इंग्लैंड के खिलाफ Yashasvi Jaiswal का शतक, पांचवें टेस्ट में भारत को दिलाई मजबूती!

इंग्लैंड के खिलाफ Yashasvi Jaiswal का शतक, पांचवें टेस्ट में भारत को दिलाई मजबूती!

Yashasvi Jaiswal ने एक बार फिर इंग्लैंड के खिलाफ कमाल करते हुए पांचवें टेस्ट की दूसरी पारी में शानदार शतक जड़ा। जानें उनकी इस पारी ने भारत की स्थिति को कैसे किया मजबूत।

भारतीय क्रिकेट टीम के युवा बल्लेबाज़ Yashasvi Jaiswal ने एक बार फिर अपनी शानदार बल्लेबाज़ी से सभी को प्रभावित किया है। द ओवल में खेले जा रहे पांचवें और आखिरी टेस्ट मैच की दूसरी पारी में उन्होंने शानदार शतक जड़ते हुए टीम इंडिया की पकड़ को मजबूत बना दिया।

पहली पारी में हुए फेल, दूसरी में की जबरदस्त वापसी



जहां पहली पारी में Yashasvi Jaiswal ज्यादा रन नहीं बना सके और जल्दी आउट हो गए, वहीं दूसरी पारी में उन्होंने अपने अनुभव और आत्मविश्वास का शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने इंग्लैंड के गेंदबाज़ों को पूरी तरह से थका दिया और मैदान पर डटे रहे।

Yashasvi Jaiswal ने 51वें ओवर में पूरा किया शतक


Yashasvi Jaiswal ने 51वें ओवर में अपने शतक की बाउंड्री लगाई और इस अहम टेस्ट मुकाबले में टीम को मजबूत स्थिति में पहुंचा दिया। उनकी इस पारी में तकनीक और आक्रामकता का संतुलन देखने लायक था।

इंग्लैंड के खिलाफ चौथा शतक



यह Yashasvi Jaiswal के करियर का छठा टेस्ट शतक है और खास बात यह है कि इनमें से चार शतक उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ बनाए हैं। यह आंकड़े बताते हैं कि इंग्लैंड के खिलाफ वह एक अलग ही लय में खेलते हैं।

प्रमुख आँकड़े:

कुल टेस्ट शतक: 6

इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट शतक: 4

मौजूदा टेस्ट में शतक: दूसरी पारी में, 51वें ओवर में

उम्र: 24 साल

स्थान: द ओवल, लंदन

टीम की प्रतिक्रिया



कप्तान और कोच दोनों ने Yashasvi Jaiswal की इस पारी की जमकर सराहना की। कप्तान ने कहा,

> “जायसवाल ने जिस तरीके से दबाव में संभलकर बल्लेबाज़ी की, वह उनकी परिपक्वता और आत्मविश्वास को दर्शाता है।”



टीम प्रबंधन का मानना है कि जायसवाल की यह पारी आने वाले विदेशी दौरों में उन्हें एक मजबूत सलामी बल्लेबाज़ के रूप में स्थापित कर सकती है।

भारत की बढ़त हुई मजबूत



जायसवाल की इस शानदार पारी के दम पर भारत ने दूसरी पारी में अच्छा स्कोर खड़ा किया, जिससे इंग्लैंड को दबाव में लक्ष्य का पीछा करना होगा। यह पारी भारत को टेस्ट मैच में निर्णायक बढ़त दिला सकती है।

निष्कर्ष


Yashasvi Jaiswal ने यह साबित कर दिया है कि वह बड़े मौकों के खिलाड़ी हैं। पहली पारी की विफलता को पीछे छोड़ते हुए उन्होंने दूसरी पारी में शतक बनाकर न सिर्फ खुद को साबित किया, बल्कि टीम को भी संकट से उबारा। इंग्लैंड के खिलाफ उनकी यह पारी भारतीय टेस्ट क्रिकेट में एक और यादगार अध्याय जोड़ती है।

अगर जायसवाल इसी लय में आगे बढ़ते रहे, तो आने वाले वर्षों में वे भारत के सबसे भरोसेमंद टेस्ट सलामी बल्लेबाज़ बन सकते हैं। उनका यह शतक सिर्फ एक रन संख्या नहीं, बल्कि मानसिक मजबूती, निरंतरता और समर्पण का प्रतीक है।

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