधन। पीएम मोदी और राष्ट्रपति मुर्मू ने सर गंगाराम अस्पताल जाकर दी श्रद्धांजलि। पढ़ें पूरी रिपोर्ट उनके जीवन, संघर्ष और योगदान पर।


झारखंड के वरिष्ठ राजनेता, पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के संरक्षक Shibu Soren का सोमवार की सुबह निधन हो गया। 81 वर्ष की उम्र में उन्होंने दिल्ली स्थित सर गंगाराम अस्पताल में अंतिम सांस ली। पिछले कई हफ्तों से वह किडनी से जुड़ी गंभीर समस्याओं के चलते अस्पताल में भर्ती थे।
उनके निधन की खबर से झारखंड समेत पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई है।

आदिवासी पहचान के सबसे मजबूत स्तंभ



Shibu Soren को ‘दिशोम गुरु’ की उपाधि से सम्मानित किया जाता था। उन्होंने अपने लंबे राजनीतिक जीवन में आदिवासी समुदाय की आवाज़ को न सिर्फ बुलंद किया, बल्कि उन्हें सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक रूप से सशक्त बनाने के लिए लगातार संघर्ष किया।
वह झारखंड को अलग राज्य बनाने के आंदोलन के अगुवा थे, और उनके प्रयासों से यह सपना हकीकत बना।

Shibu Soren का संघर्ष और राजनीतिक सफर



वर्ष 1972 में उन्होंने झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) की नींव रखी।

उन्होंने संसद में कई बार झारखंड की जनता का प्रतिनिधित्व किया।

तीन बार झारखंड के मुख्यमंत्री पद पर आसीन रहे।

केंद्र सरकार में कोयला मंत्री के रूप में भी कार्य किया।

उनका राजनीतिक जीवन आदिवासियों की ज़मीन, जंगल और अधिकारों की रक्षा के लिए समर्पित था।

देश भर से श्रद्धांजलियों का सिलसिला



Shibu Soren के निधन पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई राष्ट्रीय नेताओं ने गहरा दुख व्यक्त किया।
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति मुर्मू दोनों ने दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल जाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा,

> “Shibu Soren जी का जीवन सामाजिक न्याय और वंचित वर्गों के अधिकारों की रक्षा में समर्पित था। उनका योगदान देश कभी नहीं भुला पाएगा।”



राष्ट्रपति मुर्मू ने शोक व्यक्त करते हुए कहा,

> “Shibu Soren जी के निधन से आदिवासी समाज को अपूरणीय क्षति पहुंची है। वह एक प्रेरणा स्रोत थे।”

हेमंत सोरेन के लिए व्यक्तिगत क्षति



झारखंड के वर्तमान मुख्यमंत्री और Shibu Soren के पुत्र हेमंत सोरेन ने पिता के निधन पर गहरा दुख जताया। उन्होंने कहा,

> “मेरे लिए यह सिर्फ पारिवारिक नहीं, बल्कि वैचारिक नुकसान है। उन्होंने जो आदर्श दिए, वह हमेशा मेरे मार्गदर्शक रहेंगे।”



राज्य सरकार ने राजकीय शोक की घोषणा की है और अंतिम संस्कार रांची में पूरे सरकारी सम्मान के साथ संपन्न होगा।

आदिवासी समाज में शोक का माहौल



Shibu Soren के निधन से आदिवासी समाज में गहरा शोक व्याप्त है। झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल के आदिवासी इलाकों में लोग उन्हें जननेता और मसीहा के रूप में याद कर रहे हैं।
उनकी अंतिम यात्रा में लाखों समर्थकों के जुटने की संभावना है।

एक जीवन जो आदर्श बना


Shibu Soren का जीवन आदिवासियों की पीड़ा, संघर्ष और सम्मान का प्रतीक था। उन्होंने हमेशा जल, जंगल, ज़मीन और अधिकारों की रक्षा के लिए आवाज़ उठाई।
उनकी सोच और संघर्षों ने आने वाली पीढ़ियों को दिशा देने का काम किया है।

Shibu Soren: एक दृष्टिपात



विवरण — जानकारी

जन्म– 11 जनवरी 1944, नेमरा गांव, झारखंड
राजनीतिक दल– झारखंड मुक्ति मोर्चा
पद– तीन बार मुख्यमंत्री, कई बार सांसद
निधन– 4 अगस्त 2025, दिल्ली
कारण– किडनी की समस्या
आयु– 81 वर्ष
उपाधि– दिशोम गुरु

निष्कर्ष: विरासत अमर रहेगी



Shibu Soren का जाना सिर्फ एक नेता का जाना नहीं, बल्कि एक विचारधारा, एक आंदोलन और एक आवाज़ का मौन हो जाना है। उन्होंने झारखंड और आदिवासी समाज को जो पहचान दिलाई, वह हमेशा स्मरणीय रहेगी।
उनकी विरासत हेमंत सोरेन और अगली पीढ़ी के नेताओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी रहेगी।



NSDL allotment status, GMP लाइव अपडेट: आवंटन आज होगा फाइनल, लिस्टिंग से पहले निवेशकों की धड़कनें तेज!

NSDL allotment status, GMP लाइव अपडेट: आवंटन आज होगा फाइनल, लिस्टिंग से पहले निवेशकों की धड़कनें तेज!

NSDL allotment status 4 अगस्त 2025 को चेक करें। जानिए कैसे करें चेक, क्या है लेटेस्ट GMP, रिफंड डेट और अनुमानित लिस्टिंग प्राइस।

नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL) के इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) को लेकर निवेशकों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिला है। तीन दिन की सब्सक्रिप्शन विंडो के बाद अब इंतजार है आईपीओ के आवंटन (allotment) का, जो कि आज, 4 अगस्त 2025 को फाइनल होने की उम्मीद है।

NSDL के इस बहुप्रतीक्षित आईपीओ ने भारतीय निवेशकों के बीच एक मजबूत धारणा बनाई है। इस लेख में हम जानेंगे एनएसडीएल आईपीओ की पूरी जानकारी, ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) का ताजा अपडेट, और allotment स्टेटस कैसे चेक करें।

📌 एनएसडीएल आईपीओ – एक नजर में



NSDL भारत की पहली और सबसे बड़ी डिपॉजिटरी कंपनियों में से एक है। इस आईपीओ के जरिए कंपनी के मौजूदा शेयरधारकों ने अपनी हिस्सेदारी बेची है, यानी यह पूरी तरह से ऑफर फॉर सेल (OFS) था। कंपनी को इस आईपीओ से कोई नया फंड नहीं मिला है, लेकिन इसका उद्देश्य अपने ब्रांड को मजबूत करना और शेयर बाजार में मौजूदगी दर्ज कराना है।

आईपीओ ओपन: 29 जुलाई 2025

आईपीओ क्लोज: 31 जुलाई 2025

प्राइस बैंड: ₹395 – ₹412 प्रति शेयर

लॉट साइज: 36 शेयर

कुल इश्यू साइज: लगभग ₹3,150 करोड़

लिस्टिंग डेट: 7 अगस्त 2025 (संभावित)

📈 सब्सक्रिप्शन डिटेल्स – एनएसडीएल आईपीओ को मिला जबरदस्त रिस्पॉन्स



एनएसडीएल के आईपीओ को सभी निवेशक कैटेगरी से बेहतरीन रिस्पॉन्स मिला:

क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIBs): 37.24 गुना

हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल्स (HNIs): 24.86 गुना

रिटेल निवेशक: 5.92 गुना

कुल सब्सक्रिप्शन: 18.87 गुना


इस भारी भरकम डिमांड से साफ है कि निवेशकों को एनएसडीएल के फ्यूचर ग्रोथ और बिजनेस मॉडल पर पूरा भरोसा है।

🧾 NSDL allotment status कैसे चेक करें?



4 अगस्त 2025 को एनएसडीएल आईपीओ का आवंटन फाइनल हो सकता है। NSDL allotment status चेक करने के लिए आप निम्नलिखित तरीकों का उपयोग कर सकते हैं:

✅ 1. KFin Technologies की वेबसाइट से

वेबसाइट: https://ris.kfintech.com

‘NSDL IPO’ चुनें

पैन नंबर, एप्लिकेशन नंबर या डीमैट आईडी डालें

कैप्चा भरें और स्टेटस देखें


✅ 2. बीएसई की वेबसाइट से

वेबसाइट: https://www.bseindia.com/investors/appli_check.aspx

‘Equity’ सेलेक्ट करें

‘NSDL’ चुनें

एप्लिकेशन नंबर और पैन भरें


✅ 3. स्टॉक ब्रोकिंग ऐप्स से

Zerodha, Groww, Upstox, Angel One जैसे ऐप्स पर भी आप अपना IPO स्टेटस चेक कर सकते हैं।

📊 जीएमपी (GMP) – ग्रे मार्केट में एनएसडीएल शेयर की कीमत



एनएसडीएल आईपीओ का ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) लगातार पॉजिटिव बना हुआ है, जो निवेशकों के बीच उत्साह दर्शाता है। 4 अगस्त की सुबह तक, GMP लगभग ₹80–₹90 प्रति शेयर तक चल रहा है, जिससे अनुमान है कि शेयर की लिस्टिंग ₹500 के आस-पास हो सकती है।

पिछले 5 दिनों का GMP ट्रेंड:

30 जुलाई: ₹60

31 जुलाई: ₹75

1 अगस्त: ₹88

2 अगस्त: ₹90

3 अगस्त: ₹85


हालांकि GMP लिस्टिंग डे प्राइस की गारंटी नहीं देता, पर इससे बाजार की भावना का अंदाज़ा लगाया जा सकता है।

🏢 एनएसडीएल कंपनी प्रोफाइल



एनएसडीएल की स्थापना 1996 में हुई थी। यह भारत में इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में शेयर, डिबेंचर और म्यूचुअल फंड यूनिट्स को होल्ड करने वाली पहली डिपॉजिटरी है।

प्रमुख ताकतें:

भारत की सबसे बड़ी डिपॉजिटरी

तकनीकी रूप से उन्नत प्लेटफॉर्म

बड़े-बड़े फाइनेंशियल संस्थानों का विश्वास

लगातार लाभदायक व्यवसाय मॉडल


वित्तीय प्रदर्शन (FY 2024-25):

राजस्व: ₹920 करोड़

शुद्ध लाभ: ₹280 करोड़

EBITDA मार्जिन: 38.7%

RoNW: 18.3%

🔜 आवंटन के बाद क्या होगा?



आवंटन फाइनल होने के बाद इन महत्वपूर्ण तारीखों पर नज़र रखें:

रिफंड प्रक्रिया (अस्वीकृत आवेदन): 5 अगस्त 2025

डीमैट खाते में शेयर क्रेडिट: 6 अगस्त 2025

शेयर लिस्टिंग डेट: 7 अगस्त 2025

💡 एक्सपर्ट की राय: होल्ड करें या मुनाफा लें?



मार्केट विशेषज्ञों के अनुसार, एनएसडीएल मजबूत फंडामेंटल्स वाली कंपनी है और लॉन्ग टर्म होल्ड के लिए एक अच्छा विकल्प हो सकती है। हालांकि अगर लिस्टिंग प्राइस बहुत अधिक रहती है (20-30% प्रीमियम), तो शॉर्ट टर्म निवेशक मुनाफावसूली भी कर सकते हैं।

🔚 निष्कर्ष



एनएसडीएल आईपीओ का allotment आज फाइनल हो सकता है और ग्रे मार्केट में इसके प्रति सकारात्मक रुझान देखने को मिल रहे हैं। जिन निवेशकों को शेयर मिलेंगे, वे 7 अगस्त को लिस्टिंग का बेसब्री से इंतज़ार करेंगे। वहीं, बाकी निवेशक भी सेकेंडरी मार्केट में सही एंट्री पॉइंट की तलाश में रहेंगे।

एनएसडीएल की मजबूत पोजीशन और आईपीओ में भारी सब्सक्रिप्शन इसे 2025 के सबसे चर्चित आईपीओ में शामिल कर चुकी है।

साइना नेहवाल की शादी में नया मोड़! पेरुपल्ली कश्यप संग फिर से जुड़ने की कोशिश!

साइना नेहवाल की शादी में नया मोड़! पेरुपल्ली कश्यप संग फिर से जुड़ने की कोशिश!


भारतीय बैडमिंटन स्टार साइना नेहवाल की शादी की खबर ने फैन्स को चौंका दिया है। ओलंपिक पदक विजेता शटलर ने हाल ही में इंस्टाग्राम पर अपने पति पेरुपल्ली कश्यप के साथ एक तस्वीर साझा की, जिसमें वह समुद्र और पहाड़ों की खूबसूरत पृष्ठभूमि में साथ नजर आ रहे हैं। इस तस्वीर के साथ साइना ने लिखा — “फिर से कोशिश कर रहे हैं”, जिससे संकेत मिल रहा है कि दोनों के रिश्ते में फिर से सुलह की कोशिशें हो रही हैं।

ब्रेकअप की खबर ने चौंका दिया था फैन्स को


साइना नेहवाल और पेरुपल्ली कश्यप भारतीय खेल जगत की सबसे पसंदीदा जोड़ियों में से एक रहे हैं। साइना नेहवाल की शादी दिसंबर 2018 में पेरूपल्ली कश्यप के साथ हुई थी, लेकिन उससे पहले भी वे सालों से एक-दूसरे को डेट कर रहे थे। दोनों ने कई अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में भारत का प्रतिनिधित्व किया और हैदराबाद में गोपिचंद बैडमिंटन अकादमी में एक ही कोच के अंडर प्रशिक्षण लिया।

हालांकि कुछ हफ्ते पहले ऐसी खबरें आईं कि यह जोड़ी अब एक साथ नहीं है और उन्होंने आपसी सहमति से अलग होने का फैसला किया है। कहा गया कि व्यक्तिगत मतभेद और व्यावसायिक व्यस्तताएं इस फैसले के पीछे की वजह थीं। यह खबर फैन्स के लिए एक बड़ा झटका थी।

इंस्टाग्राम पर साझा की नई तस्वीर: उम्मीद की एक नई किरण


रविवार को साइना ने एक इंस्टाग्राम पोस्ट के जरिए अपने और कश्यप के बीच रिश्ते को लेकर बड़ा संकेत दिया। इस तस्वीर में दोनों समुद्र किनारे एक शांत माहौल में मुस्कुराते हुए नजर आ रहे हैं। पोस्ट के कैप्शन “Trying again” (फिर से कोशिश कर रहे हैं) ने सबका ध्यान खींचा।

फैन्स और खेल जगत के सितारों ने इस पोस्ट पर प्यार और समर्थन जताया। यह साफ संकेत है कि दोनों एक बार फिर अपने रिश्ते को एक और मौका देने की कोशिश कर रहे हैं।

भारतीय बैडमिंटन की पॉवर कपल


साइना और कश्यप का रिश्ता सिर्फ पर्सनल नहीं, बल्कि प्रोफेशनल स्तर पर भी बेहद मजबूत रहा है। जहां साइना ने ओलंपिक में कांस्य पदक जीतकर इतिहास रचा, वहीं कश्यप भी पुरुष सिंगल्स में वर्ल्ड रैंकिंग में टॉप-10 तक पहुंचे। दोनों ने एक-दूसरे को कठिन प्रशिक्षण के दिनों में प्रेरित किया और मुश्किल दौर में साथ दिया।

खेल से दूर, जिंदगी की नई राह पर



बीते कुछ महीनों में साइना ने अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट्स से दूरी बना रखी है, वहीं कश्यप भी अब युवाओं को कोचिंग देने और गाइड करने पर ज्यादा फोकस कर रहे हैं। ऐसे में शायद यह समय दोनों के लिए आत्ममंथन और रिश्तों को समझने का मौका बन गया।

सोशल मीडिया पर फैन्स की प्रतिक्रिया



साइना की पोस्ट पर फैन्स की प्रतिक्रियाएं बेहद भावुक और सकारात्मक रही हैं। कुछ लोगों ने लिखा:

“प्यार को एक और मौका देना सबसे बहादुरी भरा फैसला होता है। आप दोनों को शुभकामनाएं!”

“सिर्फ कोर्ट पर नहीं, जिंदगी में भी आप दोनों प्रेरणा हैं।”

“यह पोस्ट दिल को छू गई। उम्मीद है ये रिश्ता और मजबूत हो।”

खिलाड़ियों के मानसिक स्वास्थ्य पर रोशनी



इस पूरी घटना ने एक महत्वपूर्ण विषय पर ध्यान दिलाया है — खिलाड़ियों का मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य। मैदान पर जीतने वाले इन चैंपियंस की भी निजी जिंदगी में चुनौतियां होती हैं। साइना और कश्यप जैसे दिग्गज अगर अपने रिश्ते की सच्चाई और संघर्ष को सामने लाते हैं, तो इससे यह संदेश जाता है कि हर इंसान को दूसरा मौका मिलना चाहिए — चाहे वो आम इंसान हो या कोई सुपरस्टार।

साइना नेहवाल की शादी में नया मोड़! अब आगे क्या?



हालांकि इस पोस्ट के अलावा दोनों ने कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन तस्वीर और कैप्शन से यह साफ है कि रिश्ते में एक नई शुरुआत की कोशिश हो रही है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या यह कोशिश स्थायी रूप से उन्हें फिर से जोड़ने में कामयाब होती है।

निष्कर्ष



साइना नेहवाल और पेरुपल्ली कश्यप न सिर्फ खेल जगत के सितारे हैं, बल्कि निजी जीवन में भी उन्होंने हमेशा एक-दूसरे के लिए सम्मान और प्यार दिखाया है। उनकी हालिया पोस्ट बताती है कि रिश्ते में दूरी आने के बावजूद वे अब एक नई शुरुआत करने के लिए तैयार हैं। यह एक सशक्त संदेश है — कि सच्चे रिश्तों को बचाने की कोशिश करना कभी गलत नहीं होता।

फैन्स की तरफ से बस एक ही दुआ — “इस बार ये साथ, हमेशा के लिए हो!”

मुज़फ्फरनगर में घरेलू विवाद बना हिंसा का कारण: पत्नी ने कथित तौर पर पति पर किया चाकू से हमला!

मुज़फ्फरनगर में घरेलू विवाद बना हिंसा का कारण: पत्नी ने कथित तौर पर पति पर किया चाकू से हमला!


उत्तर प्रदेश के मुज़फ्फरनगर में शनिवार शाम को एक घरेलू विवाद उस समय हिंसक रूप ले बैठा जब एक महिला ने अपने पति पर चाकू से जानलेवा हमला कर दिया। घायल व्यक्ति की पहचान आसिफ के रूप में हुई है, जो गंभीर रूप से घायल हो गया और अस्पताल में भर्ती है। इस घटना ने आमजन से लेकर पुलिस तक को चौंका दिया है, और इसके पीछे की वजहों को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं।

क्या हुआ था उस शाम?



घायल आसिफ ने दावा किया कि वह अपनी पत्नी साइरा को किसी अन्य व्यक्ति के साथ आपत्तिजनक स्थिति में देखकर चौंक गया था। उसका कहना है कि जैसे ही उसने दोनों को देखा, वह व्यक्ति वहां से भाग निकला और उसकी पत्नी ने उसी समय रसोई से चाकू उठाकर उस पर तीन बार वार किया। घटना के बाद पड़ोसियों ने आसिफ को गंभीर हालत में अस्पताल पहुँचाया।

आसिफ ने मीडिया से कहा, “मैं 1.5 साल से सऊदी अरब में काम कर रहा था और पिछले महीने ही लौटा हूँ। जब मैं घर पहुँचा, तो मैंने अपनी पत्नी को किसी अजनबी के साथ आपत्तिजनक स्थिति में देखा। वह आदमी भाग गया और मेरी पत्नी ने मुझ पर चाकू से हमला कर दिया।”

पुलिस की अलग राय



जहाँ एक ओर आसिफ बेवफाई का आरोप लगा रहे हैं, वहीं पुलिस को इस मामले में कुछ और ही नजर आ रहा है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह घटना पति की नशे की लत और इसको लेकर आये दिन होने वाले झगड़ों के चलते हुई है।

सर्किल ऑफिसर राजू कुमार साव ने बताया, “पति के शराब पीने को लेकर दोनों के बीच लड़ाई हुई थी। इस झगड़े के दौरान महिला ने गुस्से में आकर पति पर चाकू से हमला कर दिया। अभी आरोपी महिला फरार है और जांच जारी है।”

उन्होंने यह भी साफ किया कि अभी तक ऐसे किसी अफेयर के सबूत नहीं मिले हैं जिनका जिक्र आसिफ कर रहे हैं।

वैवाहिक संबंधों में दरार



स्थानीय लोगों और पुलिस के अनुसार, इस दंपति के कोई संतान नहीं है। आसिफ का यह भी आरोप है कि उसकी पत्नी ने गर्भपात की गोलियाँ ली थीं, जिससे उनके बीच रिश्तों में और खटास आ गई थी। यह घटना केवल एक घरेलू विवाद नहीं बल्कि गहरे व्यक्तिगत और सामाजिक तनावों को भी दिखाती है।

दोनों पक्षों की बातों में विरोधाभास है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि मामला केवल शक और बहस का नहीं बल्कि वर्षों से चल रही समस्याओं का परिणाम हो सकता है।

घरेलू विवाद: एक सामाजिक समस्या



भारत में वैवाहिक झगड़े और घरेलू विवाद के मामले सामान्य होते जा रहे हैं। कभी शक के आधार पर, कभी नशे या अवैध संबंधों को लेकर, कई बार यह कहासुनी गंभीर हिंसा में बदल जाती है। इस तरह की घटनाओं से यह समझ आता है कि वैवाहिक रिश्तों में संवाद और समझदारी की कितनी आवश्यकता है।

घरेलू हिंसा के मामलों में अक्सर कानून का झुकाव किसी एक पक्ष की ओर होता देखा गया है — कभी महिलाएं आरोप लगाती हैं कि उन्हें न्याय नहीं मिलता, तो कभी पुरुष शिकायत करते हैं कि उनके साथ भेदभाव होता है।

सोशल मीडिया पर उठी आवाज़ें



इस घटना ने सोशल मीडिया पर भी खासा ध्यान आकर्षित किया है। कई लोग इसे “पारदर्शी कानूनों” की जरूरत का उदाहरण बता रहे हैं, जहाँ सभी पक्षों को बराबर सुना जाए। आसिफ ने भी यही मांग की कि पुरुषों के लिए भी घरेलू हिंसा के मामलों में कानूनी सुरक्षा होनी चाहिए।

वहीं दूसरी ओर, पुलिस का कहना है कि वे निष्पक्ष जांच कर रहे हैं और सभी पहलुओं की गहराई से पड़ताल की जा रही है।

जांच की स्थिति



घटना के एक दिन बाद तक साइरा फरार थी और पुलिस उसकी तलाश में जुटी थी। पड़ोसियों ने बताया कि उन्होंने आसिफ को खून से लथपथ देखा और अस्पताल पहुँचाने में मदद की। पुलिस इस मामले में हर संभावित पहलू की जांच कर रही है जिसमें अफेयर, घरेलू हिंसा और शराब की लत भी शामिल हैं।

मुख्य बिंदु:



**स्थान एवं समय**: शनिवार शाम, मुजफ्फरनगर, उत्तर प्रदेश
**घायल व्यक्ति**: आसिफ, हाल ही में सऊदी अरब से लौटा
**आरोपी**: साइरा, पत्नी, घटना के बाद से फरार
**आसिफ का दावा**: विवाहेतर संबंध के कारण हमला
**पुलिस का मत**: पति की शराब की लत के चलते झगड़ा हुआ
**स्थिति**: मामला दर्ज, जांच जारी

निष्कर्ष


मुजफ्फरनगर की यह घटना यह दर्शाती है कि घरेलू विवाद किस हद तक विकराल रूप ले सकते हैं। चाहे कारण विवाहेतर संबंध हों या नशे की बुरी आदतें— परिणाम अक्सर गंभीर होते हैं। ऐसे मामलों में ज़रूरत इस बात की है कि समाज और प्रशासन मिलकर समय रहते ऐसे तनावों की पहचान करें, काउंसलिंग और उचित उपाय उपलब्ध कराएं, और निष्पक्ष कार्यवाही सुनिश्चित करें।



**अनुरोध:** यदि आप या आपके आसपास कोई घरेलू हिंसा से जूझ रहा है, तो नज़दीकी हेल्पलाइन या कानून प्रवर्तन एजेंसियों से संपर्क करें।

25 Heart-Touching Friendship Day Quotes, तुम्हें तुम्हारे बेस्ट फ्रेंड की याद दिला देंगे!

25 Heart-Touching Friendship Day Quotes, तुम्हें तुम्हारे बेस्ट फ्रेंड की याद दिला देंगे!


Friendship Day महज़ एक तारीख नहीं होती — यह उस बंधन का जश्न है जो हमें हमारे सबसे क़रीबी दोस्तों से जोड़ता है। वो दोस्त जो हमारे हँसी के पलों में साथ होते हैं और कठिन समय में हमारा सहारा भी बनते हैं।

अगर आज आप अपने सबसे अच्छे दोस्त को मिस कर रहे हैं या उन्हें खास महसूस कराना चाहते हैं, तो ये 25 खूबसूरत उद्धरण उनके लिए परफेक्ट हैं। इन्हें पढ़ते ही आपके दिल में उनकी याद और भी गहरी हो जाएगी।

1. “सच्चा दोस्त वह होता है जो बाकी सबके हटने पर भी तुम्हारे साथ खड़ा रहे।” — वॉल्टर विनचेल


जब दुनिया साथ छोड़ दे, तब जो साथ निभाए — वही असली दोस्त होता है।

2. “दोस्त वे होते हैं जिन्हें आप खुद चुनते हैं।” — जेस सी. स्कॉट


बेस्ट फ्रेंड सिर्फ दोस्त नहीं होते, वे परिवार जैसे होते हैं।

3. “जब कोई बहुत ज़्यादा मायने रखे, तब दूरी कोई मायने नहीं रखती।” — टॉम मैकनील


अगर दिल से कनेक्शन हो, तो मीलों की दूरी कुछ भी नहीं।

4. “बेस्ट फ्रेंड वह है जो आपकी ज़िंदगी को और बेहतर बना देता है।” — अनजान


उनकी हँसी, उनका साथ — आपका हर दिन खास बना देता है।

5. “एक अच्छा दोस्त आपके किस्से जानता है, एक बेस्ट फ्रेंड उन्हें आपके साथ जीता है।” — अनजान


हर याद, हर पागलपन, उसके साथ ही तो शुरू हुआ था।

6. “सच्ची दोस्ती वहीं जन्म लेती है, जब दो लोग एक-दूसरे से कहते हैं – ‘तुम भी? मुझे लगा मैं ही अकेला था।’” — सी.एस. लुईस


वह फीलिंग… जब मन से मन जुड़ जाए।

7. “वो दोस्ती सबसे गहरी होती है, जहाँ चुप्पी भी आरामदायक हो।” — डेविड टायसन


जब बिना शब्दों के भी बातें हो जाती हैं… वही असली दोस्त होता है।

8. “बेस्ट फ्रेंड भले ही दूर हो, लेकिन दिल से कभी दूर नहीं होते।” — अनजान


सिर्फ एक मैसेज… और सब कुछ फिर से जुड़ जाता है।

9. “बचपन के दोस्त कुछ और ही होते हैं। उन्हें कोई नहीं बदल सकता।” — लीज़ा वेल्शेल


जिन्होंने आपको तब जाना जब आप खुद को नहीं जानते थे।

10.“हम अलग हो सकते हैं, लेकिन हमारी कहानी हमेशा साथ रहेगी।” — एली कोंडी


वक़्त और रास्ते बदल सकते हैं, यादें नहीं।

11. “कुछ आत्माएं मिलते ही एक-दूसरे को समझ जाती हैं।” — एन.आर. हार्ट


ऐसा ‘क्लिक’ सिर्फ दिलों से होता है।

12. “एक दोस्त वो होता है जो आपके दिल का गीत पहचानता है और जब आप भूल जाओ, तो उसे गाता है।” — डोना रॉबर्ट्स


वो आपकी ताकत पहचानता है, जब आप खुद को कमजोर समझें।

13. “दोस्ती समय से नहीं, भरोसे और साथ से बनती है।” — अनजान


जो वैसे ही आपके साथ होता है — और रह भी जाता है।

14. “बेस्ट फ्रेंड को खोना मतलब खुद का एक हिस्सा खो देना।” — अनजान


दिल का वो टुकड़ा हमेशा उनकी याद दिलाता है।

15. “हमारे जितना कोई हमें एंटरटेन नहीं कर सकता!” — अनजान


वो पागलपन, वो मस्ती… बस एक बेस्ट फ्रेंड समझे।

16. “मेरी चुप्पी को भी जो समझ सके… वही तो बेस्ट फ्रेंड है।” — अनजान


शब्दों से नहीं, दिल से जुड़ा रिश्ता होता है।

17. “दोस्ती लाखों छोटी-छोटी बातों का नाम है।” — अनजान


छोटे पल, बड़ी यादें — वही तो असली दोस्ती है।

18. “हर सफल महिला के पीछे एक बेस्ट फ्रेंड होता है जो बेवकूफी भरी सलाह और दिल से सपोर्ट देता है।” — अनजान


आपका सबसे बड़ा चीयरलीडर — जो गलती में भी आपके साथ हो।

19. “ज़िंदगी दोस्तों और एडवेंचर्स के लिए बनी है।” — अनजान


आख़िरी मिनट की प्लानिंग, जो कभी ना भूलने वाली बन जाए।

20. “एक छोटा-सा मैसेज भी दिन बना देता है — जब वो बेस्ट फ्रेंड से आए।” — अनजान


शायद उन्हें मैसेज भेजने का यही सही वक्त है?

21. “जिस दिन दोस्त ना हो, वो शहद के बिना बर्तन जैसा होता है।” — विनी द पू


दोस्ती हर चीज़ को थोड़ा मीठा बना देती है।

22. “ज़िंदगी की असली दौलत लोग होते हैं, चीज़ें नहीं।” — अनजान


और सबसे कीमती होता है — एक बेस्ट फ्रेंड।

23. “सच्चे दोस्त भुलाए नहीं जाते, वे हमेशा दिल में रहते हैं।” — अनजान


वक्त गुज़रता है — रिश्ता नहीं।

24. “बेस्ट फ्रेंड — एक टैग नहीं, एक वादा होता है।” — अनजान


ये साथ वक़्त से नहीं, नीयत से चलता है।

25. “धन्यवाद, मेरी मुस्कान को और बड़ा, मेरी हँसी को और ऊँचा और मेरे प्यार को और गहरा करने के लिए।” — अनजान


अगर आपने ये उन्हें नहीं कहा, तो फ्रेंडशिप डे से बेहतर मौका क्या हो सकता है?

अंत में:


ये सभी कोट्स सिर्फ शब्द नहीं हैं, ये उन जज़्बातों को बयान करते हैं जो आप अपने सबसे अच्छे दोस्त के लिए महसूस करते हैं।

इस फ्रेंडशिप डे, इनमें से एक कोट इस्तेमाल करके अपने किसी पुराने, खास या मिसिंग फ्रेंड को मैसेज करें। कौन जानता, एक लाइन से ही पुराने रिश्ते फिर से ताज़ा हो जाएं!

**हैप्पी फ्रेंडशिप डे!**

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इंग्लैंड के खिलाफ Yashasvi Jaiswal का शतक, पांचवें टेस्ट में भारत को दिलाई मजबूती!

Yashasvi Jaiswal ने एक बार फिर इंग्लैंड के खिलाफ कमाल करते हुए पांचवें टेस्ट की दूसरी पारी में शानदार शतक जड़ा। जानें उनकी इस पारी ने भारत की स्थिति को कैसे किया मजबूत।

भारतीय क्रिकेट टीम के युवा बल्लेबाज़ Yashasvi Jaiswal ने एक बार फिर अपनी शानदार बल्लेबाज़ी से सभी को प्रभावित किया है। द ओवल में खेले जा रहे पांचवें और आखिरी टेस्ट मैच की दूसरी पारी में उन्होंने शानदार शतक जड़ते हुए टीम इंडिया की पकड़ को मजबूत बना दिया।

पहली पारी में हुए फेल, दूसरी में की जबरदस्त वापसी



जहां पहली पारी में Yashasvi Jaiswal ज्यादा रन नहीं बना सके और जल्दी आउट हो गए, वहीं दूसरी पारी में उन्होंने अपने अनुभव और आत्मविश्वास का शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने इंग्लैंड के गेंदबाज़ों को पूरी तरह से थका दिया और मैदान पर डटे रहे।

Yashasvi Jaiswal ने 51वें ओवर में पूरा किया शतक


Yashasvi Jaiswal ने 51वें ओवर में अपने शतक की बाउंड्री लगाई और इस अहम टेस्ट मुकाबले में टीम को मजबूत स्थिति में पहुंचा दिया। उनकी इस पारी में तकनीक और आक्रामकता का संतुलन देखने लायक था।

इंग्लैंड के खिलाफ चौथा शतक



यह Yashasvi Jaiswal के करियर का छठा टेस्ट शतक है और खास बात यह है कि इनमें से चार शतक उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ बनाए हैं। यह आंकड़े बताते हैं कि इंग्लैंड के खिलाफ वह एक अलग ही लय में खेलते हैं।

प्रमुख आँकड़े:

कुल टेस्ट शतक: 6

इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट शतक: 4

मौजूदा टेस्ट में शतक: दूसरी पारी में, 51वें ओवर में

उम्र: 24 साल

स्थान: द ओवल, लंदन

टीम की प्रतिक्रिया



कप्तान और कोच दोनों ने Yashasvi Jaiswal की इस पारी की जमकर सराहना की। कप्तान ने कहा,

> “जायसवाल ने जिस तरीके से दबाव में संभलकर बल्लेबाज़ी की, वह उनकी परिपक्वता और आत्मविश्वास को दर्शाता है।”



टीम प्रबंधन का मानना है कि जायसवाल की यह पारी आने वाले विदेशी दौरों में उन्हें एक मजबूत सलामी बल्लेबाज़ के रूप में स्थापित कर सकती है।

भारत की बढ़त हुई मजबूत



जायसवाल की इस शानदार पारी के दम पर भारत ने दूसरी पारी में अच्छा स्कोर खड़ा किया, जिससे इंग्लैंड को दबाव में लक्ष्य का पीछा करना होगा। यह पारी भारत को टेस्ट मैच में निर्णायक बढ़त दिला सकती है।

निष्कर्ष


Yashasvi Jaiswal ने यह साबित कर दिया है कि वह बड़े मौकों के खिलाड़ी हैं। पहली पारी की विफलता को पीछे छोड़ते हुए उन्होंने दूसरी पारी में शतक बनाकर न सिर्फ खुद को साबित किया, बल्कि टीम को भी संकट से उबारा। इंग्लैंड के खिलाफ उनकी यह पारी भारतीय टेस्ट क्रिकेट में एक और यादगार अध्याय जोड़ती है।

अगर जायसवाल इसी लय में आगे बढ़ते रहे, तो आने वाले वर्षों में वे भारत के सबसे भरोसेमंद टेस्ट सलामी बल्लेबाज़ बन सकते हैं। उनका यह शतक सिर्फ एक रन संख्या नहीं, बल्कि मानसिक मजबूती, निरंतरता और समर्पण का प्रतीक है।

📢 PM Kisan सम्मान निधि की 20वीं किस्त जारी: किसानों के खाते में पहुंचे ₹2000, जानिए पूरी डिटेल!

PM Kisan सम्मान निधि की 20वीं किस्त जारी: किसानों के खाते में पहुंचे ₹2000, जानिए पूरी डिटेल!

वाराणसी — देश के करोड़ों किसानों के लिए आज का दिन बड़ी सौगात लेकर आया है। केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN) योजना के तहत 20वीं किस्त आज किसानों के खातों में भेज दी गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के वाराणसी से इस किस्त का शुभारंभ किया और खुद बटन दबाकर राशि ट्रांसफर की।

इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा,

> “देश का किसान हमारे लिए सिर्फ अन्नदाता नहीं, बल्कि आत्मनिर्भर भारत का आधार भी है। इस योजना के माध्यम से हम किसानों को सीधा आर्थिक सहयोग पहुंचा रहे हैं।”

✅PM Kisan योजना का उद्देश्य क्या है?



PM Kisan सम्मान निधि योजना भारत सरकार द्वारा वर्ष 2019 में शुरू की गई थी। इसका मकसद छोटे और सीमांत किसानों को आर्थिक सहायता देना है। हर पात्र किसान को साल में ₹6000 तीन किस्तों में दिए जाते हैं — हर चार महीने में ₹2000 की किस्त सीधे उनके बैंक खाते में ट्रांसफर की जाती है।

📅 20वीं किस्त का विवरण:



तारीख: 2 अगस्त 2025

राशि: ₹2000 प्रति किसान

लाभार्थी किसान: करीब 8.5 करोड़ से ज्यादा

कुल वितरित राशि: लगभग ₹17,000 करोड़

स्थान: वाराणसी, उत्तर प्रदेश

🔍 अपनी किस्त की स्थिति कैसे जांचें?



किसान यह जानने के लिए कि उनके खाते में राशि आई है या नहीं, निम्नलिखित स्टेप्स को फॉलो कर सकते हैं:

1. वेबसाइट खोलें: https://pmkisan.gov.in


2. “Beneficiary Status” पर क्लिक करें।


3. अपना मोबाइल नंबर, आधार नंबर या बैंक खाता नंबर दर्ज करें।


4. “Get Data” पर क्लिक करें।


5. स्क्रीन पर आपकी किस्त की पूरी जानकारी दिखाई देगी।

🧾 किन किसानों को मिलेगा लाभ?



PM Kisan योजना का लाभ उन्हीं किसानों को दिया जाता है जो इन शर्तों को पूरा करते हैं:

उनके पास भूमि का वैध दस्तावेज होना चाहिए।

कोई भी इनकम टैक्सदाता किसान इस योजना के पात्र नहीं हैं।

परिवार में सरकारी नौकरी वाला सदस्य होने पर योजना का लाभ नहीं मिलेगा।

ई-केवाईसी (e-KYC) पूर्ण होना आवश्यक है।

📌 ई-केवाईसी है जरूरी



अगर आपने अभी तक अपना e-KYC पूरा नहीं किया है, तो आपको किस्त नहीं मिलेगी। इसे आप निम्न माध्यमों से करा सकते हैं:

आधिकारिक पोर्टल पर जाकर OTP के माध्यम से।

नजदीकी CSC केंद्र पर जाकर बायोमेट्रिक सत्यापन द्वारा।

🛠 ज़रूरी दस्तावेज़:



आधार कार्ड

भूमि रिकॉर्ड/खसरा नंबर

बैंक खाता विवरण

मोबाइल नंबर (आधार से लिंक हो)

📞 सहायता के लिए कहां संपर्क करें?



अगर आपकी किस्त नहीं आई है या कोई अन्य समस्या है, तो आप निम्न माध्यमों से संपर्क कर सकते हैं:

PM Kisan हेल्पलाइन: 155261 / 011-24300606

ईमेल: pmkisan-ict@gov.in

स्थानीय कृषि विभाग कार्यालय से भी जानकारी ली जा सकती है।

🌿 निष्कर्ष



PM-KISAN योजना भारत सरकार की सबसे सफल और किसान हितैषी योजनाओं में से एक बन चुकी है। इस योजना से हर साल करोड़ों किसानों को आर्थिक सहारा मिलता है, जिससे वे अपने कृषि कार्यों को बेहतर बना सकते हैं। 20वीं किस्त का जारी होना इस बात का प्रमाण है कि सरकार किसानों की भलाई को सर्वोपरि मानती है।

मशहूर मिमिक्री कलाकार और अभिनेता Kalabhavan Navas होटल में मृत पाए गए, फिल्मी दुनिया में शोक की लहर!

मशहूर मिमिक्री कलाकार और अभिनेता Kalabhavan Navas होटल में मृत पाए गए, फिल्मी दुनिया में शोक की लहर!


मलयालम सिनेमा के जाने-माने मिमिक्री कलाकार और अभिनेता Kalabhavan Navas शुक्रवार को कोच्चि के एक होटल में मृत पाए गए। 51 वर्षीय नवास के असामयिक निधन से मनोरंजन जगत सदमे में है।


मलयालम फिल्म इंडस्ट्री को शुक्रवार को एक बड़ा झटका लगा जब मशहूर अभिनेता और मिमिक्री आर्टिस्ट Kalabhavan Navas का शव कोच्चि के चोत्तानिक्करा स्थित एक होटल में पाया गया। वे उस होटल में एक फिल्म की शूटिंग के सिलसिले में ठहरे हुए थे। उनकी उम्र 51 वर्ष थी।

यह दुखद घटना तब सामने आई जब होटल स्टाफ ने देखा कि नवास लंबे समय से अपने कमरे से बाहर नहीं आए थे और ना ही किसी कॉल का जवाब दे रहे थे। कर्मचारियों ने तुरंत स्थानीय पुलिस को सूचित किया। पुलिस मौके पर पहुंची और कमरे का दरवाजा खोलने के बाद पाया कि नवास अचेत अवस्था में थे। उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।

प्रारंभिक जांच और संभावित कारण



पुलिस ने प्रारंभिक जांच में बताया कि घटना में किसी तरह की साजिश या बाहरी हस्तक्षेप के संकेत नहीं मिले हैं। हालांकि, मौत का सही कारण जानने के लिए शव को पोस्टमार्टम के लिए एर्नाकुलम मेडिकल कॉलेज भेजा गया है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी अनुमान लगाया गया है कि उन्हें हृदयाघात (कार्डियक अरेस्ट) हो सकता है, लेकिन आधिकारिक पुष्टि अभी बाकी है।

कौन थे Kalabhavan Navas?



कलाभवन नवास मलयालम सिनेमा और मंचीय मिमिक्री जगत का एक प्रतिष्ठित नाम थे। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत प्रसिद्ध मिमिक्री ग्रुप कलाभवन से की थी, जहां से कई बड़े कलाकारों ने अपनी पहचान बनाई, जिनमें दिवंगत अभिनेता कलाभवन मणि भी शामिल हैं।

नवास की खासियत थी उनकी आवाज़ की विविधता और सटीक नकल, जिनकी बदौलत उन्होंने हजारों दर्शकों को हँसाया और सोचने पर मजबूर किया। उन्होंने अपने करियर में 50 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया और कई टेलीविज़न कॉमेडी शोज़ में हिस्सा लिया।

कुछ यादगार फिल्में:

सीआईडी उनिकृष्णन बी.ए. बी.एड.

मीशा माधवन

पुलीवाल कल्याणम

थिलक्कम

चथिक्कथा चन्तु


हालाँकि वे मुख्य भूमिकाओं में कम नजर आए, लेकिन सह-कलाकार के रूप में उनका योगदान हमेशा सराहनीय रहा।

मनोरंजन जगत में शोक की लहर



Kalabhavan Navas के निधन की खबर से पूरी फिल्म इंडस्ट्री में शोक की लहर दौड़ गई है। सोशल मीडिया पर अभिनेता हरिश्री अशोकन, सलीम कुमार, और दिलिप जैसे दिग्गजों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी और उन्हें एक सरल, विनम्र और प्रतिभाशाली कलाकार बताया।

AMMA (Association of Malayalam Movie Artists) ने भी एक आधिकारिक बयान जारी कर नवास के योगदान को याद किया और उनके परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की।

निजी जीवन और अंतिम संस्कार



नवास अपने पीछे पत्नी और दो बच्चों को छोड़ गए हैं। अंतिम संस्कार उनके गृहनगर त्रिशूर में किया जाएगा। उनके प्रशंसक, मित्र और सहकर्मी अंतिम दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं।

अंतिम शब्द



Kalabhavan Navas भले ही आज हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनके द्वारा दिए गए हँसी के पल और अनगिनत किरदार मलयालम सिनेमा और मंचीय कला में सदैव जीवित रहेंगे। उनकी यह असमय विदाई हमें यह याद दिलाती है कि कलाकारों की अहमियत सिर्फ उनकी भूमिका में नहीं, बल्कि उनके व्यक्तित्व और प्रभाव में भी होती है।

विक्रांत मैसी ने शाहरुख को दी टक्कर! 71वें National awards 2025 में जीत का मुकाबला हुआ जबरदस्त!

विक्रांत मैसी ने शाहरुख को दी टक्कर! 71वें National awards 2025 में जीत का मुकाबला हुआ जबरदस्त!

71वें National awards 2025 की घोषणा हो चुकी है। जानिए किसे मिला सर्वश्रेष्ठ अभिनेता, अभिनेत्री और सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म का सम्मान।


भारतीय सिनेमा के इतिहास में 1 अगस्त 2025 एक यादगार दिन बन गया, जब 71वें National awards 2025 के विजेताओं की घोषणा नई दिल्ली के राष्ट्रीय मीडिया केंद्र में एक औपचारिक प्रेस वार्ता के माध्यम से की गई।

इससे पहले, राष्ट्रीय पुरस्कार जूरी ने अपनी अंतिम रिपोर्ट सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव और राज्य मंत्री डॉ. एल. मुरुगन को सौंपी। इसके बाद जूरी सदस्यों ने विभिन्न श्रेणियों के विजेताओं के नाम सार्वजनिक किए।

National awards 2025 के प्रमुख पुरस्कार 🏆 विजेता


🔹 सर्वश्रेष्ठ अभिनेता (संयुक्त रूप से):
शाहरुख खान – “जवान”
विक्रांत मैसी – “12th फेल”
इन दोनों ने अपने प्रभावशाली और संवेदनशील प्रदर्शन से दर्शकों का दिल जीत लिया। शाहरुख खान को उनके 33 वर्षों के फिल्मी करियर में यह पहला राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है, जबकि विक्रांत की भूमिका प्रेरणा और यथार्थ का सशक्त उदाहरण रही।

🔹 सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री:
रानी मुखर्जी – “मिसेज चैटर्जी वर्सेज नॉर्वे”
एक माँ की कानूनी और भावनात्मक लड़ाई को बखूबी पर्दे पर लाकर रानी ने अपनी अदाकारी का अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत किया।

🔹 सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म:
“12th फेल”
विक्रमादित्य मोटवाने के निर्देशन में बनी यह फिल्म संघर्ष, मेहनत और शिक्षा के महत्व को संवेदनशील तरीके से दर्शाती है।

🔹 सर्वश्रेष्ठ हिंदी फिल्म:
“कटहल: अ जैकफ्रूट मिस्ट्री”
यह एक व्यंग्यात्मक सामाजिक कहानी है, जिसने दर्शकों को हास्य और संवेदना दोनों से जोड़ा।

🔹 सर्वश्रेष्ठ लोकप्रिय फिल्म (सार्थक मनोरंजन के लिए):
“रॉकी और रानी की प्रेम कहानी”
करण जौहर के निर्देशन में बनी इस फिल्म ने पारिवारिक भावनाओं और आधुनिक प्रेम की सुंदर झलक पेश की।

🌟 अन्य प्रमुख विजेता


🔸 सर्वश्रेष्ठ निर्देशन:
(इस श्रेणी में विजेता की पुष्टि नहीं है, अपडेट होने पर जोड़ा जा सकता है।)

🔸 सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री:
जानकी बोदीवाला – “वश” (गुजराती फिल्म)

🔸 सर्वश्रेष्ठ गुजराती फिल्म:
“वश”

🔸 सर्वश्रेष्ठ तेलुगु फीचर फिल्म:
“भगवंत केसरी”

🔸 तकनीकी श्रेणियों में सम्मानित फिल्में:
“सैम बहादुर” को 3 पुरस्कार मिले, वहीं “द केरला स्टोरी” ने 2 पुरस्कार जीते।

🎬 विविधता और क्षेत्रीय सिनेमा का जलवा


राष्ट्रीय पुरस्कारों की खास बात यह है कि ये केवल मुख्यधारा (बॉलीवुड) तक सीमित नहीं रहते, बल्कि क्षेत्रीय भाषाओं के सिनेमा को भी सम्मानित करते हैं। इस वर्ष गुजराती, तेलुगु, मलयालम और अन्य भाषाओं की फिल्मों को भी प्रमुख स्थान मिला है।

गुजराती फिल्म “वश” और तेलुगु फिल्म “भगवंत केसरी” ने उत्कृष्ट प्रस्तुति के लिए विशेष मान्यता प्राप्त की। इन फिल्मों ने यह साबित किया कि भारतीय सिनेमा की आत्मा क्षेत्रीय कथाओं में भी जीवित है।

📣 सरकार की सराहना और समर्थन


केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने विजेताओं को बधाई देते हुए कहा कि भारतीय सिनेमा न केवल देश के भीतर बल्कि वैश्विक स्तर पर भी भारतीय संस्कृति और मूल्यों को दर्शाने में सफल हो रहा है।

राज्य मंत्री डॉ. एल. मुरुगन ने जूरी के निष्पक्ष फैसलों की सराहना की और सभी कलाकारों और तकनीशियनों को उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए धन्यवाद दिया।

💬 निष्कर्ष


71वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार 2025 ने यह दर्शाया कि भारतीय सिनेमा विविधता, गुणवत्ता और सामाजिक जिम्मेदारी के साथ निरंतर आगे बढ़ रहा है।
शाहरुख खान, विक्रांत मैसी और रानी मुखर्जी जैसे कलाकारों का सम्मान केवल उनके लिए नहीं, बल्कि प्रेरणा के नए अध्याय की शुरुआत है।

इन पुरस्कारों ने यह भी साबित किया कि अच्छे सिनेमा की कोई भाषा नहीं होती — बस एक सच्ची कहानी और उसका सशक्त प्रस्तुतिकरण होता है।

दक्षिण कन्नड़ का रहस्य: धर्मस्थल में नरकंकाल की थैली के साथ लौटा पूर्व सफाईकर्मी, खोले 20 साल पुराने दर्दनाक राज़!

दक्षिण कन्नड़ का रहस्य: धर्मस्थल में नरकंकाल की थैली के साथ लौटा पूर्व सफाईकर्मी, खोले 20 साल पुराने दर्दनाक राज़!


कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले के धर्मस्थल में एक पूर्व सफाईकर्मी ने रेप और मर्डर पीड़ितों के शवों को जलाने व दफनाने का चौंकाने वाला खुलासा किया। 1995 से 2014 के बीच दबे थे ये खौफनाक राज़।

धर्मस्थल की शांति के पीछे छिपा भयानक अतीत


कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ ज़िले के धर्मस्थल में बीते दिनों जो खुलासा हुआ, उसने पूरे इलाके को हिला कर रख दिया है। एक बुजुर्ग पूर्व सफाईकर्मी ने अपने पास मौजूद नरकंकाल की थैली के साथ सामने आकर एक ऐसा सच बताया, जिसे सुनकर किसी की भी रूह कांप उठे।

वह व्यक्ति नेत्रावती नदी के किनारों की सफाई करता था। उसके अनुसार, उसे वर्षों पहले कई महिलाओं और स्कूली लड़कियों की लाशों को ठिकाने लगाने के लिए मजबूर किया गया था—ये महिलाएं यौन उत्पीड़न और हत्या की शिकार थीं। अब वर्षों की आत्मग्लानि के बाद, वह व्यक्ति न्याय और सच्चाई की तलाश में लौटा है।

अपराधों का साक्षी बना सफाईकर्मी


उस व्यक्ति का दावा है कि 1995 से लेकर 2014 तक, उसे बार-बार ऐसे शवों को जलाने और दफनाने के लिए कहा गया, जिनकी हत्या और यौन उत्पीड़न किया गया था। उसका कहना है कि वह इस काम को जबरदस्ती और धमकियों के डर से करता रहा। उसने बताया कि इन घटनाओं के पीछे कुछ प्रभावशाली लोग और अधिकारी थे, जिनके डर से वह अब तक चुप रहा।

11 साल की चुप्पी और डर की ज़िंदगी


2014 के बाद से वह आदमी फरार रहा। उत्तर भारत, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में अपना नाम और पहचान बदलकर रहा। हर दिन उसे डर था कि अगर उसने जुबान खोली तो उसकी जान भी ले ली जाएगी। लेकिन बीते कुछ सालों में, अपनी आत्मा पर पड़े अपराधों के बोझ ने उसे अंदर से तोड़ दिया।

अब वह खुद को हल्का करना चाहता है—और न्याय की उम्मीद में, सामने आकर सच बताने का निर्णय लिया है।

नेत्रावती नदी की चुप्पी टूटी


वह बताता है कि इन शवों को या तो नेत्रावती नदी के किनारे जलाया जाता था या फिर गुपचुप तरीके से दफनाया जाता था। यह नदी, जो हमेशा श्रद्धा और पवित्रता की प्रतीक मानी जाती है, अब इन डरावने खुलासों के चलते एक रहस्य बन गई है।

जांच की उठी मांग, खुदाई की संभावना


इस सनसनीखेज बयान के बाद, मानवाधिकार संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने मांग की है कि मामले की स्वतंत्र जांच हो और नेत्रावती नदी के किनारों की खुदाई की जाए। वे चाहते हैं कि 1995 से 2014 के बीच गुमशुदा महिलाओं और लड़कियों की रिपोर्ट्स दोबारा खंगाली जाएं।

स्थानीय प्रशासन की कार्रवाई शुरू


पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। उस व्यक्ति से विस्तृत पूछताछ की जा रही है। यदि जांच में उसके बयान सही पाए जाते हैं, तो यह मामला कर्नाटक के इतिहास में सबसे बड़े आपराधिक खुलासों में शामिल हो सकता है।

सवाल व्यवस्था पर


यह मामला केवल अपराध का नहीं, बल्कि पूरे प्रशासनिक ढांचे पर सवाल उठाता है। क्या इतने वर्षों तक इतने गंभीर अपराध होते रहे और किसी ने आवाज नहीं उठाई? क्या वाकई समाज और व्यवस्था ने इन पीड़ितों को अकेला छोड़ दिया?

निष्कर्ष:

अब चुप रहना मुमकिन नहीं! पूर्व सफाईकर्मी ने अपनी गलती स्वीकार की है और अब वह पश्चाताप के साथ सच्चाई को सामने लाने में जुटा है। अब बारी हमारी है—कि हम इस मामले को केवल सनसनीखेज खबर बनाकर न छोड़ें, बल्कि सच की तह तक जाकर उन मासूमों को न्याय दिलाएं जिनकी आवाज कभी नहीं सुनी गई।