वरिष्ठ तेलुगु अभिनेता और पूर्व भाजपा विधायक Kota Srinivasa Rao का 83 वर्ष की आयु में निधन!

वरिष्ठ तेलुगु अभिनेता और पूर्व भाजपा विधायक Kota Srinivasa Rao का 83 वर्ष की आयु में निधन!


तेलुगु सिनेमा के दिग्गज अभिनेता और पूर्व भाजपा विधायक Kota Srinivasa Rao का रविवार तड़के निधन हो गया। वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे और हैदराबाद के जुबली हिल्स स्थित फिल्मनगर में अपने आवास पर अंतिम सांस ली। उनका निधन उनके 83वें जन्मदिन के केवल दो दिन बाद हुआ।

Kota Srinivasa Rao ने तेलुगु सिनेमा में चार दशक से अधिक समय तक सक्रिय रहते हुए 500 से ज्यादा फिल्मों में अभिनय किया। उन्होंने अपनी विशिष्ट संवाद अदायगी और बहुमुखी अभिनय शैली के कारण न केवल खलनायक की भूमिकाएं निभाईं, बल्कि हास्य और चरित्र प्रधान भूमिकाओं में भी दर्शकों का दिल जीता। उन्होंने तेलुगु के साथ-साथ तमिल, हिंदी और कन्नड़ फिल्मों में भी यादगार भूमिकाएं निभाईं।

उनका जन्म 10 जुलाई 1942 को आंध्र प्रदेश में हुआ था। कोटा ने अपने करियर की शुरुआत रंगमंच से की थी और 1970 के दशक में फिल्मों में कदम रखा। ‘आहा ना पेल्लांटा’, ‘प्रतिघटना’, ‘मल्लू वेत्ति माइनर’ और ‘गायम’ जैसी फिल्मों से उन्हें विशेष पहचान मिली।

सिनेमा के अलावा Kota Srinivasa Rao ने राजनीति में भी सक्रिय भूमिका निभाई। वे विजयवाड़ा ईस्ट विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक (MLA) भी रहे और जनसेवा के लिए समर्पित रहे। उनकी राजनीतिक यात्रा ने भी उन्हें जनता के करीब लाया।

अपने फिल्मी और सामाजिक योगदान के लिए उन्हें कई प्रतिष्ठित सम्मानों से नवाजा गया, जिनमें शामिल है भारत सरकार द्वारा दिया गया ‘पद्मश्री’ सम्मान (2015) और कई नंदी पुरस्कार।

उनके निधन से न केवल फिल्म उद्योग बल्कि पूरे देश में शोक की लहर है। फिल्मी सितारों, राजनेताओं और उनके प्रशंसकों ने सोशल मीडिया पर उन्हें श्रद्धांजलि दी है और उनके योगदान को याद किया है।

उनका अंतिम संस्कार आज हैदराबाद में पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा।

क्या Ashish Chanchlani और ऐक्ट्रेस Elli Avram हैं रिलेशनशिप में? जानिए उनके करियर, शानदार घर, लग्जरी गाड़ियों और नेट वर्थ के बारे में!

क्या Ashish Chanchlani और ऐक्ट्रेस Elli Avram हैं रिलेशनशिप में? जानिए उनके करियर, शानदार घर, लग्जरी गाड़ियों और नेट वर्थ के बारे में!


सोशल मीडिया पर Ashish Chanchlani और ऐक्ट्रेस Elli Avram की डेटिंग की अफवाहें जोरों पर हैं। दोनों की मजेदार ऑनलाइन बातचीत और साथ में वीडियोज ने फैंस के मन में सवाल खड़े किए हैं। हालांकि, दोनों ने अभी तक रिलेशनशिप की पुष्टि नहीं की है। आइए, आशीष चंचलानी के शानदार करियर, आलीशान जीवनशैली और *इंडियाज गॉट लेटेंट* विवाद पर एक नजर डालते हैं।

आशीष चंचलानी का शानदार करियर


आशीष चंचलानी भारत के टॉप यूट्यूबर्स में से एक हैं, जिनके चैनल *आशीष चंचलानी वाइन्स* के 2025 तक 3 करोड़ से ज्यादा सब्सक्राइबर्स हैं। 2014 में शुरूआत करने वाले आशीष ने अपनी मजेदार स्किट्स और पैरोडी वीडियोज से दर्शकों का दिल जीता। उनकी वीडियोज में हास्य और सामाजिक मुद्दों का अनोखा मिश्रण होता है। बॉलीवुड सितारों जैसे शाहरुख खान के साथ सहयोग और वेब सीरीज में काम ने उनकी लोकप्रियता को और बढ़ाया।

आलीशान घर और शानदार गाड़ियां


आशीष की सफलता उनके शानदार लाइफस्टाइल में दिखती है। मुंबई में उनका खूबसूरत घर आधुनिक डिजाइन, होम थिएटर और कंटेंट क्रिएशन के लिए स्टूडियो से लैस है। उनकी कार कलेक्शन भी कमाल की है, जिसमें मर्सिडीज-बेंज और बीएमडब्ल्यू जैसी लग्जरी गाड़ियां शामिल हैं, जो उनके स्टाइलिश अंदाज को दर्शाती हैं।

विशाल नेट वर्थ


2025 में आशीष चंचलानी की नेट वर्थ लगभग 40-50 करोड़ रुपये आंकी गई है। यूट्यूब से होने वाली कमाई, ब्रांड एंडोर्समेंट्स और प्रोडक्शन प्रोजेक्ट्स उनकी संपत्ति के मुख्य स्रोत हैं। उनके मर्चेंडाइज और अन्य बिजनेस वेंचर्स ने भी उनकी दौलत में इजाफा किया है।

इंडियाज गॉट लेटेंट‘ विवाद


आशीष का पैरोडी शो *इंडियाज गॉट लेटेंट* विवादों में घिर गया था। कुछ लोगों ने इसे उभरते कलाकारों का मजाक उड़ाने वाला बताया। आशीष ने सफाई दी कि यह शो सिर्फ हल्का-फुल्का मजाक था। इस विवाद ने कॉमेडी की सीमाओं पर बहस छेड़ दी, लेकिन उनके फैंस ने उनका साथ दिया।

निजी जीवन: Elli Avram के साथ रिलेशनशिप?


Ashish और Elli की वीडियोज में केमिस्ट्री और सोशल मीडिया पोस्ट्स ने डेटिंग की अफवाहों को हवा दी। फैंस दोनों को साथ देखना चाहते हैं, लेकिन दोनों ने निजी जीवन को गोपनीय रखा है।

निष्कर्ष


आशीष चंचलानी की एक साधारण यूट्यूबर से स्टार बनने की कहानी प्रेरणादायक है। उनका शानदार घर, लग्जरी गाड़ियां और विशाल नेट वर्थ उनकी मेहनत का सबूत हैं। *इंडियाज गॉट लेटेंट* जैसे विवादों के बावजूद उनकी लोकप्रियता बढ़ रही है। Elli Avram के साथ उनकी रिलेशनशिप की सच्चाई तो समय ही बताएगा। उनके अपडेट्स के लिए बने रहें!

Priya Nair कौन हैं? जानिए भारत की सबसे बड़ी FMCG कंपनी HUL की पहली महिला CEO-MD के बारे में!

Priya Nair कौन हैं? जानिए भारत की सबसे बड़ी FMCG कंपनी HUL की पहली महिला CEO-MD के बारे में!


हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड (HUL), जो भारत की सबसे बड़ी एफएमसीजी कंपनी है, ने Priya Nair को अपनी नई मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ नियुक्त किया है। यह पहली बार है जब HUL ने किसी महिला को इस शीर्ष पद पर नियुक्त किया है। वह 1 अगस्त 2025 से इस पद का कार्यभार संभालेंगी।

📌 ऐतिहासिक उपलब्धि


Priya Nair की नियुक्ति 92 साल पुराने HUL के इतिहास में पहली बार किसी महिला के सीईओ बनने की घटना है। वह रोहित जावा की जगह लेंगी, जिनका कार्यकाल 31 जुलाई 2025 को समाप्त हो रहा है। इस घोषणा के बाद कंपनी के शेयरों में करीब 5% की तेजी देखने को मिली।

📈 तीन दशकों का अनुभव


1995 में, Priya Nair ने HUL में बतौर कंज़्यूमर इनसाइट्स मैनेजर अपने करियर की शुरुआत की थी।

उन्होंने डव, रिन और कम्फर्ट जैसे ब्रांड्स के मार्केटिंग और विकास में प्रमुख भूमिका निभाई।

2014 से 2020 तक, वह HUL की होम केयर डिवीजन की एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर रहीं, जहां उन्होंने इस सेगमेंट में मुनाफे में जबरदस्त सुधार किया।

2022 में, उन्हें यूनिलीवर की ग्लोबल CMO (चीफ मार्केटिंग ऑफिसर) बनाया गया।

2023 से, वह यूनिलीवर के ब्यूटी एंड वेलबीइंग डिवीजन की प्रेसिडेंट हैं, जहां वह €13 बिलियन के वैश्विक कारोबार का नेतृत्व कर रही हैं।

🎓 शिक्षा और अंतरराष्ट्रीय अनुभव


Priya Nair ने मुंबई के सिडनहैम कॉलेज से बी.कॉम और सिम्बायोसिस इंस्टीट्यूट, पुणे से एमबीए (मार्केटिंग) किया है। उन्होंने हावर्ड बिजनेस स्कूल से कार्यकारी शिक्षा भी प्राप्त की है। फिलहाल वह लंदन में कार्यरत हैं और यूनिलीवर की वैश्विक लीडरशिप टीम का हिस्सा हैं।

🔍 क्यों है उनका नेतृत्व महत्वपूर्ण?


1. सशक्त नेतृत्व क्षमता: उन्होंने HUL के कई प्रमुख बिज़नेस यूनिट्स को मुनाफे में बदलने में सफलता पाई।


2. डिजिटल और युवा केंद्रित रणनीति: उनके नेतृत्व में कई सोशल मीडिया कैंपेन और ब्रांड रीपोजिशनिंग की गई।


3. बाजार में भरोसा: उनकी नियुक्ति के बाद शेयरों में उछाल से निवेशकों का भरोसा साफ दिखता है।

🔮 आगे की राह


हाल के वर्षों में HUL की ग्रोथ रफ्तार धीमी हुई है, लेकिन अब उम्मीद है कि Priya Nair के अनुभव और इनोवेशन आधारित दृष्टिकोण से कंपनी को नई गति मिलेगी। बोर्ड ने उन्हें पाँच साल के कार्यकाल के लिए मंजूरी दी है।


निष्कर्ष:

Priya Nair का CEO-MD बनना सिर्फ HUL के लिए ही नहीं, बल्कि कॉरपोरेट भारत में महिलाओं की भागीदारी के लिए भी एक प्रेरणादायक कदम है। अब सभी की निगाहें इस बात पर होंगी कि वह कंपनी को आगे कैसे दिशा देती हैं।

IPL की business value 18 अरब डॉलर के पार, एक साल में 13% की वृद्धि!

IPL की business value 18 अरब डॉलर के पार, एक साल में 13% की वृद्धि!


भारतीय प्रीमियर लीग (IPL) न केवल क्रिकेट का त्यौहार है, बल्कि अब यह एक विशाल व्यावसायिक ब्रांड बन चुका है। एक नई रिपोर्ट के अनुसार, आईपीएल की कुल व्यावसायिक वैल्यू साल 2024 में 18 अरब डॉलर से अधिक हो गई है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 13% की बढ़त को दर्शाती है। यह रिपोर्ट कंसल्टिंग फर्म D&P Advisory द्वारा जारी की गई है।

मीडिया राइट्स और स्पॉन्सरशिप से मिला बड़ा फायदा


आईपीएल के मूल्य में इस जबरदस्त वृद्धि का मुख्य कारण मीडिया राइट्स की भारी कीमत, स्पॉन्सरशिप डील्स और डिजिटल दर्शकों की तेजी से बढ़ती संख्या है। डिज़्नी स्टार और वायाकॉम18 द्वारा लगभग 6.2 अरब डॉलर की मीडिया डील इस वृद्धि की बड़ी वजह है। खासकर जियोसिनेमा पर मुफ्त स्ट्रीमिंग ने डिजिटल व्यूअरशिप को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है।

टीमों के ब्रांड वैल्यू में भी बढ़ोतरी


आईपीएल की सभी 10 टीमों की कुल ब्रांड वैल्यू अब 10.7 अरब डॉलर से अधिक हो गई है, जो 2023 में 9.6 अरब डॉलर थी। चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) और मुंबई इंडियंस (MI) सबसे आगे हैं। इस साल प्रदर्शन और फैन्स की जबरदस्त भागीदारी के कारण CSK ने MI को भी पीछे छोड़ दिया है।

आईपीएल: सिर्फ क्रिकेट नहीं, एक बिजनेस ब्रांड


आईपीएल अब सिर्फ खेल नहीं रहा, बल्कि यह एक विशाल बिजनेस प्लेटफॉर्म बन गया है। इसमें प्राइवेट इक्विटी, अंतरराष्ट्रीय स्पॉन्सर्स और डिजिटल ब्रांड्स की जबरदस्त दिलचस्पी देखी जा रही है। साल 2022 में लखनऊ सुपर जाएंट्स और गुजरात टाइटन्स के शामिल होने के बाद लीग की पहुंच और कमाई में और इजाफा हुआ है।

आईपीएल की बढ़त के प्रमुख कारण:


महंगी मीडिया डील्स से रिकॉर्ड कमाई

टीमों की ब्रांड वैल्यू में निरंतर वृद्धि

डिजिटल प्लेटफॉर्म पर दर्शकों की बंपर भागीदारी

मर्चेंडाइज और लाइसेंसिंग का विस्तार

वैश्विक फैनबेस और एनआरआई दर्शकों की रुचि

आगे क्या है आईपीएल के लिए?


विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले वर्षों में आईपीएल की वैल्यू और भी तेजी से बढ़ सकती है। कुछ का तो यह भी कहना है कि यह लीग NFL और EPL जैसी वैश्विक खेल लीगों को भी टक्कर दे सकती है। वर्चुअल रियलिटी, एआई आधारित फैन एंगेजमेंट और अंतरराष्ट्रीय मैचों के जरिए आईपीएल की ब्रांडिंग और कमाई दोनों में वृद्धि संभव है।

निष्कर्ष:

आईपीएल आज सिर्फ एक खेल आयोजन नहीं, बल्कि एक अरबों डॉलर की इंडस्ट्री बन चुका है। 18 अरब डॉलर से अधिक की वैल्यू और 13% की सालाना ग्रोथ के साथ, यह भारतीय और वैश्विक बाजार में अपनी मजबूत पकड़ बना चुका है।


‘सिंदूर ऑपरेशन’ पर एरिक ट्रैपियर के बयान से जुड़ी खबरों का Dassault aviation ने खंडन किया!

‘सिंदूर ऑपरेशन’ पर एरिक ट्रैपियर के बयान से जुड़ी खबरों का Dassault aviation ने खंडन किया!


फ्रांसीसी एयरोस्पेस कंपनी Dassault aviation ने उन मीडिया रिपोर्ट्स का सख्ती से खंडन किया है, जिनमें कंपनी के चेयरमैन और सीईओ एरिक ट्रैपियर के हवाले से ‘सिंदूर ऑपरेशन’ में राफेल लड़ाकू विमानों की भूमिका को लेकर कथित बयान दिए जाने का दावा किया गया था।

Dassault aviation द्वारा जारी आधिकारिक वक्तव्य में कहा गया:


“कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में Dassault aviation के चेयरमैन और सीईओ एरिक ट्रैपियर के हवाले से सिंदूर ऑपरेशन को लेकर जो टिप्पणियां की गई हैं, उन्हें डसॉल्ट एविएशन औपचारिक रूप से खारिज करता है। एरिक ट्रैपियर द्वारा इस ऑपरेशन में राफेल के उपयोग को लेकर कोई तकनीकी या परिचालन संबंधी टिप्पणी नहीं की गई है,” यह कंपनी की ओर से जारी एक संक्षिप्त बयान में कहा गया।

क्या है सिंदूर ऑपरेशन?


सिंदूर ऑपरेशन को लेकर आधिकारिक विवरण सामने नहीं आया है, लेकिन माना जा रहा है कि यह भारत की सशस्त्र सेनाओं द्वारा हाल के सुरक्षा हालातों के जवाब में की गई एक महत्वपूर्ण सैन्य कार्रवाई थी। इस ऑपरेशन में राफेल जेट्स के इस्तेमाल को लेकर अटकलें लगाई जा रही थीं, जिससे मीडिया की रुचि और भी बढ़ गई थी।

भारत की रक्षा प्रणाली में राफेल की भूमिका


Dassault aviation द्वारा निर्मित राफेल फाइटर जेट्स भारत की वायुसेना के लिए रणनीतिक रूप से बेहद अहम माने जाते हैं। अपनी मल्टी-रोल क्षमताओं, उच्च सटीकता और तेज प्रतिक्रिया क्षमता के लिए प्रसिद्ध राफेल विमानों को भारत ने हाल ही में अपने बेड़े में शामिल किया था।

हालांकि, कंपनी ने स्पष्ट कर दिया है कि वह किसी भी सैन्य ऑपरेशन से जुड़ी गोपनीय जानकारी पर टिप्पणी नहीं करती, और न ही किसी भी देश के संचालन मामलों में हस्तक्षेप करती है।

मीडिया रिपोर्टिंग और कंपनी का रुख


डसॉल्ट एविएशन की यह तत्काल प्रतिक्रिया इस बात को दर्शाती है कि रक्षा मामलों से जुड़ी रिपोर्टिंग में सटीकता और जिम्मेदारी बेहद जरूरी है। किसी भी शीर्ष अधिकारी के कथित बयान को गलत तरीके से प्रस्तुत करना भ्रामक सूचनाओं को जन्म दे सकता है।

कंपनी ने यह भी दोहराया कि वह भारत के साथ अपने दीर्घकालिक रणनीतिक संबंधों को लेकर प्रतिबद्ध है और राष्ट्रीय रक्षा निर्णयों की संप्रभुता और गोपनीयता का सम्मान करती है।


मुख्य बिंदु:


डसॉल्ट एविएशन ने ‘सिंदूर ऑपरेशन’ को लेकर एरिक ट्रैपियर के बयान का स्पष्ट खंडन किया।

मीडिया रिपोर्ट्स में उद्धृत टिप्पणियां गलत और भ्रामक बताई गईं।

राफेल भारत की रक्षा प्रणाली का अहम हिस्सा है।

कंपनी सैन्य संचालन पर टिप्पणी नहीं करती और संप्रभु राष्ट्रों के अधिकारों का सम्मान करती है।


इस आधिकारिक बयान के ज़रिए डसॉल्ट एविएशन ने गलत सूचनाओं पर रोक लगाने और स्थिति की स्पष्टता बनाए रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है।

आर्चिता फुकन वायरल वीडियो: असम की इस लड़की ने सोशल मीडिया पर मचाया धमाल!

आर्चिता फुकन वायरल वीडियो: असम की इस लड़की ने सोशल मीडिया पर मचाया धमाल!

परिचय:


हाल ही में सोशल मीडिया पर एक नाम जबरदस्त चर्चा में है — आर्चिता फुकन। असम की रहने वाली यह प्रतिभाशाली युवती अपने एक वायरल वीडियो के चलते इंटरनेट सेंसेशन बन गई हैं। आइए जानें कि आखिर कौन हैं आर्चिता फुकन और उनका वीडियो इतना वायरल क्यों हो रहा है।


आर्चिता फुकन कौन हैं?


आर्चिता फुकन असम की एक उभरती हुई सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर, कंटेंट क्रिएटर और मॉडल हैं। वह अपने इंस्टाग्राम रील्स, यूट्यूब शॉर्ट्स और पारंपरिक अंदाज के लिए जानी जाती हैं। उनके वीडियो खासकर युवा वर्ग में बेहद लोकप्रिय हैं।


वायरल वीडियो की कहानी


2025 में एक पारंपरिक ड्रेस में डांस करते हुए आर्चिता का वीडियो इंटरनेट पर तेजी से वायरल हुआ। वीडियो में आर्चिता ने असम की सांस्कृतिक झलक दिखाते हुए नृत्य किया, जो लोगों को बेहद पसंद आया। इस वीडियो को लाखों बार देखा गया और कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर किया गया।


लोकप्रियता में उछाल


वीडियो वायरल होने के बाद आर्चिता की फॉलोइंग में भारी इजाफा हुआ। उन्हें भारत के कई हिस्सों से सराहना मिलने लगी और ब्रांड्स ने भी उनसे जुड़ने की रुचि दिखाई। Archita अब असम की संस्कृति को डिजिटल मंचों पर आगे बढ़ाने वाली एक नई आवाज बन चुकी हैं।


अफवाहें और सच


कुछ वेबसाइट्स और यूट्यूब चैनलों ने आर्चिता फुकन के नाम पर भ्रामक वीडियो और फेक थंबनेल जारी कर दिए। इस पर आर्चिता ने खुद इंस्टाग्राम पर पोस्ट कर कहा कि लोग केवल उनके आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल्स से ही जानकारी लें और किसी भी फर्जी कंटेंट पर विश्वास न करें।


सोशल मीडिया प्रोफाइल


Instagram: @archita_phukan_official

YouTube: Archita Phukan Vlogs

Facebook: Archita Phukan



निष्कर्ष


Archita Phukan का वायरल वीडियो यह दर्शाता है कि सोशल मीडिया किस तरह एक सामान्य युवती को भी स्टार बना सकता है, खासकर जब वह अपनी संस्कृति और टैलेंट को गर्व से प्रस्तुत करे। उनके वीडियो न केवल मनोरंजन का साधन हैं, बल्कि संस्कृति से जुड़ने का भी एक सुंदर माध्यम बन गए हैं।




अस्वीकरण: यह लेख सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध जानकारियों और सोशल मीडिया स्रोतों पर आधारित है। इसमें किसी भी प्रकार की अपमानजनक या भ्रामक जानकारी का समर्थन नहीं किया गया है।


भारत बंद 9 जुलाई 2025: मजदूरों और किसानों की नीतियों के खिलाफ 25 करोड़ से अधिक लोगों की हड़ताल!

भारत बंद 9 जुलाई 2025: मजदूरों और किसानों की नीतियों के खिलाफ 25 करोड़ से अधिक लोगों की हड़ताल!


मुख्य बातें:


9 जुलाई को देशभर में भारत बंद का आह्वान

10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों का संयुक्त विरोध

25 करोड़ से अधिक श्रमिकों की भागीदारी की संभावना

केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन



भारत बंद क्यों हो रहा है?


देश की 10 प्रमुख केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने केंद्र सरकार की श्रमिक, किसान और कॉर्पोरेट से जुड़ी नीतियों का विरोध करते हुए 9 जुलाई 2025, बुधवार को भारत बंद की घोषणा की है। यूनियनों का आरोप है कि सरकार की नीतियाँ मजदूरों और किसानों के हितों के खिलाफ हैं और इससे केवल बड़ी कंपनियों को फायदा पहुंच रहा है।

इस राष्ट्रव्यापी बंद में करीब 25 करोड़ श्रमिकों और कर्मचारियों के शामिल होने की संभावना जताई गई है। इससे पहले 8 जुलाई को पूरे देश में प्रदर्शन और रैलियाँ आयोजित की गईं।


कौन-कौन हैं इस आंदोलन में शामिल?


इस बंद का नेतृत्व कर रही 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों में शामिल हैं:

सीटू (CITU)

एआईटीयूसी (AITUC)

एचएमएस (HMS)

एआईसीसीटीयू (AICCTU)

एलपीएफ (LPF)

टीयूसीसी (TUCC)

अन्य राज्य स्तरीय और क्षेत्रीय संगठनों का भी व्यापक समर्थन मिल रहा है।



किन सेवाओं पर पड़ सकता है असर?


भारत बंद के कारण देश के विभिन्न हिस्सों में निम्नलिखित सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं:

बैंकिंग सेक्टर: सरकारी बैंकों में कामकाज प्रभावित हो सकता है।

परिवहन सेवाएं: बस, टैक्सी और ऑटो की सेवाओं में रुकावट आ सकती है।

शैक्षणिक संस्थान: कुछ राज्यों में स्कूल-कॉलेज बंद रह सकते हैं।

सरकारी कार्यालय: कर्मचारियों की अनुपस्थिति से सरकारी कामकाज धीमा हो सकता है।

उद्योग और फैक्ट्रियाँ: कई क्षेत्रों में उत्पादन ठप होने की संभावना है।



सरकारी रुख और प्रशासन की तैयारी


अब तक केंद्र सरकार की ओर से इस हड़ताल को लेकर कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। हालांकि, कई राज्यों में प्रशासन ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए धारा 144 लागू करने की तैयारी की है। सुरक्षा बलों को भी हाई अलर्ट पर रखा गया है।


जनता से अनुरोध


हड़ताल में शामिल संगठनों ने आम नागरिकों से शांतिपूर्ण सहयोग की अपील की है। उनका कहना है कि यह बंद आम जनता के हितों की रक्षा के लिए आयोजित किया जा रहा है।


निष्कर्ष


9 जुलाई 2025 को होने वाला भारत बंद, एक बड़ा मजदूर आंदोलन बनने की ओर है। सरकार की नीतियों के खिलाफ इस विरोध प्रदर्शन में भारी संख्या में श्रमिक और कर्मचारी शामिल होंगे, जिससे देशभर में जनजीवन प्रभावित हो सकता है। लोगों को सलाह दी जाती है कि वे अनावश्यक यात्रा से बचें और आवश्यक कार्य पहले ही निपटा लें।


डीआरडीओ ने पेश किया स्वदेशी माउंटेड गन सिस्टम, सेना की ताकत में होगा जबरदस्त इजाफा!

डीआरडीओ ने पेश किया स्वदेशी माउंटेड गन सिस्टम, सेना की ताकत में होगा जबरदस्त इजाफा!


रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने सोमवार को पुणे में अपनी नई उपलब्धि, स्वदेशी माउंटेड गन सिस्टम (MGS) का सफल प्रदर्शन किया। यह उन्नत ट्रक-माउंटेड तोप प्रणाली न केवल उच्च मारक क्षमता रखती है, बल्कि आधुनिक युद्ध के परिदृश्य में सेना को तेज और सुरक्षित जवाबी हमला करने में भी सक्षम बनाएगी।

यह स्वदेशी तोपखाना प्रणाली DRDO के नेतृत्व में देश की रक्षा सार्वजनिक उपक्रमों (DPSUs), अग्रणी निजी कंपनियों और प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों के सहयोग से विकसित की गई है। भारत फोर्ज और टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स जैसे उद्योग इस परियोजना के प्रमुख भागीदार हैं।

आधुनिक तकनीक और युद्धक्षमता


एमजीएस को विशेष रूप से रेगिस्तानी इलाकों और दुर्गम पहाड़ों में काम करने के लिए डिजाइन किया गया है। यह प्रणाली 155 मिमी/52 कैलिबर की तोप से लैस है, जो प्रति मिनट छह राउंड तक फायर कर सकती है। इसका निर्माण उन्नत टोड आर्टिलरी गन सिस्टम (ATAGS) से प्रेरित है। इसमें ऑटोमैटिक गन अलाइनमेंट, इंटीग्रेटेड फायर कंट्रोल सिस्टम और 24 प्रोजेक्टाइल की ऑटोमैटिक एम्युनिशन मैनेजमेंट शामिल है।

एमजीएस को BEML द्वारा निर्मित टाट्रा 8×8 वाहन पर लगाया गया है, जो 80 किमी/घंटा तक की रफ्तार से सड़क पर और 40 किमी/घंटा तक उबड़-खाबड़ रास्तों पर चल सकता है। सात सदस्यीय चालक दल को बख्तरबंद केबिन में पूर्ण सुरक्षा मिलती है।

सटीकता और तेज तैनाती


यह माउंटेड गन सिस्टम 45 किमी तक की दूरी तक सटीकता से लक्ष्य भेद सकता है और महज 85 सेकंड में स्थान बदल सकता है, जिससे यह दुश्मन के पलटवार से बच सकता है। पोकरण और बालासोर में इसके 100 से अधिक फायरिंग परीक्षण सफलतापूर्वक किए जा चुके हैं।

लागत में भी प्रभावी


‘मेक इन इंडिया’ अभियान के तहत तैयार यह प्रणाली विदेशी विकल्पों की तुलना में काफी सस्ती है। जहां आयातित विकल्पों की कीमत करीब ₹40 करोड़ होती है, वहीं एमजीएस की अनुमानित लागत मात्र ₹15 करोड़ है। भारतीय सेना 700 से 800 यूनिट शामिल करने की योजना बना रही है, जिसमें भारत फोर्ज प्रमुख निर्माण साझेदार होगा।

वैश्विक मानकों की बराबरी


एमजीएस, फ्रांस की सीज़र और इज़राइल की एटीएमओएस जैसी वैश्विक तोप प्रणालियों के समकक्ष है। अहमदनगर के वाहन अनुसंधान और विकास प्रतिष्ठान (VRDE) में इसका सफल प्रदर्शन आधुनिक युद्ध में भारत की आत्मनिर्भरता को नया आयाम देगा।



यूएई ने भारतीयों के लिए नामांकन-आधारित गोल्डन वीजा की शुरुआत की: अब स्थायी निवास बिना निवेश के संभव!

यूएई ने भारतीयों के लिए नामांकन-आधारित गोल्डन वीजा की शुरुआत की: अब स्थायी निवास बिना निवेश के संभव!


संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने भारतीय नागरिकों के लिए एक नई नामांकन-आधारित गोल्डन वीजा योजना की घोषणा की है, जो स्थायी निवास (लाइफटाइम रेजीडेंसी) प्रदान करती है — वो भी बिना किसी संपत्ति या व्यापार में निवेश के। इस योजना के तहत पात्र व्यक्ति केवल एक बार AED 1,00,000 (लगभग ₹23.3 लाख) का भुगतान करके UAE में स्थायी रूप से बस सकते हैं।

इस नई गोल्डन वीजा योजना की मुख्य बातें:

✅ जीवनभर के लिए यूएई में निवास का अधिकार

✅ कोई रियल एस्टेट या व्यापार में निवेश जरूरी नहीं

✅ सिर्फ एक बार भुगतान: AED 1,00,000

✅ योग्यता आधारित नामांकन प्रणाली

✅ विशेष रूप से पेशेवरों, उद्यमियों, कलाकारों और उच्च-प्राप्तकर्ताओं के लिए उपयुक्त


यह योजना डॉक्टरों, इंजीनियरों, आईटी पेशेवरों, शिक्षाविदों, कलाकारों और अन्य प्रतिभाशाली व्यक्तियों के लिए UAE में करियर और जीवन का नया रास्ता खोलती है।

क्यों महत्वपूर्ण है यह बदलाव?

UAE में पहले से ही 35 लाख से अधिक भारतीय नागरिक रहते हैं। यह नया कदम दोनों देशों के बीच के आर्थिक और सामाजिक संबंधों को और मज़बूत करेगा। साथ ही यह UAE की उस सोच को दर्शाता है जिसमें वो दुनियाभर की प्रतिभाओं को आकर्षित करना चाहता है, न कि सिर्फ निवेशकों को।

आवेदन कैसे करें?

इस योजना के तहत आवेदन प्रत्यक्ष रूप से नहीं किया जा सकता, बल्कि किसी मान्यता प्राप्त संस्था या सरकारी निकाय द्वारा नामांकित होना आवश्यक है। नामांकन स्वीकृत होने के बाद, आवेदक को AED 1,00,000 की एकमुश्त राशि का भुगतान करना होगा और इसके बाद उसे स्थायी निवास अधिकार मिल जाता है।

निष्कर्ष

UAE द्वारा भारतीय नागरिकों के लिए शुरू की गई यह गोल्डन वीजा योजना एक क्रांतिकारी पहल है। यह उन भारतीयों के लिए एक सुनहरा अवसर है जो बिना निवेश किए यूएई में स्थायी जीवन और करियर बनाना चाहते हैं।

इस ऐतिहासिक कदम से न केवल UAE को वैश्विक प्रतिभाओं का केंद्र बनने में मदद मिलेगी, बल्कि भारत और यूएई के रिश्ते भी और मजबूत होंगे।

केरल के शख्स ने घर पर बनाई अपनी ड्रीम लैम्बॉर्गिनी, अल्टो के पहियों और कबाड़ के पुर्जों से तैयार की कार!


केरल के एक युवक ने अपने जुनून और जज्बे से वह कर दिखाया जिसे सुनकर लोग हैरान हैं। इस शख्स ने महंगी स्पोर्ट्स कार लैम्बॉर्गिनी का सपना साकार करते हुए उसे खुद घर पर बना लिया — वो भी मारुति अल्टो के पहियों और कबाड़ के पार्ट्स से।

सपने को दिया हकीकत का आकार

इडुक्की जिले के रहने वाले 29 वर्षीय बिबिन थॉमस हमेशा से लैम्बॉर्गिनी कार का सपना देखते थे। लेकिन करोड़ों की इस कार को खरीद पाना उनके लिए संभव नहीं था। ऐसे में उन्होंने ठान लिया कि अब वो अपनी ड्रीम कार खुद ही बनाएंगे।

किसी भी तरह की इंजीनियरिंग की पढ़ाई न करने के बावजूद बिबिन ने यूट्यूब वीडियो, कुछ तकनीकी किताबों और अपने आत्मविश्वास के दम पर इस प्रोजेक्ट की शुरुआत की।

अल्टो के पहिए, स्क्रैप से बनी बॉडी

बिबिन की इस कार की नींव एक पुरानी मारुति अल्टो की चेसिस और इंजन से रखी गई। कार का बाहरी ढांचा पुराने लोहे के टुकड़ों, बाइक के पार्ट्स और अन्य स्थानीय सामान से तैयार किया गया। उन्होंने खुद ही कार की बॉडी को काटा, जोड़ा, और आकार दिया ताकि वह असली लैम्बॉर्गिनी जैसी दिख सके।

इस कार को बनाने में उन्हें एक साल से ज्यादा का समय लगा और इस दौरान उन्होंने कई रातें बिना सोए बिताईं। सबसे बड़ी चुनौती थी — लैम्बॉर्गिनी के सिग्नेचर “स्किसर डोर्स” और स्टाइलिश डिज़ाइन को हूबहू बनाना।

सोशल मीडिया पर मचा धमाल

कार के तैयार होने के बाद बिबिन ने उसकी तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किए, जो तेज़ी से वायरल हो गए। इंस्टाग्राम रील्स और यूट्यूब पर लाखों लोगों ने उनके टैलेंट को सराहा और उनकी जुगाड़ तकनीक की तारीफ की।

जुनून की मिसाल

हालांकि यह कार असली लैम्बॉर्गिनी जैसी तेज़ नहीं है, लेकिन इसका लुक लोगों का ध्यान खींचने में ज़रूर कामयाब है। यह कार अब उनके सपनों की पहचान बन चुकी है और उन्होंने यह साबित कर दिया कि पैसे से ज़्यादा ज़रूरी होता है जज़्बा।

अब देशभर से ऑटोमोबाइल कंपनियां और डिजाइन संस्थान बिबिन के काम में रुचि दिखा रहे हैं।

निष्कर्ष

बिबिन थॉमस की यह देसी लैम्बॉर्गिनी सिर्फ एक कार नहीं, बल्कि एक ऐसे इंसान की कहानी है जिसने सीमित संसाधनों में भी असीमित सपना पूरा किया। कबाड़ के पुर्जों और जुनून से बनी ये कार आज लाखों लोगों के लिए प्रेरणा बन चुकी है।

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