राखी 2025: कब है रक्षाबंधन, क्या है शुभ मुहूर्त और इसका महत्व?

राखी 2025: कब है रक्षाबंधन, क्या है शुभ मुहूर्त और इसका महत्व?

जानें रक्षाबंधन 2025 की तारीख, राखी बांधने का शुभ मुहूर्त, पूर्णिमा तिथि और पर्व का महत्व। भाई-बहन के इस पावन रिश्ते को और खास बनाएं।

रक्षाबंधन या राखी का त्यौहार भाई-बहन के अटूट स्नेह, विश्वास और सुरक्षा के बंधन का प्रतीक है। यह पर्व हर साल सावन मास की पूर्णिमा को पूरे भारत में बड़े उत्साह और प्रेम के साथ मनाया जाता है।

इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधती हैं और बदले में भाई उनकी रक्षा का वचन देते हैं।
चलिए जानते हैं — 2025 में राखी कब है, कौन-सा समय रहेगा शुभ और इस त्यौहार का महत्व क्या है।


📅 2025 में रक्षाबंधन की तारीख

साल 2025 में रक्षाबंधन का पर्व शनिवार, 9 अगस्त 2025 को मनाया जाएगा। इस बार का त्यौहार बेहद खास रहेगा क्योंकि तमाम शुभ योगों के साथ इसे मनाने का अवसर मिलेगा।

  • रक्षाबंधन की तारीख: 9 अगस्त 2025, शनिवार
  • पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: 8 अगस्त 2025, दोपहर 2:12 बजे
  • पूर्णिमा तिथि समाप्त: 9 अगस्त 2025, दोपहर 1:24 बजे

🕒 राखी बांधने का शुभ मुहूर्त 2025

राखी बांधने के लिए सही मुहूर्त का ध्यान रखना जरूरी होता है, ताकि त्योहार का शुभ प्रभाव और बढ़े।

  • अभिजीत मुहूर्त / श्रेष्ठ समय: 9 अगस्त 2025 को प्रातः 5:47 बजे से दोपहर 1:24 बजे तक
  • इस दिन विशेष योग: सौभाग्य योग, शोभन योग और सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग बनेगा, जो पर्व की शुभता को और बढ़ाएगा।
  • भद्रा काल: इस दिन भद्रा काल नहीं रहेगा, इसलिए आप बिना किसी बाधा के सुबह से दोपहर तक राखी बांध सकते हैं।

🙏 रक्षाबंधन का महत्व

  1. भाई-बहन का प्रेम – इस दिन बहनें भाइयों के माथे पर तिलक लगाकर, आरती उतारकर, उनकी कलाई पर राखी बांधती हैं और लंबी उम्र व सुख-समृद्धि की कामना करती हैं।
  2. सुरक्षा का वचन – भाई अपनी बहनों की रक्षा करने और उन्हें हर परिस्थिति में साथ देने का वादा करते हैं।
  3. सामाजिक बंधन – केवल रिश्ते के भाई-बहन ही नहीं, कई महिलाएं सैनिकों, मित्रों या गुरुओं को भी राखी बांधकर अपना स्नेह और सम्मान प्रकट करती हैं।
  4. पुराणों में वर्णित है कि इंद्राणी ने इंद्रदेव की रक्षा के लिए राखी बांधी थी, जिसके बाद उन्हें विजय प्राप्त हुई।
  5. श्रीकृष्ण और द्रौपदी की कथा भी इस पर्व के महत्व को दर्शाती है।

🪔 राखी बांधने की पारंपरिक विधि

  1. पूजा थाल में रोली, चावल, दीया, मिठाई और राखी रखें।
  2. भाई को उत्तर या पूर्व दिशा की ओर बैठाएं।
  3. उनके दाएं हाथ पर राखी बांधते हुए तिलक लगाएं और आरती उतारें।
  4. मन में शुभ विचार और सकारात्मक ऊर्जा रखें।
  5. मिठाई खिलाकर उनका आशीर्वाद लें और भाई बहन को उपहार दें।

क्यों खास है रक्षाबंधन?

  • सांस्कृतिक और पारिवारिक एकता का संदेश देता है।
  • रिश्तों को और मजबूत करने का अवसर प्रदान करता है।
  • यह त्यौहार दान, पुण्य और पूजा-पाठ के महत्व को भी बढ़ाता है।

निष्कर्ष

साल 2025 में रक्षाबंधन 9 अगस्त, शनिवार को मनाया जाएगा। राखी बांधने का शुभ समय सुबह 5:47 से दोपहर 1:24 बजे तक रहेगा और इस दिन अनेक शुभ योग बनेंगे।

यह पर्व न केवल भाई-बहन के रिश्ते को गहराता है, बल्कि पूरे समाज में प्रेम, विश्वास और एकता का संदेश भी देता है। इस बार के रक्षाबंधन पर अपने प्रियजनों के साथ त्योहार की खुशियां जरूर बांटें और बंधन को और मजबूत बनाएं।


OpenAI ने लॉन्च किया GPT-5: अब तक का सबसे उन्नत AI मॉडल, भारत बना तेजी से बढ़ता बाजार!

OpenAI ने लॉन्च किया GPT-5: अब तक का सबसे उन्नत AI मॉडल, भारत बना तेजी से बढ़ता बाजार!

OpenAI ने लॉन्च किया GPT-5, जो कोडिंग और एजेंटिक टास्क में अब तक का सबसे उन्नत AI मॉडल है। CEO सैम ऑल्टमैन ने भारत को AI अपनाने में तेजी से बढ़ता बाजार बताया।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की दुनिया में बड़ा कदम उठाते हुए OpenAI ने अपने क्रांतिकारी चैटबॉट ChatGPT को शक्ति देने वाले GPT-5 मॉडल को आधिकारिक रूप से लॉन्च कर दिया है। कंपनी के सीईओ सैम ऑल्टमैन ने इसे अब तक का “कोडिंग और एजेंटिक टास्क्स के लिए सबसे बेहतरीन मॉडल” बताया।

लॉन्च के दौरान ऑल्टमैन ने भारत में Artificial Intelligence (AI) के प्रति बढ़ते रुझान को भी रेखांकित किया और इसे “अविश्वसनीय रूप से तेज़ी से बढ़ता” बाजार करार दिया।

GPT-5 में क्या है नया?


GPT-4 की सफलता पर आधारित GPT-5 में गति, सटीकता और विशेषज्ञता के मामले में बड़ा सुधार किया गया है। इसे साधारण बातचीत से लेकर पेशेवर और जटिल कार्यों के लिए खास तौर पर डिज़ाइन किया गया है। इसके मुख्य फीचर्स में शामिल हैं—

बेहतरीन कोडिंग क्षमता: यह अब कई प्रोग्रामिंग भाषाओं में तेज़ी से और उच्च गुणवत्ता के साथ कोड लिखने, डिबग करने और ऑप्टिमाइज़ करने में सक्षम है।

एजेंटिक इंटेलिजेंस: अब GPT-5 स्वायत्त एजेंट की तरह काम कर सकता है, यानी यह कई चरणों में सोचने, योजना बनाने और बिना लगातार मानवीय हस्तक्षेप के कार्य पूरे करने में सक्षम है।

लंबा और गहन संदर्भ समझना: यह लंबे और जटिल प्रॉम्प्ट्स को भी बिना संदर्भ खोए समझ सकता है, जिससे रिसर्च, कानूनी विश्लेषण और क्रिएटिव राइटिंग में मदद मिलती है।

अधिक तथ्यात्मक सटीकता: GPT-5 में गलत या काल्पनिक जवाबों (AI hallucinations) की संभावना पहले से काफी कम हो गई है।


ऑल्टमैन ने कहा, “GPT-5 सिर्फ ज़्यादा स्मार्ट नहीं है, बल्कि और भी ज़्यादा उपयोगी है। यह जटिल वर्कफ़्लो को संभाल सकता है, निर्णय लेने में मदद कर सकता है और व्यक्तियों व संगठनों के लिए भरोसेमंद साथी की तरह काम कर सकता है।”

भारत: AI में उभरती ताकत


GPT-5 लॉन्च के दौरान भारत को लेकर भी खास चर्चा हुई। सैम ऑल्टमैन ने बताया कि भारत AI अपनाने के मामले में दुनिया के सबसे तेज़ी से बढ़ते बाजारों में से एक है, जिसकी वजह है—

1. मजबूत टेक इकोसिस्टम: भारत के पास बड़ी संख्या में कुशल सॉफ्टवेयर इंजीनियर्स हैं, जिससे यह AI डेवलपमेंट का प्राकृतिक केंद्र बन रहा है।


2. तेज़ डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन: आईटी, वित्त, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे सेक्टर्स में तेजी से AI अपनाया जा रहा है।


3. सरकारी पहल: राष्ट्रीय AI रणनीति और पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप जैसे कदम AI को बढ़ावा दे रहे हैं।


4. Startup innovation: भारत में AI-फोकस्ड स्टार्टअप्स की संख्या तेजी से बढ़ रही है, जो घरेलू और वैश्विक दोनों बाजारों के लिए सॉल्यूशंस बना रहे हैं।



ऑल्टमैन ने कहा, “भारत की टैलेंट, महत्वाकांक्षा और टेक्नोलॉजी अपनाने की क्षमता इसे AI के भविष्य का अहम हिस्सा बनाती है। हम उत्सुक हैं कि यहां के डेवलपर्स और कंपनियां GPT-5 का कैसे इस्तेमाल करेंगी।”

तकनीकी दुनिया पर GPT-5 का असर


GPT-5 की लॉन्चिंग से कई सेक्टर्स में बदलाव देखने को मिल सकते हैं—

1. सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट

बेहतर कोडिंग स्किल्स के साथ यह एक वर्चुअल पेयर प्रोग्रामर की तरह काम करेगा, जिससे विकास का समय घटेगा और कोड की क्वालिटी बढ़ेगी।

2. शिक्षा और ई-लर्निंग

यह पर्सनलाइज्ड लर्निंग असिस्टेंट के रूप में छात्रों को जटिल कॉन्सेप्ट्स समझाने और स्किल प्रैक्टिस कराने में मदद करेगा।

3. स्वास्थ्य क्षेत्र

डॉक्टर और हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स इसे रिसर्च, क्लिनिकल डॉक्यूमेंटेशन और पेशेंट इंटरैक्शन में इस्तेमाल कर सकेंगे।

4. कस्टमर सर्विस

GPT-5 आधारित चैटबॉट्स अब और जटिल क्वेरीज़ को भी सही और तेज़ी से हल कर पाएंगे।

5. कंटेंट क्रिएशन

न्यूज़ आर्टिकल्स, ब्लॉग्स, मार्केटिंग कैंपेन और SEO कंटेंट को तेजी से तैयार किया जा सकेगा, जिससे समय और लागत दोनों बचेंगे।

एजेंटिक AI की ओर बड़ा कदम


GPT-5 की सबसे खास बात इसका एजेंटिक इंटेलिजेंस है। यह अब सिर्फ सवालों के जवाब देने तक सीमित नहीं है, बल्कि खुद से कार्य की योजना बना सकता है, जानकारी जुटा सकता है और उसे लागू कर सकता है। इससे—

बिज़नेस वर्कफ़्लो ऑटोमेशन

रिसर्च और रिपोर्टिंग

वर्चुअल एग्जीक्यूटिव असिस्टेंट जैसी सुविधाएं
संभव हो जाती हैं।

जिम्मेदार AI और सुरक्षा


OpenAI ने GPT-5 के साथ एथिकल और सेफ AI पर जोर दिया है। इसमें शामिल हैं—

मजबूत कंटेंट मॉडरेशन टूल्स

बायस कम करने की तकनीक

AI के निर्णय लेने की प्रक्रिया में पारदर्शिता


ऑल्टमैन ने कहा, “हम चाहते हैं कि AI समाज के लिए फायदेमंद हो और सुरक्षित तरीके से इस्तेमाल किया जाए।”

भारत के लिए अवसर


GPT-5 भारत को AI अपनाने में वैश्विक लीडर बनने का मौका देता है। युवा जनसंख्या, बढ़ती इंटरनेट पहुंच और मजबूत टेक इंडस्ट्री के साथ, भारत में दुनिया-स्तरीय AI समाधान बनाने की क्षमता है।

निष्कर्ष


OpenAI का GPT-5 सिर्फ एक नया AI मॉडल नहीं, बल्कि मानव और मशीन के सहयोग का अगला चरण है। इसकी उन्नत कोडिंग क्षमता, एजेंटिक योग्यता और बेहतर संदर्भ समझ इसे अब तक का सबसे सक्षम AI बनाती है।

भारत के लिए यह एक सुनहरा अवसर है कि वह AI तकनीक का उपयोग कर आर्थिक विकास, नवाचार और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में अपनी जगह मजबूत करे। जैसा कि सैम ऑल्टमैन ने कहा—AI क्रांति अभी बस शुरुआत है, और भारत इसमें एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार है।

विदेश में शर्मसार इंसानियत: 6 साल की भारतीय बच्ची पर हमला, निजी अंगों को बनाया निशाना!

विदेश में शर्मसार इंसानियत: 6 साल की भारतीय बच्ची पर हमला, निजी अंगों को बनाया निशाना!

आयरलैंड के वाटरफोर्ड में 6 साल की भारतीय बच्ची पर कुछ लड़कों ने बर्बर हमला किया। हमले के दौरान उन्होंने “इंडिया वापस जाओ” जैसे नस्लभेदी नारे भी लगाए। घटना के बाद पूरे विश्व में आक्रोश फैल गया है।

आयरलैंड के वाटरफोर्ड शहर में एक 6 साल की भारतीय मूल की बच्ची पर हुए बर्बर हमले ने पूरी दुनिया को झकझोर कर रख दिया है। यह बच्ची अपने घर के बाहर खेल रही थी, जब कुछ लड़कों ने उस पर हमला किया और उसे जातिवादी गालियाँ देते हुए उसके निजी अंगों पर भी वार किया।

हमले के दौरान आरोपियों ने चिल्लाते हुए कहा, “इंडिया वापस जाओ”, जो कि इसे एक स्पष्ट नस्लीय हमले की श्रेणी में लाता है। इस घिनौने कृत्य के बाद बच्ची को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, और पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

घटना की भयावहता


बच्ची के माता-पिता के अनुसार, यह घटना तब हुई जब वह घर के बाहर खेल रही थी। पास ही के कुछ लड़कों ने पहले उसे ताने मारे, फिर उस पर हमला कर दिया। न केवल उसे शारीरिक रूप से नुकसान पहुँचाया गया, बल्कि निजी अंगों पर भी चोट पहुंचाई गई, जिससे यह हमला और भी गंभीर बन जाता है।

परिवार ने तत्काल पुलिस से संपर्क किया, और अब गार्डा (आयरिश पुलिस) इस मामले की जांच कर रही है।

6 साल की भारतीय बच्ची पर शारीरिक और मानसिक आघात


बच्ची को तत्काल अस्पताल ले जाया गया, जहां उसका इलाज चल रहा है। चिकित्सकों ने कहा है कि बच्ची को न केवल शारीरिक चोटें आई हैं, बल्कि मानसिक रूप से भी वह बुरी तरह डरी हुई है।

परिवार का कहना है, “वह अब घर से बाहर निकलने से भी डरती है। उसने कभी नहीं सोचा था कि उसके साथ ऐसा कुछ होगा।”

परिवार की मांग – न्याय और सख्त कार्रवाई


बच्ची के माता-पिता आयरलैंड में कई वर्षों से रह रहे हैं और उन्होंने इस घटना को अपने जीवन का सबसे भयानक अनुभव बताया। उन्होंने इसे नस्लीय नफरत पर आधारित अपराध बताया और दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

“हम यहां एक बेहतर भविष्य के लिए आए थे। लेकिन हमारी बेटी के साथ जो हुआ, वह किसी बुरे सपने से कम नहीं है,” – पिता ने कहा।

समुदाय और दूतावास की प्रतिक्रिया


इस हमले के बाद भारतीय समुदाय में जबरदस्त आक्रोश है। भारतीय दूतावास ने मामले की जानकारी ली है और वे संबंधित अधिकारियों के संपर्क में हैं। वहीं सोशल मीडिया पर #JusticeForIndianGirl, #StopRacismInIreland जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं।

वाटरफोर्ड के कई स्थानीय लोग और संगठनों ने इस घटना की निंदा की है और पीड़ित परिवार के साथ एकजुटता दिखाई है। कई मानवाधिकार संगठनों ने इसे हेट क्राइम करार दिया है और जांच में पारदर्शिता की मांग की है।

पुलिस जांच शुरू – सीसीटीवी फुटेज खंगालने का काम जारी


गार्डा (आयरिश पुलिस) ने पुष्टि की है कि उन्होंने एक नाबालिग पर हुए हमले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने कहा है कि वे नस्लीय नफरत और यौन हमले दोनों के पहलुओं से मामले की जांच कर रहे हैं।

सीसीटीवी फुटेज की मदद ली जा रही है और पुलिस ने आम जनता से किसी भी प्रकार की सूचना देने की अपील की है।

आयरलैंड में बढ़ती नस्लभेद की घटनाएं – एक चिंता का विषय


यह घटना उस वक्त हुई है जब आयरलैंड में नस्लभेद की बढ़ती घटनाओं को लेकर चिंता जताई जा रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि प्रवासी बच्चों को स्कूलों और समाज में अक्सर भेदभाव का सामना करना पड़ता है।

कई सामाजिक संगठनों का कहना है कि आयरलैंड को अब केवल कानूनों में नहीं, बल्कि शैक्षणिक और सामाजिक स्तर पर भी बदलाव लाना होगा, ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।

नीतिगत सुधारों की मांग


इस हमले के बाद कई संगठनों और नेताओं ने सरकार से निम्नलिखित कदम उठाने की मांग की है:

बच्चों से जुड़े नस्लीय अपराधों पर कड़े कानूनों की जरूरत

स्कूलों में अनिवार्य एंटी-रेसिज्म एजुकेशन

प्रवासी परिवारों के लिए सुरक्षा तंत्र मजबूत करना

दोषियों के खिलाफ तत्काल और सख्त कार्रवाई


मानवाधिकार संगठन का कहना है, “नफरत की शिक्षा घर से और समाज से शुरू होती है। अगर हम इसे नहीं रोकेंगे, तो आने वाली पीढ़ियाँ इसकी शिकार होती रहेंगी।”

निष्कर्ष: यह सिर्फ एक बच्ची की कहानी नहीं, पूरी व्यवस्था पर सवाल है


वाटरफोर्ड की यह घटना किसी एक परिवार या समुदाय की नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए एक चेतावनी है। यह घटना दिखाती है कि अभी भी नस्लभेद और नफरत की जड़ें गहरी हैं, जिन्हें खत्म करना बेहद जरूरी है।

इस छोटी बच्ची ने जो सहा है, वह किसी भी इंसान के लिए अस्वीकार्य है – और अगर आज न्याय नहीं मिला, तो कल यह किसी और के साथ भी हो सकता है।

Trump tariffs india: ट्रंप के 25% अतिरिक्त टैरिफ की धमकी से भारत की अर्थव्यवस्था और निर्यात पर मंडरा रहा खतरा!

Trump tariffs india: ट्रंप के 25% अतिरिक्त टैरिफ की धमकी से भारत की अर्थव्यवस्था और निर्यात पर मंडरा रहा खतरा!


Trump tariffs india: डोनाल्ड ट्रंप द्वारा रूस से कच्चे तेल खरीदने पर भारत पर 25% अतिरिक्त शुल्क लगाने की धमकी से भारतीय निर्यात और अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ सकता है। जानें विशेषज्ञों की राय और संभावित प्रभाव।

पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में रूस से भारत के तेल व्यापार को लेकर एक बड़ी चेतावनी दी है। उन्होंने कहा है कि अगर भारत रूस से कच्चे तेल का आयात जारी रखता है, तो अमेरिका भारत के निर्यात पर 25% अतिरिक्त शुल्क (टैरिफ) लगा सकता है। हालांकि ये फिलहाल कोई आधिकारिक नीति नहीं है, लेकिन अगर इस प्रकार की कार्रवाई की जाती है तो भारत-अमेरिका व्यापारिक रिश्तों पर गहरा असर पड़ सकता है।

विशेषज्ञों का मानना है कि यह बयान राजनीतिक दबाव बनाने की रणनीति है, लेकिन अगर यह वास्तव में लागू होता है, तो इसका भारतीय अर्थव्यवस्था और निर्यात क्षेत्र पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।

🔍Trump tariffs india: ट्रंप ने क्या कहा?


एक चुनावी रैली के दौरान, ट्रंप ने इशारा किया कि जो देश रूस से तेल खरीदना जारी रखते हैं, उन पर अमेरिका सख्त कार्रवाई करेगा। उन्होंने विशेष रूप से भारत का उल्लेख करते हुए कहा कि अगर वह रूस से व्यापार करता रहा, तो उसके उत्पादों पर 25% आयात शुल्क लगाया जाएगा।

यह पहली बार नहीं है जब ट्रंप ने टैरिफ को कूटनीतिक हथियार की तरह इस्तेमाल किया है। अपने पहले कार्यकाल में भी उन्होंने चीन के खिलाफ इसी तरह का रुख अपनाया था, जिससे वैश्विक व्यापार युद्ध जैसी स्थिति बन गई थी।

🔗 भारत-रूस कच्चे तेल व्यापार की पृष्ठभूमि


रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से भारत ने रूस से कच्चे तेल का आयात बढ़ा दिया है। रूस भारत को डिस्काउंटेड दरों पर तेल बेचता है, जिससे भारत को आर्थिक रूप से लाभ हुआ है। भारत ने बार-बार कहा है कि यह व्यापार ऊर्जा सुरक्षा और राष्ट्रीय हितों के तहत किया जा रहा है और यह किसी भी अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन नहीं करता।

📉 भारत पर संभावित आर्थिक प्रभाव


अगर ट्रंप का प्रस्तावित टैरिफ लागू हो जाता है, तो इसके कई नकारात्मक प्रभाव हो सकते हैं:

1. निर्यात पर असर

भारत अमेरिका को सालाना लगभग $78 अरब मूल्य के उत्पाद निर्यात करता है। इनमें मुख्य रूप से:

वस्त्र और रेडीमेड गारमेंट्स

दवाइयाँ और फार्मास्यूटिकल उत्पाद

मशीनरी और इंजीनियरिंग गुड्स

आईटी सेवाएं शामिल हैं।


25% अतिरिक्त शुल्क इन उत्पादों को अमेरिकी बाजार में कम प्रतिस्पर्धी बना सकता है, जिससे:

निर्यात घट सकता है

रोजगार पर असर पड़ सकता है

विदेशी मुद्रा भंडार प्रभावित हो सकता है


2. व्यापार घाटा बढ़ने का खतरा

यदि भारत भी जवाबी कदम उठाता है, तो इससे दोनों देशों के बीच व्यापार युद्ध जैसी स्थिति बन सकती है, जिससे व्यापार संतुलन बिगड़ सकता है।

3. निवेशकों की चिंता

अमेरिका और भारत के बीच व्यापारिक तनाव से वैश्विक निवेशकों का विश्वास कमजोर हो सकता है, खासकर मैन्युफैक्चरिंग, टेक्नोलॉजी और स्टार्टअप्स जैसे क्षेत्रों में।

4. रुपये में गिरावट

निर्यात में गिरावट से डॉलर की आमद घट सकती है, जिससे रुपया कमजोर हो सकता है। इससे भारत को आयात महंगा पड़ेगा, खासकर इलेक्ट्रॉनिक्स और पेट्रोलियम सेक्टर में।

🎯 विशेषज्ञों की राय: “दबाव की रणनीति”


अर्थशास्त्री और कूटनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह ट्रंप की चुनावी रणनीति का हिस्सा है। कुछ प्रमुख प्रतिक्रियाएं:

डॉ. अरविंद पनगड़िया (पूर्व नीति आयोग उपाध्यक्ष) का कहना है:
“यह ट्रंप का परिचित तरीका है — पहले दबाव बनाओ, फिर बातचीत करो। भारत को सतर्क रहने की जरूरत है, लेकिन घबराने की नहीं।”

निशा बिस्वाल (U.S.-India Business Council की प्रमुख) कहती हैं:
“भारत और अमेरिका के रिश्ते इतने गहरे हैं कि ऐसे बयान लंबे समय के सहयोग को नुकसान नहीं पहुंचा सकते।

🇮🇳 Trump tariffs india: भारत की संभावित रणनीति


भारत संभवतः इस मुद्दे को कूटनीतिक तरीके से सुलझाने की कोशिश करेगा। संभावित कदम:

अमेरिका को भारत की ऊर्जा जरूरतों के बारे में समझाना

रूस से व्यापार पर अंतरराष्ट्रीय कानूनों का पालन करना दिखाना

भारतीय प्रवासी और बिजनेस लॉबी का सहयोग लेना


साथ ही भारत:

वैकल्पिक निर्यात बाजारों जैसे यूरोप, अफ्रीका, दक्षिण एशिया में अवसर तलाश सकता है

तेल आपूर्तिकर्ताओं में विविधता लाकर रूस पर निर्भरता घटा सकता है

🌐 Trump tariffs india का वैश्विक प्रभाव


अगर ट्रंप दोबारा राष्ट्रपति बनते हैं और यह नीति लागू करते हैं, तो इसका असर सिर्फ भारत तक सीमित नहीं रहेगा:

वैश्विक व्यापार तंत्र कमजोर हो सकता है

WTO जैसी संस्थाओं की भूमिका और प्रभाव पर प्रश्न उठ सकते हैं

BRICS जैसे गुटों की भूमिका और मजबूती बढ़ सकती है


भारत को फिर से संतुलन साधना पड़ेगा — पश्चिम और रूस के बीच।

🧠 निष्कर्ष


डोनाल्ड ट्रंप की यह धमकी फिलहाल नीति नहीं बल्कि राजनीति है, लेकिन भारत को इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए। आने वाले महीनों में यह देखना अहम होगा कि अमेरिका में नेतृत्व परिवर्तन होता है या नहीं, और इसके साथ भारत-अमेरिका व्यापारिक रिश्तों की दिशा क्या होगी।

भारत को अपनी रणनीति तैयार रखनी होगी — कूटनीति से लेकर व्यापार में विविधता तक — ताकि वह किसी भी आर्थिक दबाव का सामना मजबूती से कर सके।

Tata harrier safari adventure x एडिशन लॉन्च – जानिए फीचर्स, कीमत और किसमें है ज्यादा दम!

Tata harrier safari adventure x एडिशन लॉन्च – जानिए फीचर्स, कीमत और किसमें है ज्यादा दम!


Tata Harrier Safari adventure X वर्जन लॉन्च हो चुका है। जानें इन स्पेशल एडिशन एसयूवीज़ की खूबियां, अंतर, और किसके लिए कौनसा मॉडल है बेहतर।

देश की अग्रणी ऑटो कंपनी Tata Motors ने अपनी लोकप्रिय SUV जोड़ी Harrier और Safari के लिए नया Adventure X एडिशन पेश किया है। यह खास वर्जन उन लोगों के लिए लाया गया है जो ड्राइविंग में एडवेंचर और दमदार लुक्स की तलाश करते हैं। हालांकि दोनों SUV एक ही प्लेटफॉर्म पर बनी हैं, लेकिन स्पेस, सीटिंग और कीमत के मामले में दोनों में अहम अंतर हैं।

आइए जानते हैं Tata Harrier और Safari के इस नए एडवेंचर X वर्जन की खासियतें और कौन-सी SUV आपके लिए बेहतर विकल्प हो सकती है।

Tata harrier safari adventure X एडिशन क्या है?


Adventure X एडिशन Tata की ओर से एक स्पेशल एडिशन वर्जन है, जिसे खासतौर पर एडवेंचर और ट्रैवल पसंद करने वालों को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया गया है। इसमें स्टाइलिंग से लेकर इंटीरियर तक कई नए बदलाव किए गए हैं, जो इसे रेगुलर वेरिएंट्स से अलग बनाते हैं।

इस एडिशन का मकसद शहर के बाहर के रास्तों और लांग ड्राइव के शौकीनों को आकर्षित करना है।

डिजाइन और एक्सटीरियर: दमदार और अट्रैक्टिव


Harrier और Safari दोनों के Adventure X वर्जन में नीचे दिए गए नए डिजाइन एलिमेंट्स देखने को मिलते हैं:

नया ‘Earthy Bronze’ कलर – जो मैट फिनिश के साथ एक एडवेंचर लुक देता है

ब्लैक थीम एलिमेंट्स – जैसे कि ग्रिल, रूफ, साइड मिरर, स्किड प्लेट और अलॉय व्हील्स

Adventure X बैजिंग – जो इन्हें एक खास पहचान देता है

डार्क इंटीरियर थीम – मेटल टच के साथ प्रीमियम और रफ-टफ इंटीरियर


यह स्टाइलिश और दमदार लुक इन SUVs को रोड पर सबसे अलग और खास बनाता है।

Tata Harrier Adventure X – प्रमुख फीचर्स


Harrier का एडवेंचर X वर्जन एक 5-सीटर SUV है, जिसे खासतौर पर उन लोगों के लिए डिजाइन किया गया है जो स्टाइल और फीचर्स के साथ दमदार ड्राइविंग एक्सपीरियंस चाहते हैं।

मुख्य विशेषताएं:

इंजन: 2.0L Kryotec डीजल इंजन (170PS पावर, 350Nm टॉर्क)

गियरबॉक्स: 6-स्पीड मैनुअल और 6-स्पीड ऑटोमैटिक विकल्प

ड्राइव मोड्स: इको, सिटी और स्पोर्ट

Traction Pro मोड और ESP Terrain रिस्पॉन्स – हल्के ऑफ-रोडिंग के लिए

12.3-इंच टचस्क्रीन, 10.25-इंच डिजिटल इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर

JBL का प्रीमियम साउंड सिस्टम (10 स्पीकर्स के साथ)

ADAS लेवल-2 सेफ्टी फीचर्स – जैसे कि लेन असिस्ट, ऑटोमैटिक ब्रेकिंग आदि


बूट स्पेस: 445 लीटर
कीमत (एक्स-शोरूम): ₹20.49 लाख से शुरू

Tata Safari Adventure X – ज्यादा स्पेस और वैरायटी


Safari का यह वर्जन उन लोगों के लिए है जो ज्यादा स्पेस और यात्रियों के लिए अतिरिक्त सीटिंग की मांग करते हैं। यह एक तीन-पंक्ति (3-row) SUV है, जो 6 और 7-सीटर वेरिएंट्स में उपलब्ध है।

मुख्य विशेषताएं:

Harrier जैसा ही इंजन और परफॉर्मेंस

ज्यादा लंबाई और ऊंचाई, जिससे लेगरूम और हेडरूम बेहतर

कैप्टन सीट्स (6-सीटर) और बेंच सीट (7-सीटर) विकल्प

पैनोरमिक सनरूफ, वेंटिलेटेड सीट्स, पावर्ड ड्राइवर सीट

मूड लाइटिंग और प्रीमियम इंटीरियर फिनिश

इलेक्ट्रॉनिक पार्किंग ब्रेक और ऑटो होल्ड

बेहतर ADAS फीचर्स और अतिरिक्त सुरक्षा तकनीक


बूट स्पेस: लगभग 420 लीटर (तीनों पंक्तियों के साथ)
कीमत (एक्स-शोरूम): ₹21.89 लाख से शुरू

Harrier vs Safari Adventure X – एक नजर में तुलना


फीचर्स Harrier Adventure X Safari Adventure X

सीटिंग क्षमता 5-सीटर 6 / 7-सीटर
इंजन 2.0L Kryotec डीजल 2.0L Kryotec डीजल
पावर 170PS 170PS
टॉर्क 350Nm 350Nm
टचस्क्रीन 12.3-इंच 12.3-इंच
सनरूफ पैनोरमिक पैनोरमिक
ADAS फीचर्स हां हां (थोड़े एडवांस फीचर्स)
बूट स्पेस 445 लीटर ~420 लीटर
शुरुआती कीमत (एक्स-शोरूम) ₹20.49 लाख ₹21.89 लाख

कौन-सी SUV है आपके लिए बेहतर?


अगर आप एक स्टाइलिश और फीचर-लदी 5-सीटर SUV चाहते हैं जो शहर और हाइवे दोनों पर बढ़िया परफॉर्म करे, तो Harrier Adventure X आपके लिए बेहतर है।

यदि आपकी प्राथमिकता परिवार के साथ लंबी यात्रा और ज्यादा सीटिंग स्पेस है, तो Safari Adventure X आपके लिए ज्यादा उपयुक्त साबित होगी।

निष्कर्ष: एडवेंचर के लिए तैयार


Tata Motors का Adventure X एडिशन उन लोगों के लिए एक शानदार विकल्प है जो स्टाइल, टेक्नोलॉजी और दमदार परफॉर्मेंस की तलाश में हैं। Harrier और Safari की यह नई रेंज एडवेंचर और लग्जरी का अनोखा मेल प्रस्तुत करती है।

अगर आप किसी ट्रिप की प्लानिंग कर रहे हैं, या SUV बदलने की सोच रहे हैं – तो Tata की यह नई सीरीज आपको जरूर पसंद आएगी।

अब फैसला आपका – Harrier या Safari?

SBI Clerk notification 2025: सिर्फ 26 अगस्त तक मौका! जानें कैसे पाएं 6,589 बैंक नौकरी में से एक सीट!

SBI Clerk notification 2025: सिर्फ 26 अगस्त तक मौका! जानें कैसे पाएं 6,589 बैंक नौकरी में से एक सीट!

SBI Clerk notification 2025 के तहत 6,589 पदों पर भर्ती शुरू! आवेदन प्रक्रिया 6 अगस्त से शुरू होकर 26 अगस्त तक चलेगी। जानें पात्रता, चयन प्रक्रिया और ऑनलाइन आवेदन का सीधा लिंक। अभी आवेदन करें और सरकारी बैंक नौकरी पाएं।

भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने देशभर में क्लर्क (जूनियर एसोसिएट – ग्राहक सेवा एवं बिक्री) के 6,589 पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया का आधिकारिक ऐलान कर दिया है। इस भर्ती के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया 6 अगस्त 2025 से शुरू हो गई है। इच्छुक अभ्यर्थी SBI की आधिकारिक वेबसाइट www.sbi.co.in के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं।

यह मौका उन युवाओं के लिए एक शानदार अवसर है जो बैंकिंग क्षेत्र में स्थाई नौकरी की तलाश में हैं।

🔍 भर्ती का संक्षिप्त विवरण


घटक विवरण

भर्ती संस्था भारतीय स्टेट बैंक (SBI)
पद का नाम क्लर्क (जूनियर एसोसिएट)
कुल रिक्तियां 6,589
आवेदन प्रारंभ 6 अगस्त 2025
आवेदन की अंतिम तिथि 26 अगस्त 2025
चयन प्रक्रिया प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा एवं स्थानीय भाषा परीक्षण
आवेदन का माध्यम ऑनलाइन
आधिकारिक पोर्टल sbi.co.in

📋 कौन कर सकता है आवेदन? (पात्रता मापदंड)



🎓 शैक्षणिक योग्यता

उम्मीदवार को किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक (Graduation) की डिग्री प्राप्त होनी चाहिए।

जो अभ्यर्थी अंतिम वर्ष में हैं, वे भी आवेदन कर सकते हैं बशर्ते कि वे चयन के समय तक डिग्री पूरी कर लें।


🎂 आयु सीमा

न्यूनतम आयु: 20 वर्ष

अधिकतम आयु: 28 वर्ष (1 अप्रैल 2025 के अनुसार)

आरक्षित वर्गों को नियमानुसार आयु में छूट मिलेगी:

OBC: 3 वर्ष

SC/ST: 5 वर्ष

PwD: अधिकतम 10 वर्ष तक की छूट

🖥️ कैसे करें आवेदन? (ऑनलाइन प्रक्रिया)



1. SBI की वेबसाइट पर जाएं: sbi.co.in/web/careers


2. “जूनियर एसोसिएट भर्ती 2025” सेक्शन में जाएं


3. “Apply Online” पर क्लिक करें और नया रजिस्ट्रेशन करें


4. आवेदन फॉर्म भरें, आवश्यक दस्तावेज़ (फोटो, हस्ताक्षर) अपलोड करें


5. शुल्क का भुगतान करें और फॉर्म सबमिट करें


6. आवेदन की प्रति भविष्य के लिए सुरक्षित रखें

💰 आवेदन शुल्क (Application Fee)


श्रेणी शुल्क

सामान्य / OBC / EWS ₹750/-
SC / ST / PwD ₹0 (कोई शुल्क नहीं)

🏆 चयन प्रक्रिया (Selection Process)



SBI Clerk notification 2025 में अभ्यर्थियों का चयन तीन चरणों के माध्यम से किया जाएगा:

1. प्रारंभिक परीक्षा (Prelims)

वस्तुनिष्ठ प्रश्न (Objective Type)

कुल प्रश्न: 100 | समय: 60 मिनट

विषय: अंग्रेज़ी भाषा, संख्यात्मक अभियोग्यता, रीजनिंग एबिलिटी


2. मुख्य परीक्षा (Mains)

प्रश्नों की संख्या: 190 | समय: 2 घंटे 40 मिनट

विषय: सामान्य/वित्तीय जागरूकता, सामान्य अंग्रेज़ी, गणितीय योग्यता, रीजनिंग व कंप्यूटर एप्टीट्यूड


3. स्थानीय भाषा परीक्षण (LPT)

मुख्य परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों को उस राज्य/क्षेत्र की स्थानीय भाषा का ज्ञान होना आवश्यक है।

📅 महत्वपूर्ण तिथियाँ (Important Dates)



इवेंट तिथि

आवेदन शुरू 6 अगस्त 2025
अंतिम तिथि 26 अगस्त 2025
प्रारंभिक परीक्षा अक्टूबर 2025 (संभावित)
मुख्य परीक्षा नवंबर 2025 (संभावित)

📚 SBI Clerk notification 2025: तैयारी कैसे करें?


पिछले वर्षों के प्रश्नपत्र हल करें

ऑनलाइन मॉक टेस्ट से अभ्यास करें

करेंट अफेयर्स और बैंकिंग जागरूकता पर विशेष ध्यान दें

समय प्रबंधन की रणनीति विकसित करें

🔗 महत्वपूर्ण लिंक



👉 विज्ञापन पीडीएफ डाउनलोड करें: यहां क्लिक करें

👉 ऑनलाइन आवेदन लिंक: यहां से आवेदन करें

👉 SBI करियर पोर्टल: SBI Careers

📝 निष्कर्ष


यदि आप बैंकिंग क्षेत्र में एक स्थिर और प्रतिष्ठित करियर की तलाश कर रहे हैं, तो SBI Clerk notification 2025 आपके लिए एक बड़ा अवसर है। देश के हर राज्य में फैली शाखाओं में कार्य करने का अवसर मिलने के साथ-साथ यह एक सुरक्षित सरकारी नौकरी भी है। इच्छुक उम्मीदवार अंतिम तिथि से पहले आवेदन करें और परीक्षा की तैयारी में जुट जाएं।

सत्य बोलने वाला योद्धा चला गया! पूर्व राज्यपाल Satyapal Malik का निधन, देश में शोक की लहर!

सत्य बोलने वाला योद्धा चला गया! पूर्व राज्यपाल Satyapal Malik का निधन, देश में शोक की लहर!

पूर्व राज्यपाल Satyapal Malik का 78 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे और दिल्ली के RML अस्पताल में भर्ती थे। उनके निधन से देशभर में शोक की लहर दौड़ गई है। पढ़ें पूरी खबर।

भारत के पूर्व राज्यपाल और अनुभवी राजनेता Satyapal Malik का 78 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। वे लंबे समय से अस्वस्थ चल रहे थे और दिल्ली के डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल में पिछले कुछ महीनों से इलाजरत थे। आज सुबह उन्होंने वहीं अंतिम सांस ली। उनके निधन से भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण अध्याय का अंत हो गया है।

एक साधारण शुरुआत से राष्ट्रीय पहचान तक


Satyapal Malik का जन्म 24 जुलाई 1947 को उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में हुआ था। उन्होंने छात्र जीवन से ही राजनीति में रुचि लेना शुरू कर दिया था और धीरे-धीरे राष्ट्रीय स्तर पर अपनी विशेष पहचान बनाई। अपने जीवन में उन्होंने कई राजनीतिक दलों से जुड़ाव रखा, लेकिन भाजपा में रहते हुए उन्होंने अपनी मजबूत स्थिति स्थापित की।

कई राज्यों के राज्यपाल रहे



Satyapal Malik का प्रशासनिक अनुभव भी काफी व्यापक रहा। उन्होंने कई महत्वपूर्ण राज्यों में राज्यपाल का पद संभाला, जिनमें प्रमुख हैं:

जम्मू-कश्मीर (2018-2019) – अनुच्छेद 370 हटाए जाने से ठीक पहले का संवेदनशील समय।

गोवा (2019-2020) – भ्रष्टाचार के खिलाफ मुखर रुख।

मेघालय (2020-2022) – किसानों के मुद्दों को लेकर केंद्र की नीतियों पर खुलकर सवाल उठाए।

सत्ता में रहते हुए भी सत्ताविरोधी आवाज



राज्यपाल जैसे संवैधानिक पद पर रहते हुए भी Satyapal Malik ने कई बार सरकार की नीतियों की आलोचना की, विशेषकर कृषि कानूनों और किसान आंदोलन के दौरान। उन्होंने यह भी कहा था कि सरकार को किसानों की समस्याओं को संवेदनशीलता से हल करना चाहिए, वरना परिणाम गंभीर हो सकते हैं।

उनकी स्पष्टवादिता और बेबाकी के कारण वे कई बार चर्चा में रहे। भाजपा से जुड़ाव होने के बावजूद, उन्होंने कभी भी अपनी राय व्यक्त करने से परहेज नहीं किया।

बीमारी और अंतिम यात्रा



मई 2025 में अचानक तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें आरएमएल अस्पताल, दिल्ली में भर्ती कराया गया था। डॉक्टरों की तमाम कोशिशों के बावजूद उनकी सेहत में सुधार नहीं हो पाया। अंततः, 5 अगस्त को उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया।

राजनेताओं और आमजन की श्रद्धांजलि



उनके निधन पर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, विपक्षी दलों के नेता, मुख्यमंत्रियों और किसान संगठनों ने गहरा दुख व्यक्त किया है। प्रधानमंत्री ने उन्हें “सत्य और सिद्धांतों के लिए समर्पित नेता” बताया, वहीं विपक्षी नेताओं ने उनकी निष्पक्ष सोच की सराहना की।

कई किसान संगठनों ने भी उन्हें याद करते हुए कहा कि वो किसानों की आवाज़ थे, जो हमेशा उनके साथ खड़े रहे।

अंतिम संस्कार और पार्थिव दर्शन



उनका पार्थिव शरीर 6 अगस्त को उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के पैतृक गांव हिसावदा में अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। वहां उनका राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा।

Satyapal Malik: एक प्रेरणादायक विरासत



Satyapal Malik एक ऐसे राजनेता थे जो न केवल पद की गरिमा को समझते थे बल्कि जनहित को सर्वोपरि रखते थे। उन्होंने कई बार यह साबित किया कि सच्ची राजनीति का मतलब सत्ता में रहकर भी सत्य बोलना होता है।

उनकी सबसे बड़ी खासियत थी – बेबाकी और ईमानदारी, जो आज की राजनीति में विरल होती जा रही है।

Uttarkashi बादल फटने की त्रासदी: 4 लोगों की मौत, 50 से अधिक लापता, सेना के जवान भी शामिल!

Uttarkashi बादल फटने की त्रासदी: 4 लोगों की मौत, 50 से अधिक लापता, सेना के जवान भी शामिल!

Uttarkashi में मंगलवार को भीषण बादल फटने की घटना से चार लोगों की मौत हो गई, जबकि 50 से अधिक लोग लापता हैं। लापता लोगों में भारतीय सेना के 8 से 10 जवान भी शामिल हैं। जानिए पूरी घटना की डिटेल्स।

उत्तराखंड के Uttarkashi जिले में मंगलवार देर रात आई प्राकृतिक आपदा ने तबाही मचा दी। भीषण बादल फटने की घटना के चलते अचानक आई बाढ़ और बड़े भूस्खलन में अब तक 4 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि 50 से अधिक लोग लापता बताए जा रहे हैं। लापता लोगों में 8 से 10 भारतीय सेना के जवान भी शामिल हैं, जो हरसिल घाटी के निचले क्षेत्र में स्थित एक अस्थायी शिविर में तैनात थे।

हरसिल कैंप से सेना के जवान लापता



समाचार एजेंसी ANI के अनुसार, हरसिल इलाके में भारतीय सेना का एक कैंप बादल फटने की चपेट में आ गया। इस शिविर से कई जवानों का अब तक कोई सुराग नहीं मिला है। सेना के अधिकारी लगातार संपर्क स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन भारी बारिश और मलबे की वजह से संपर्क मार्ग और संचार व्यवस्था बाधित है।

सेना और राज्य प्रशासन की संयुक्त टीम लापता जवानों की खोज में जुटी हुई है, लेकिन खराब मौसम और जोखिम भरा भूगोल बचाव कार्य में बाधा बन रहे हैं।

हरसिल और आस-पास के क्षेत्रों में भारी तबाही


हरसिल घाटी, गंगोत्री हाईवे, सुखी टॉप और मुखबा गांव इस आपदा से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। कई घर मलबे में दब गए हैं और सड़कें पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई हैं। पुल टूट गए हैं और रास्ते अवरुद्ध हो गए हैं, जिससे राहत पहुंचाना बेहद कठिन हो गया है।

स्थानीय निवासी रमेश भट्ट ने घटना का आंखों देखा हाल साझा करते हुए कहा, “अचानक जोरदार आवाज आई और फिर पानी का सैलाब पहाड़ों से नीचे आया। हम कुछ समझ पाते, उससे पहले ही सबकुछ बह गया।”

राहत और बचाव कार्य जोरों पर



राज्य आपदा मोचन बल (SDRF), राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) और सेना की इंजीनियरिंग टीमों को मौके पर भेजा गया है। हालांकि, लगातार बारिश, भूस्खलन और कठिन पहाड़ी रास्तों के चलते राहत कार्यों में मुश्किलें आ रही हैं।

वायुसेना के हेलिकॉप्टर भी राहत और बचाव कार्यों के लिए तैनात हैं, लेकिन खराब मौसम के कारण हवाई अभियान अभी आंशिक रूप से रोक दिए गए हैं। मौसम सुधरने के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन को तेज करने की योजना है।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हालात की गंभीरता को देखते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि “प्रभावित क्षेत्रों तक हर हाल में पहुंचें, चाहे पैदल ही क्यों न जाना पड़े। लोगों की जान बचाना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।

प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्रालय की प्रतिक्रिया


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने Uttarkashi की घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया और राज्य सरकार को हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया। उन्होंने एक ट्वीट में लिखा, “Uttarkashi में आई आपदा से दुखी हूं। पीड़ित परिवारों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं। केंद्र सरकार स्थिति पर नजर बनाए हुए है और राहत कार्यों में पूरा सहयोग दे रही है।”

रक्षा मंत्रालय भी स्थानीय प्रशासन और सेना के साथ लगातार संपर्क में है और विशेष पर्वतीय टुकड़ियों की तैनाती की संभावना पर विचार कर रहा है, जो कठिन इलाकों में आसानी से पहुंच सकती हैं।

उत्तराखंड में बादल फटना – एक बार फिर तबाही की वजह


उत्तराखंड जैसे पहाड़ी राज्यों में बादल फटना और उससे जुड़ी बाढ़ की घटनाएं अब आम होती जा रही हैं। मानसून के मौसम में अचानक अत्यधिक वर्षा, कमजोर पर्वतीय संरचना और बेतरतीब निर्माण कार्य इन आपदाओं की जड़ माने जा रहे हैं।

वातावरण विशेषज्ञों का मानना है कि जलवायु परिवर्तन के प्रभाव और हिमालयी क्षेत्र में अनियंत्रित विकास कार्यों ने प्राकृतिक संतुलन को बिगाड़ा है। पर्यावरणविद् रवि चोपड़ा ने कहा, “जब तक हम पर्यावरण के अनुकूल निर्माण नीति नहीं अपनाएंगे, ऐसी आपदाएं लगातार आती रहेंगी।”

सरकार द्वारा जारी आपातकालीन हेल्पलाइन और सहायता उपाय


उत्तराखंड सरकार ने आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं ताकि लापता लोगों के परिजन जानकारी प्राप्त कर सकें। राहत शिविर स्थापित किए जा रहे हैं, जहां पीड़ितों को भोजन, दवाइयां और जरूरी वस्तुएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।

राज्य सरकार ने नदी किनारे और ढलानों के पास रह रहे लोगों से सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित होने की अपील की है, क्योंकि मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों में और बारिश की चेतावनी दी है।

अगले कदम और उम्मीद की किरण



रेस्क्यू ऑपरेशन फिलहाल जारी है और प्राथमिकता लापता लोगों को खोजने और जीवित बचे लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने की है। आने वाले दिनों में नुकसान का विस्तृत मूल्यांकन किया जाएगा और मृतकों व पीड़ित परिवारों के लिए मुआवजे की घोषणा की जाएगी।

यह घटना एक बार फिर हमें याद दिलाती है कि हिमालय क्षेत्र की संवेदनशीलता को समझना और उसका सम्मान करना बेहद जरूरी है। पूरे देश की निगाहें Uttarkashi की इस आपदा पर टिकी हैं, और हम सभी प्रार्थना कर रहे हैं कि लापता लोग जल्द ही सुरक्षित मिल जाएं।


द ओवल टेस्ट में इंग्लैंड पर 6 रन की रोमांचक जीत के बाद WTC points table में तीसरे स्थान पर पहुंची टीम इंडिया!

द ओवल टेस्ट में इंग्लैंड पर 6 रन की रोमांचक जीत के बाद WTC points table में तीसरे स्थान पर पहुंची टीम इंडिया!

ICC वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप 2027 में भारत ने इंग्लैंड को 6 रन से हराकर WTC points table में तीसरा स्थान हासिल किया। जानिए मैच हाइलाइट्स, WTC अंक तालिका और आगे का शेड्यूल।

4 अगस्त को लंदन के द ओवल मैदान पर खेले गए रोमांचक टेस्ट मैच में टीम इंडिया ने इंग्लैंड को 6 रन से हराकर पांच मैचों की सीरीज़ 2-2 से बराबर कर दी। इस ऐतिहासिक जीत ने न केवल भारत को टेस्ट सीरीज़ में सम्मानजनक स्थिति दिलाई, बल्कि ICC वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप 2025-27 के WTC points table में भी तीसरे स्थान पर पहुंचा दिया।

भारत की जीत से बदला टेस्ट चैंपियनशिप का समीकरण



इस मुकाबले में भारत को जीत के साथ 12 महत्वपूर्ण अंक मिले, जिससे उसका कुल स्कोर 28 पॉइंट्स हो गया। अब भारत का पॉइंट्स प्रतिशत (PCT) 46.67% है और इसी के साथ उसने WTC points table में तीसरा स्थान हासिल कर लिया है।

WTC points table 2025-27 (4 अगस्त 2025 तक):



स्थान टीम खेले गए मैच कुल अंक PCT (%)

1 ऑस्ट्रेलिया — 3 36 100.00
2 श्रीलंका — 2 16 66.67
3 भारत — 5 28 46.67
4 इंग्लैंड— 5 26 43.33
5 बांग्लादेश — 2 4 16.67


> नोट: ICC द्वारा लागू नियमों के अनुसार WTC में टीमों की रैंकिंग का आधार पॉइंट्स प्रतिशत (PCT) होता है, न कि केवल जीते हुए मैच।

ओवल टेस्ट: एक सांस रोक देने वाला मुकाबला



यह टेस्ट मैच क्रिकेट प्रेमियों के लिए एक शानदार अनुभव रहा। इंग्लैंड के तेज़ और आक्रामक ‘बाज़बॉल’ शैली के सामने भारत की गेंदबाज़ी ने अंतिम दिन कमाल कर दिखाया। जसप्रीत बुमराह और रविचंद्रन अश्विन ने दबाव में शानदार गेंदबाज़ी करते हुए इंग्लैंड को लक्ष्य से मात्र 6 रन दूर रोक दिया।

भारतीय खिलाड़ियों का दमदार प्रदर्शन



इस ऐतिहासिक जीत में कई खिलाड़ियों ने शानदार भूमिका निभाई:

जसप्रीत बुमराह: निर्णायक समय पर विकेट लेकर भारत को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई।

रवींद्र जडेजा: बल्ले और गेंद दोनों से योगदान देते हुए मैच में संतुलन बनाए रखा।

यशस्वी जायसवाल: पहले पारी में ठोस अर्धशतक के साथ एक मजबूत शुरुआत दी।

ऋषभ पंत: विकेटकीपिंग में शानदार वापसी के साथ तेज़ रन बनाकर टीम को सहारा दिया।

इंग्लैंड के लिए बड़ा झटका



इंग्लैंड के लिए यह हार काफी निराशाजनक रही। जीत से महज 6 रन दूर रह जाना उनकी रणनीति और मानसिकता पर सवाल खड़े करता है। इस हार के बाद इंग्लैंड अब WTC points table में पांचवें स्थान पर खिसक गया है, जिससे उनकी फाइनल में पहुंचने की संभावनाओं को झटका लगा है।

WTC 2027 फाइनल की ओर भारत का सफर



इस जीत ने भारत की WTC 2027 फाइनल की ओर यात्रा को नया मोड़ दिया है। आने वाले महीनों में भारत को कई महत्वपूर्ण टेस्ट सीरीज़ खेलनी हैं:

बांग्लादेश के खिलाफ घरेलू सीरीज़ (2 टेस्ट)

ऑस्ट्रेलिया का दौरा (5 टेस्ट)

दक्षिण अफ्रीका और न्यूज़ीलैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज़


अगर भारत इन मुकाबलों में अच्छा प्रदर्शन करता है, तो वह WTC 2027 फाइनल में जगह बना सकता है, जिसका आयोजन लॉर्ड्स में होगा।

निष्कर्ष: भारत ने दिखाई असली ताकत



ओवल में मिली रोमांचक जीत सिर्फ एक टेस्ट मैच नहीं थी, बल्कि यह भारतीय टीम की धैर्य, अनुभव और रणनीति का उदाहरण थी। इस जीत ने न केवल WTC की दौड़ में भारत की स्थिति मजबूत की है, बल्कि यह भी दर्शाया है कि टीम इंडिया अब फिर से पटरी पर लौट आई है और फाइनल की दौड़ में मजबूती से खड़ी है।

2030 तक 45% भारतीय महिलाएं रहेंगी सिंगल: TOI ‘Love Bytes’ शो में डॉ. रचना खन्ना सिंह ने बताई वजह!

2030 तक 45% भारतीय महिलाएं रहेंगी सिंगल: TOI ‘Love Bytes’ शो में डॉ. रचना खन्ना सिंह ने बताई वजह!

2030 तक 45% भारतीय महिलाएं शादी नहीं करेंगी, यह कहना है TOI के Love Bytes शो में डॉ. रचना खन्ना सिंह का। जानिए इस बदलाव के पीछे की वजहें और इसका समाज पर क्या असर होगा।

TOI Lifestyle के लोकप्रिय शो Love Bytes के तीसरे एपिसोड में जानी-मानी मेंटल वेलनेस एक्सपर्ट और रिलेशनशिप काउंसलर डॉ. रचना खन्ना सिंह ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया — 2030 तक 45% भारतीय महिलाएं शादी नहीं करेंगी और सिंगल रहना चुनेंगी। यह आंकड़ा सिर्फ एक भविष्यवाणी नहीं, बल्कि भारतीय समाज में रिश्तों, विवाह और पारिवारिक ढांचे में आ रहे गहरे बदलावों की ओर संकेत करता है।

इस विचारोत्तेजक बातचीत में डॉ. सिंह ने बताया कि कैसे आज की महिलाएं आत्मनिर्भर बनकर अपने जीवन के फैसले खुद ले रही हैं और शादी को अब सामाजिक अनिवार्यता नहीं बल्कि व्यक्तिगत विकल्प के रूप में देख रही हैं।

बढ़ती स्वतंत्रता और आत्मनिर्भरता



डॉ. सिंह के अनुसार, इस बदलाव की सबसे बड़ी वजह है — आर्थिक, मानसिक और भावनात्मक रूप से सशक्त होती महिलाएं। आज की महिला सिर्फ घर संभालने वाली नहीं, बल्कि कॉर्पोरेट, प्रशासनिक और उद्यमिता की दुनिया में अपनी पहचान बना रही है।

महिलाएं अब अपने करियर, खुद की पसंद और व्यक्तिगत विकास को प्राथमिकता दे रही हैं। खासकर मेट्रो शहरों में रहने वाली महिलाएं अब शादी या रिश्तों को सामाजिक दबाव की बजाय चॉइस मानती हैं।

2030 तक 45% भारतीय महिलाएं रहेंगी सिंगल: क्या है इसके पीछे की वजहें?



डॉ. रचना खन्ना सिंह ने कई प्रमुख कारण बताए जो इस बढ़ते ट्रेंड को दर्शाते हैं:

1. शादी में देरी करना
आजकल महिलाएं जल्दी शादी करने के बजाय पहले अपनी पढ़ाई और करियर को तरजीह देती हैं।


2. करियर को प्राथमिकता देना
प्रोफेशनल लाइफ में व्यस्तता और उच्च लक्ष्य महिलाओं को पारंपरिक पारिवारिक भूमिकाओं से दूर ले जा रहे हैं।


3. सामाजिक सोच में बदलाव
अब सिंगल रहना कमजोरी नहीं, बल्कि आत्मनिर्भरता का प्रतीक बन चुका है।


4. शादी के संस्थान में विश्वास की कमी
तलाक के बढ़ते मामले, असमानता और घरेलू तनाव ने कई महिलाओं को शादी से दूर कर दिया है।


5. तकनीक और सोशल कनेक्टिविटी
डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के जरिए महिलाएं आज बड़े समुदाय से जुड़ती हैं और अकेले रहना उन्हें मुश्किल नहीं लगता।

रिश्तों का बदलता स्वरूप



डॉ. सिंह का मानना है कि सिंगल रहने का अर्थ यह नहीं कि लोग प्यार में विश्वास नहीं करते। आज के दौर में रिश्तों की परिभाषा बदल रही है।

लिव-इन रिलेशनशिप, लॉन्ग-डिस्टेंस पार्टनरशिप, या स्वतंत्र रूप से जीने का निर्णय अब आम होते जा रहे हैं। युवा महिलाएं आज ऐसे साथी की तलाश में हैं जो समानता और समझदारी को महत्व दे, न कि सिर्फ सामाजिक स्वीकृति के लिए रिश्ते निभाए।

क्या अब शादी पुरानी बात हो चुकी है?



डॉ. सिंह इस बात से इनकार नहीं करतीं कि शादी का महत्व अब भी बना हुआ है, लेकिन इसकी परिभाषा बदल रही है। आज की महिला शादी तभी करेगी जब उसे लगे कि वह बराबरी का रिश्ता निभा रही है।

पारंपरिक पितृसत्तात्मक सोच, जिसमें महिलाएं सिर्फ घर संभालने वाली और आज्ञाकारी मानी जाती थीं, अब धीरे-धीरे कमजोर हो रही है। अब महिलाएं समानता और सम्मान की अपेक्षा करती हैं।

भारतीय परिवारों का बदलता स्वरूप



यदि 2030 तक 45% महिलाएं शादी नहीं करेंगी, तो यह भारतीय परिवार व्यवस्था में एक बड़ा बदलाव लाएगा।

डॉ. सिंह के मुताबिक:

सिंगल मदर्स की संख्या बढ़ सकती है

बुजुर्गों की देखभाल के तरीके बदल सकते हैं

दोस्ती और सामुदायिक समर्थन पर आधारित परिवार बनने लगेंगे

अडॉप्शन और IVF जैसी तकनीकों को ज्यादा स्वीकृति मिल सकती है


ये सभी बदलाव इस ओर इशारा करते हैं कि अब परिवार सिर्फ खून के रिश्तों से नहीं, बल्कि भावनात्मक जुड़ाव और समझ से भी बनेंगे।

समाज की भूमिका और जरूरी बदलाव



हालांकि बदलाव की हवा चल पड़ी है, लेकिन आज भी सिंगल महिलाओं को सामाजिक पूर्वाग्रहों का सामना करना पड़ता है। मकान किराए पर लेने से लेकर शादी के लिए दबाव तक, कई चुनौतियां आज भी कायम हैं।

डॉ. सिंह ने इस बात पर ज़ोर दिया कि नीतिगत बदलाव, सुरक्षा, और मानसिक स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने की जरूरत है, ताकि सिंगल महिलाएं खुद को समाज में सुरक्षित और सम्मानित महसूस कर सकें।

निष्कर्ष: नए युग की ओर बढ़ता भारत


2030 तक 45% भारतीय महिलाओं का सिंगल रहना एक सामाजिक क्रांति की शुरुआत है। यह सिर्फ एक आंकड़ा नहीं, बल्कि उस बदलाव का प्रतीक है जहां महिलाएं अपने जीवन की कमान खुद संभाल रही हैं।

TOI Love Bytes में डॉ. रचना खन्ना सिंह की बातें हमें सोचने पर मजबूर करती हैं कि खुशहाल जीवन के लिए शादी जरूरी नहीं, बल्कि आत्मसम्मान, स्वतंत्रता और भावनात्मक सुरक्षा जरूरी है।

आज की भारतीय महिला अब समाज से नहीं, खुद से अपने फैसले ले रही है — और यही है एक सशक्त भारत की असली पहचान।