
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने सोमवार को पुणे में अपनी नई उपलब्धि, स्वदेशी माउंटेड गन सिस्टम (MGS) का सफल प्रदर्शन किया। यह उन्नत ट्रक-माउंटेड तोप प्रणाली न केवल उच्च मारक क्षमता रखती है, बल्कि आधुनिक युद्ध के परिदृश्य में सेना को तेज और सुरक्षित जवाबी हमला करने में भी सक्षम बनाएगी।
यह स्वदेशी तोपखाना प्रणाली DRDO के नेतृत्व में देश की रक्षा सार्वजनिक उपक्रमों (DPSUs), अग्रणी निजी कंपनियों और प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों के सहयोग से विकसित की गई है। भारत फोर्ज और टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स जैसे उद्योग इस परियोजना के प्रमुख भागीदार हैं।
आधुनिक तकनीक और युद्धक्षमता
एमजीएस को विशेष रूप से रेगिस्तानी इलाकों और दुर्गम पहाड़ों में काम करने के लिए डिजाइन किया गया है। यह प्रणाली 155 मिमी/52 कैलिबर की तोप से लैस है, जो प्रति मिनट छह राउंड तक फायर कर सकती है। इसका निर्माण उन्नत टोड आर्टिलरी गन सिस्टम (ATAGS) से प्रेरित है। इसमें ऑटोमैटिक गन अलाइनमेंट, इंटीग्रेटेड फायर कंट्रोल सिस्टम और 24 प्रोजेक्टाइल की ऑटोमैटिक एम्युनिशन मैनेजमेंट शामिल है।
एमजीएस को BEML द्वारा निर्मित टाट्रा 8×8 वाहन पर लगाया गया है, जो 80 किमी/घंटा तक की रफ्तार से सड़क पर और 40 किमी/घंटा तक उबड़-खाबड़ रास्तों पर चल सकता है। सात सदस्यीय चालक दल को बख्तरबंद केबिन में पूर्ण सुरक्षा मिलती है।
सटीकता और तेज तैनाती
यह माउंटेड गन सिस्टम 45 किमी तक की दूरी तक सटीकता से लक्ष्य भेद सकता है और महज 85 सेकंड में स्थान बदल सकता है, जिससे यह दुश्मन के पलटवार से बच सकता है। पोकरण और बालासोर में इसके 100 से अधिक फायरिंग परीक्षण सफलतापूर्वक किए जा चुके हैं।
लागत में भी प्रभावी
‘मेक इन इंडिया’ अभियान के तहत तैयार यह प्रणाली विदेशी विकल्पों की तुलना में काफी सस्ती है। जहां आयातित विकल्पों की कीमत करीब ₹40 करोड़ होती है, वहीं एमजीएस की अनुमानित लागत मात्र ₹15 करोड़ है। भारतीय सेना 700 से 800 यूनिट शामिल करने की योजना बना रही है, जिसमें भारत फोर्ज प्रमुख निर्माण साझेदार होगा।
वैश्विक मानकों की बराबरी
एमजीएस, फ्रांस की सीज़र और इज़राइल की एटीएमओएस जैसी वैश्विक तोप प्रणालियों के समकक्ष है। अहमदनगर के वाहन अनुसंधान और विकास प्रतिष्ठान (VRDE) में इसका सफल प्रदर्शन आधुनिक युद्ध में भारत की आत्मनिर्भरता को नया आयाम देगा।
—
3 thoughts on “डीआरडीओ ने पेश किया स्वदेशी माउंटेड गन सिस्टम, सेना की ताकत में होगा जबरदस्त इजाफा!”